सिंधु घाट़ी सभ्यता के पतन के कारण :::
विश्व की सबसे प्राचीन नदी घाट़ी सभ्यताओं में शामिल सिंधु घाट़ी सभ्यता लगभग 600 वर्षों तक फलीभूत होनें के पश्चात ईसा के लगभग 1700 वर्षों पूर्व नष्ट़ हो गई इसके नष्ट़ होनें के कई कारण रहें हैं जैसें
#1. प्राकृतिक कारण =:
अनेक विद्धानों का मानना हैं कि यह सभ्यता प्राकृतिक आपदाओं जैसें महामारी,भयंकर आग,भूगर्भीय हलचल,नदियों का मार्ग परिवर्तन होनें,बाढ़ आदि की वज़ह से अपना मूल स्वरूप और आर्थिक आधार खो बैठी.
#2.विदेशी आक्रमण =:
अनेक विदेशी विद्धानों जैसें मार्शल,पिग्गट़ और व्हीलर का मानना हैं,कि आर्यों के आक्रमण ने हड़प्पा और मोहनजोदड़ों को नष्ट़ कर दिया.
#3.आर्थिक कारण =:
सिंधु घाट़ी सभ्यता (Indus velly civilisation) व्यापार केन्द्रित सभ्यता थी जिसके साक्ष्य हमें अनेक सैंधव स्थलों से प्राप्त हुये हैं.
व्यापार का शनै : शनै: पतन होनें से यह सभ्यता भी धिरे - धिरे नष्ट हो गई.
इसी प्रकार कृषि उत्पादन में कमी से भी इसका पतन सुनिश्चित हो गया.
# मानवीय कारण =:
सिंधु घाट़ी सभ्यता नगरीय सभ्यता थी. कालान्तर में इसके नगरों में बसनें हेतू लोगों का भारी दबाव पड़ा फलस्वरूप नगरों के संसाधन में कमी हुई और यह कमी नगर पूरी करनें में नगर असफल साबित हुए.अत : शनै: शनै: लोग इन नगरों से पलायन कर गये और सभ्यता नष्ट हो गई.
वास्तव में इस सभ्यता के पतन का कोई एक निश्चित कारण नहीं था बल्कि कई कारणों के अलग - अलग घट़ित होनें से यह सभ्यता नष्ट हो गई.
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