क्या है EXAMFOBHIA
दोंस्तों परीक्षा एक ऐसा शब्द हैं जिसका सामना प्रत्येक वर्ष हर विधार्थी को करना ही पड़ता हैं परन्तु कुछ विधार्थी पूरे पाठ्यक्रम को पूर्ण करनें के बाद भी परीक्षा के समय इतनें तनावग्रस्त हो जातें है कि परीक्षा हाल में सब भूल जातें हैं.़ यही स्थिति EXAMFOBIA हैं.
लक्षण::-
१. नींद नहीं आना.
२. पेट़ में मरोड़ ,पेट़ फूलना.
३.उल्टी दस्त.
४.पढ़ाई में मन न लगना.
५.पढ़ा हुआ भूलना.
६.बैचेनी.
७. चिड़चिड़ापन,गुस्सा,हड़बड़ी.
९. ब्लड में शुगर लेवल कम होना आदि समस्या उपस्थित हो जाती हैं.
EXAMFOBHIA का सामना ऐसे करें::-
२. लम्बी गहरी सांस लेकर परीक्षा हाल में पूर्ण एकाग्रता से चार - पाँच बार ऊँ का उच्चारण करें.
३. पानी पर्याप्त मात्रा में पीयें.
४. भोजन कम कैलोरी युक्त हो जिसमें हरी सब्जी सलाद और फलों का समावेश हो.
५.पढ़नें के दोरान बीच - बीच में ब्रेक अवश्य लें.
६. पढ़नें के बाद पढ़ा हुआ मन ही मन दोहरावें.
७. सुबह और रात को सारस्वतारिष्ट दो-दो चम्मच जल के साथ लें इससे एकाग्रता लानें में मदद मिलेगी.
८.ब्राम्ही वटी सुबह शाम एक-एक वटी जल के साथ लें इससे तनाव नहीं होता हैं
क्या न करें-::
१.जंक फूड़ न लें.
२.परीक्षा के दोरान नया पढ़नें की अपेक्षा पूरानें पढ़े हुए को दोहरायें.
३. भूखें न रहें.
अंत में यही कहना चाहूँगा की परीक्षा विषयों की होती हैं जिंदगी की नहीं महात्मा गांधी से लेकर सचिन तेंडुलकर तक अपने जीवन में औसत विधार्थी रहें है क्योंकि उन्होंनें वही किया जो उनके दिल को अच्छा लगा इसलिये वही करें जो मन को अच्छा लगें पढ़ाई और जीवन दोनों में यह बात समानता से लागू होती हैं.
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