सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

PATANJALI DANT KANTI VS VICCO VAJRADANTI | पतंजलि दंत कांति फायदेमंद है या विको वज्रदंती

 PATANJALI DANT KANTI VS VICCO VAJRADANTI 


ये दोनों आयुर्वेदिक उत्पाद हैं और दोनों प्रतिष्ठित कंपनियों के उत्पाद हैं किन्तु उपभोक्ता पतंजलि दंत कांति ले या विको वज्रदंती ले इस विषय पर आज हम विस्तृत विश्लेषण करने वाले हैं।


पतंजलि दंत कांति के फायदे

 Patanjali Dant kanti पूर्णतः स्वदेशी और आयुर्वेदिक औषधि की श्रेणी का उत्पाद हैं जिसमें निम्नलिखित तत्व मौजूद होते हैं और इन तत्वों के फायदे नुकसान भी जानिए

पतंजलि दंत कांति टूथपेस्ट, patanjali dant Kanti doothpaste


1.अकरकरा  Anacyclus Pyrethrum 

पतंजलि दंत कांति के प्रति 10 ग्राम टूथपेस्ट में 20 मिली ग्राम अकरकरा की जड़ का रस मिला होता हैं।

• आयुर्वेद चिकित्सा में अकरकरा वर्षों से दांतों की समस्या और गले के संक्रमण को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता रहा हैं।

• अकरकरा में N - alkylamides नामक एल्कलॉइड होता हैं यह तत्व दांतों के दर्द, मसूड़ों की सूजन और मुंह से दुर्गंध दूर करता हैं।

• N- alkylamides जिसे Pellitorin भी कहते हैं खून का थक्का बनने में मदद करता अतः दंत कांति में मौजूद अकरकरा पायरिया के कारण मसूड़ों से निकलने वाले खून का रिसाव नियंत्रित करता हैं।


2.नीम Azadirachta indica 

Patanjali Dant kanti में दांतों के आयुर्वेद की सबसे महत्वपूर्ण औषधि नीम की छाल का सत मिला होता हैं। 10 ग्राम पतंजलि दंत कांति टूथपेस्ट में 10 मिली ग्राम नीम की छाल का सत होता हैं।

• नीम की छाल में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो मुंह में बनने वाले एसिड़ के निर्माण को नियंत्रित करते हैं। एसिड़ का कम निर्माण होने से दांतों की बाहरी परत सुरक्षित रहती हैं।[√]

• नीम की छाल में एंटी बेक्टेरियल गुणधर्म होते हैं जो मुंह से आने वाली दुर्गंध और दांतों को सड़न को रोकते हैं।

3.बबूल Acacia arabica 

पतंजलि दंत कांति टूथपेस्ट में प्रति 10 ग्राम टूथपेस्ट 20 मिली ग्राम बबूल की छाल का सत होता हैं।


• बबूल की छाल में टैनिन प्रचुरता से पाया जाता हैं जो मसूड़ों की सूजन कम करता हैं और मसूड़ों के घाव को जल्दी भरने में मदद करता हैं।

• बबूल को आयुर्वेद चिकित्सा में रसायन माना जाता हैं जो नवयौवन प्रदान करता हैं बबूल की छाल भी यही गुणधर्म दर्शाती हैं अतः इससे मुंह की त्वचा स्वस्थ्य बनी रहती हैं।

4.तोमर Xanthoxylum alatum 

पतंजलि दंत कांति में प्रति 10 ग्राम टूथपेस्ट 20 मिली ग्राम तोमर बीज का सत होता हैं।

• तोमर बीज बहुत तेज सुगंध पैदा करतें हैं यह तेज सुगंध तोमर बीज में मौजूद तेल के कारण होती हैं तोमर की यह सुगंध मुंह की दुर्गंध दूर करती हैं।

• प्राचीन काल से ही तोमर बीज को पानी में मिलाकर गरारे किए जातें हैं क्योंकि तोमर बीज की घाव भरने की प्रकृति गले के घावों को ठीक करती हैं।

5.पुदीना Mentha spicata 

पतंजलि दंत कांति में 10 मिली ग्राम पुदीना पत्ती का रस मिला होता हैं।

• पुदीना भारतीय पारंपरिक चिकित्सा विज्ञान में सदियों से उपयोग हो रहा हैं इसकी सुगंधित प्रकृति सांसों की बदबू को रोकती हैं।

• पुदीना का रस पानी में मिलाकर गरारे करने से गले की खराश दूर होती हैं।

• पुदीना अत्यंत शीतल प्रकृति का होता हैं जो मुंह के छालों की जलन कम करता हैं।

6.लौंग Syzgium aromaticum 

प्रति 10 ग्राम 10 मिली ग्राम लौंग का सत 

• लौंग में मौजूद तेल जबरदस्त एंटी बेक्टेरियल होता हैं जो दांतों में मौजूद बैक्टीरिया को समाप्त करता हैं।

•  लौंग में Methyl salicylate होता हैं जो मुंह की त्वचा और दांतों के लिए एनेस्थेटिस्ट और Analgesic की तरह काम करता हैं। दांतों के दर्द को यह तुरंत कम करता है।

• लौंग में Furfuric acid होता हैं जो दांतों पर सुरक्षा की परत चढ़ा देता हैं जिससे दांत लम्बें समय तक हानिकारक कीटाणुओं से सुरक्षित रहते हैं।

7.पीपली (छोटी) Piper sylvaticum 

प्रति 10 ग्राम दंत कांति टूथपेस्ट में 10 मिली ग्राम छोटी पीपली के फल का सत होता हैं।

• छोटी पीपली में दांतों की जड़ में हो रहे दर्द और दांतों की मांसपेशियों में हो रहे खिंचाव को रोकने की क्षमता मौजूद होती हैं।

8.वज्रदंती Barleria prionitis 

प्रति 10 ग्राम दंत कांति टूथपेस्ट में 10 मिली ग्राम वज्रदंती के सम्पूर्ण पेड़ का सत होता हैं।

• भारत में प्राचीन काल से महिलाएं  वज्रदंती के रस और शहद को मिलाकर  अपने बच्चों के मसूड़ों और दांतों की मालिश कर रही हैं ताकि बच्चों के दांत वज्र के समान कठोर हो जाएं।

9.बकुल Mimusops elengi 

Patanjali Dant kanti toothpaste के प्रति 10 ग्राम में 10 मिली ग्राम बकुल के तने का सत होता हैं।

• बकुल दांतों को घिसने से रोकता हैं।

• बकुल ढीलें दांतों में कसावट लाकर उन्हें मजबूत बनाता हैं।

10.विडंग Embelia ribes

प्रति 10 ग्राम दंत कांति टूथपेस्ट में 10 मिली ग्राम विडंग सत होता हैं।

• विडंग किटाणु नाशक होता हैं जो मुंह की त्वचा और दांतों में मौजूद हानिकारक कीटाणुओं को मार देता है।

• विडंग फंफूदरोधी भी होता हैं जिससे मुंह में फंगस का प्रभाव नहीं हो पाता हैं।

11.हल्दी Curcuma longa

पतंजलि दंत कांति टूथपेस्ट के प्रति 10 ग्राम में 10 मिली ग्राम हल्दी का सत होता हैं।

• आयुर्वेद चिकित्सा में हल्दी का प्रयोग हाल ही के वर्षों में बहुत अधिक बड़ा हैं। हल्दी पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर गरारे किए जातें हैं ताकि मुंह के कैंसर से सुरक्षा मिले।


12.पीलू (मेसवाक) Salvadora persica 


दंत कांति में 10 मिली ग्राम मेसवाक प्रति 10 ग्राम टूथपेस्ट होता हैं।

• मेसवाक में क्लोराइड, सोडियम बायो कार्बोनेट और पोटेशियम मौजूद होता हैं जो दांतों का मजबूत बनाता हैं।

• मेसवाक दांतों पर प्लाक की परत जमने से रोकता हैं।

13.माजूफल Quercus infectiria 

पतंजलि दंत कांति के प्रति 10 ग्राम टूथपेस्ट में 5 मिली ग्राम माजूफल के फल का सत होता हैं।

• माजूफल का उपयोग मसूड़ों की सूजन कम करने के लिए आदिवासी समाज सदियों से करते आ रहे हैं।

• माजूफल में टैनिन प्रचुरता से पाया जाता हैं जो कि गले की खराश दूर करता हैं।

पतंजलि दंत कांति टूथपेस्ट में पाए जानें वाले अन्य तत्व

Calcium carbonate base

Preservative: Sodium Benzoate Q S

Fluoride content 924 PPM



विको वज्रदंती टूथपेस्ट

VICCO VAJRADANTI,विको वज्रदंती टूथपेस्ट


विको वज्रदंती टूथपेस्ट विको लेबोरेटरी का उत्पाद हैं। यदि देखा जाए तो विको वज्रदंती कई दशकों से भारतीय टूथपेस्ट बाजार में मौजूद हैं। 

विको वज्रदंती भी पूर्णतः आयुर्वेदिक औषधि श्रेणी का उत्पाद हैं।

विको वज्रदंती में निम्नलिखित तत्व मौजूद होते हैं

1.मुलेठी Indian licorice root, Glycyrrihze glabra


विको वज्रदंती टूथपेस्ट में मुलेठी की जड़ का सत होता हैं।

• मुलेठी वर्षों से आयुर्वेद चिकित्सा में गले की खराश मिटाने के लिए उपयोग की जा रही हैं।

• मुलेठी की जड़ में एंटी बेक्टेरियल गुणधर्म होता हैं जिससे यह मुंह के बैक्टीरिया का सफाया करती हैं।

• विको वज्रदंती टूथपेस्ट में मौजूद मुलेठी में Glycyrrnizin और Glucose होता हैं इन्हीं दो तत्वों के कारण मुलेठी का स्वाद मीठा होता हैं और मुलेठी शीतल प्रकृति की हो जाती हैं।
शीतल प्रकृति के कारण मुंह के छालों की जलन कम करती हैं।

2.Currant Ribes 

• विको वज्रदंती टूथपेस्ट में मौजूद करंट में प्रचुरता से विटामिन सी पाया जाता हैं जो पायरिया की रोकथाम करने में मदद करता हैं।

3.आम बैर,Common jujube,Ziziphus jujuba


• विको वज्रदंती टूथपेस्ट में मौजूद आम बैर दांतों और मुंह में एसिड की मात्रा कम करता हैं जिससे दांतों का क्षरण रुकता हैं।

4.Rose Apple,Syzygium jambos


• विको वज्रदंती टूथपेस्ट में रोज एपल मिला होता हैं जो मुंह की दुर्गंध दूर करता हैं।

• रोज एपल में कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम प्रचुरता से पाया जाता है जो दांतों को मजबूत रखता हैं।


5.वज्रदंती Barleria prionitis


6.Asian holly oak,Quercus ilex

• विको वज्रदंती टूथपेस्ट में एशियन हाली ओक मिला होता हैं यह तत्व मुंह के छालों के घाव भरने में मदद करता हैं।


7.Persian walnut,Juglans regia

 विको वज्रदंती टूथपेस्ट में मौजूद परसियन वालनट मुंह का एसिड़ कम करता हैं जिससे Dental decay नहीं होता हैं।


8.Prickly Ash, Toothache tree, Xanthoxylum American um


• एक शोध के अनुसार Prickly Ash पेड़ की छाल शरीर में बहुत अधिक नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को नियंत्रित करती हैं। अधिक मात्रा में नाइट्रिक ऑक्साइड का शरीर में उत्पादन सूजन के लिए उत्तरदायी होता हैं। 

9.Indian almond,Terminalia catappa


• Indian Almond फास्फोरस का बहुत अच्छा स्त्रोत होता हैं जो दांतों को मजबूत रखता हैं।


10.bedda nut, बहेड़ा फल,Terminalia bellirica


बहेड़ा फल प्राचीन काल से आयुर्वेद चिकित्सा में दांतों के दर्द और मसूड़ों की सूजन कम करने के लिए उपयोग किया जा रहा हैं।

11.Bishop's tree, Bischofia javanica 

• बिसप ट्री में मौजूद तेल दांतों को संक्रमण से मुक्त रखकर दांतों को चमकीला बनाता हैं।

12.Sarsaparilla,Smilax plants


• sarsaparilla दांतों को कीटाणुओं से सुरक्षित रखता हैं।


13.Catechu,Senegalia catechu


• Catehu या कत्था दांतों के दर्द और मसूड़ों की सूजन को कम करता हैं।

14.Sappan wood


15.medlar

16.Cinnamon

17.Gum arabic

18.bengal medder

19.mayweed flavour

20.Sodium saccharine

21.Methyl hydroxy Benzoate Sodium

22.Fine chalk 

23.Water 

24.Sarbitol

25.Sodium lauryl sulphate

26.Gum Tragacanth


PATANJALI DANT KANTI VS VICCO VAJRDANTI

• पतंजलि दंत कांति टूथपेस्ट मसूड़ों की समस्या, दांतों में दर्द और मसूड़ों से खून निकलना जैसी समस्याओं में अच्छा फायदा पहुंचाता हैं।

• विको वज्रदंती टूथपेस्ट मुंह से दुर्गंध और दांतों को चमकदार बनाने में अच्छा हैं।

• पतंजलि दंत कांति टूथपेस्ट सांसों की बदबू में विको वज्रदंती टूथपेस्ट के मुकाबले कम फायदेमंद हैं।

• पतंजलि दंत कांति टूथपेस्ट में मौजूद तत्वों का वर्णन पेकेट पर और टूथपेस्ट पर बहुत बेहतर तरीके से और आयुर्वेदिक प्रमाण के हिसाब से किया गया हैं जबकि विको वज्रदंती टूथपेस्ट में सिर्फ इतना ही लिखा हैं कि यह टूथपेस्ट आयुर्वेदिक औषधियों से निर्मित हैं।

• विको वज्रदंती टूथपेस्ट बहुत अधिक समय से भारतीय टूथपेस्ट मार्केट में मौजूद हैं अतः इसका एक विशेष उपभोक्ता वर्ग हैं। 

• पतंजलि दंत कांति टूथपेस्ट ने बाजार में पहले से मौजूद टूथपेस्ट कोलगेट, पेप्सोडेंट, आदि के बाजार को एक हद तक चुनौती दी हैं ‌।

• विको वज्रदंती टूथपेस्ट के मुकाबले पतंजलि दंत कांति गांव की छोटी सी किराना दुकान पर आसानी से उपलब्ध हैं।

• पतंजलि दंत कांति टूथपेस्ट एक कदम आगे बढ़कर नई नई औषधियां टूथपेस्ट में मिलाकर इसे अधिक बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं जबकि विको वज्रदंती टूथपेस्ट वैसा ही है जैसा चालीसा साल पहले था।

• दांतों को मजबूत बनाने में दोनों टूथपेस्ट बेहतर है किसी का भी चुनाव किया जा सकता हैं।

• पतंजलि दंत कांति टूथपेस्ट और विको वज्रदंती टूथपेस्ट दोनों ही कीमत के मामले में समान ही हैं। 

• विको वज्रदंती टूथपेस्ट में फ्लोराइड नहीं होता हैं इस हिसाब से यह बच्चों के लिए सुरक्षित हैं।

• पतंजलि दंत कांति टूथपेस्ट और विको वज्रदंती टूथपेस्ट दोनों ट्राइक्लोसन फ्री हैं।



यह भी पढ़ें 👇






टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
Nice information

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गेरू के औषधीय प्रयोग

गेरू के औषधीय प्रयोग गेरू के औषधीय प्रयोग   आयुर्वेद चिकित्सा में कुछ औषधीयाँ सामान्य जन के मन में  इतना आश्चर्य पैदा करती हैं कि कई लोग इन्हें तब तक औषधी नही मानतें जब तक की इनके विशिष्ट प्रभाव को महसूस नही कर लें । गेरु भी उसी श्रेणी की   आयुर्वेदिक औषधी   हैं। जो सामान्य मिट्टी   से   कहीं अधिक   इसके   विशिष्ट गुणों के लिए जानी जाती हैं। गेरु लाल रंग की मिट्टी होती हैं। जो सम्पूर्ण भारत में बहुतायत मात्रा में मिलती हैं। इसे गेरु या सेनागेरु कहते हैं। गेरू  आयुर्वेद की विशिष्ट औषधि हैं जिसका प्रयोग रोग निदान में बहुतायत किया जाता हैं । गेरू का संस्कृत नाम  गेरू को संस्कृत में गेरिक ,स्वर्णगेरिक तथा पाषाण गेरिक के नाम से जाना जाता हैं । गेरू का लेटिन नाम  गेरू   silicate of aluminia  के नाम से जानी जाती हैं । गेरू की आयुर्वेद मतानुसार प्रकृति गेरू स्निग्ध ,मधुर कसैला ,और शीतल होता हैं । गेरू के औषधीय प्रयोग 1. आंतरिक रक्तस्त्राव रोकनें में गेरू शरीर के किसी भी हिस्से में होनें वाले रक्तस्त्राव को कम करने वाली सर्वमान्य औषधी हैं । इसके ल

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER  पतंजलि आयुर्वेद ने high blood pressure की नई गोली BPGRIT निकाली हैं। इसके पहले पतंजलि आयुर्वेद ने उच्च रक्तचाप के लिए Divya Mukta Vati निकाली थी। अब सवाल उठता हैं कि पतंजलि आयुर्वेद को मुक्ता वटी के अलावा बीपी ग्रिट निकालने की क्या आवश्यकता बढ़ी। तो आईए जानतें हैं BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER के बारें में कुछ महत्वपूर्ण बातें BPGRIT INGREDIENTS 1.अर्जुन छाल चूर्ण ( Terminalia Arjuna ) 150 मिलीग्राम 2.अनारदाना ( Punica granatum ) 100 मिलीग्राम 3.गोखरु ( Tribulus Terrestris  ) 100 मिलीग्राम 4.लहसुन ( Allium sativam ) 100  मिलीग्राम 5.दालचीनी (Cinnamon zeylanicun) 50 मिलीग्राम 6.शुद्ध  गुग्गुल ( Commiphora mukul )  7.गोंद रेजिन 10 मिलीग्राम 8.बबूल‌ गोंद 8 मिलीग्राम 9.टेल्कम (Hydrated Magnesium silicate) 8 मिलीग्राम 10. Microcrystlline cellulose 16 मिलीग्राम 11. Sodium carboxmethyle cellulose 8 मिलीग्राम DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER INGREDIENTS 1.गजवा  ( Onosma Bracteatum) 2.ब्राम्ही ( Bacopa monnieri) 3.शंखपुष्पी (Convolvulus pl

होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर #1 से नम्बर #28 तक Homeopathic bio combination in hindi

  1.बायो काम्बिनेशन नम्बर 1 एनिमिया के लिये होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर 1 का उपयोग रक्ताल्पता या एनिमिया को दूर करनें के लियें किया जाता हैं । रक्ताल्पता या एनिमिया शरीर की एक ऐसी अवस्था हैं जिसमें रक्त में हिमोग्लोबिन की सघनता कम हो जाती हैं । हिमोग्लोबिन की कमी होनें से रक्त में आक्सीजन कम परिवहन हो पाता हैं ।  W.H.O.के अनुसार यदि पुरूष में 13 gm/100 ML ,और स्त्री में 12 gm/100ML से कम हिमोग्लोबिन रक्त में हैं तो इसका मतलब हैं कि व्यक्ति एनिमिक या रक्ताल्पता से ग्रसित हैं । एनिमिया के लक्षण ::: 1.शरीर में थकान 2.काम करतें समय साँस लेनें में परेशानी होना 3.चक्कर  आना  4.सिरदर्द 5. हाथों की हथेली और चेहरा पीला होना 6.ह्रदय की असामान्य धड़कन 7.ankle पर सूजन आना 8. अधिक उम्र के लोगों में ह्रदय शूल होना 9.किसी चोंट या बीमारी के कारण शरीर से अधिक रक्त निकलना बायोकाम्बिनेशन नम्बर  1 के मुख्य घटक ० केल्केरिया फास्फोरिका 3x ० फेंरम फास्फोरिकम 3x ० नेट्रम म्यूरिटिकम 6x