आम तौर पर हमारे शरीर को सभी मौसम में विटामिन और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। संक्रमण पैदा करने वाले कीटाणु बिना किसी मौसम के जानते किसी भी समय आपको हानि पंहुचा सकते हैं। आज के आधुनिक व्यस्त जीवन शैली में स्वस्थ जीवन की दिशा में शरीर का कायाकल्प और पुनरुद्धार एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम बन गया है। इस भागती-दौड़ती जीवनशैली में स्वास्थ्य एक ऐसा कारक है जिसकी अक्सर उपेक्षा की जाती है। इसीलिए आवश्यक है कि आहार के साथ साथ पूरक द्रव्यों का नियमित सेवन करे। इसके चलते उंझा फार्मसी ने एक बेहतर प्रोडक्ट बनाया है जिसे उंझा राजाशाही शक्ति अमृत रसायन के रूप में जाना जाता है।
उंझा राजाशाही शक्ति अमृत रसायन स्वर्ण भस्म, हीरक भस्म, मुक्त पिष्टी, बंग भस्म, चांदी वर्क, शुद्ध शिलाजीत, जावन्त्री, केशर, तज, बादाम, काजू, मुन्नका, अश्वगंधा, मूसली, जैसे उत्तम स्वास्थ्यवर्धक औषधियों के मिश्रण से बना है। राजाशाही शक्ति अमृत रसायन एक बेहतर रसायन, , वाजीकरण तथा बलवर्धक है। जिसके दैनिक सेवन से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, बेहतर पाचन को बढ़ावा देता है तथा यौन शक्ति बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी है, और कई अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं में भी फायदेमंद है।
राजाशाही शक्तिअमृत रसायन
राजाशाही शक्तिअमृत रसायन राजाशाही शक्ति अमृत रसायन
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यह रसायन, वाजीकरण तथा बलवर्धक है। पाचन क्रिया की कमजोरी में भी फायदेमंद है। शुक्रवह संस्थान पर प्रभावी है।
राजाशाही शक्तिअमृत रसायन
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करें और सामान्य कमजोरी को कम करें तथा हृदय, मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
ऊंझा राजाशाही शक्ति अमृत रसायन के फायदे
१. द्राक्षावलेहः- द्राक्षावलेह स्फूर्ति वर्धक, रुचिवर्धक, रक्ताल्पता, अम्लपित, व विबंध में उपयोगी है। पेट को साफ करता है, पाचनशक्तिको नियमित रखने में सहायक है। यकृत और लीवर के विकारों में लाभकारी है, मुनक्का में प्रयाप्त मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंटस होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ान सहयोगी होते हैं।
हीरक भस्मः- हीरक भस्म रसायन और देह को द्रढ़ बनानेवाली पौष्टिक, बलदायक और यौन शक्तिको बढ़ाता है। यह शरीर में अवांछित कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में फायदेमंद है, विषम ज्वर, हृदय रोग, पाण्डु, कामला, उदर रोग, प्रमेह, धातुगत विकार, स्तंभन दोष, शुकाणु दोष की समस्या आदि में हितकारी है।
सुवर्ण भस्म:- सुवर्ण भस्म मे एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। यह प्रतिरोधक क्षमता वर्धक, रसायन व त्रिदोषनाशक है। जो हृदय के लिए हितकारी, वाजीकारक, रक्त को शुद्ध करने के लिए, शारीरिक एवं मानसिक व्याधि में फायदेमंद, कई प्रकार के कैंसर के उपचार में, यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और त्वचा की समस्याओं आदि को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है।
रजत:- मस्तिष्क, वातवाहिनी, और तंत्रिकातंत्रो की कार्यशैली में सुधार करता है। शुक्राणुओं की अल्पता, मिर्गी, शारीरिक कमजोरी, क्षय रोग, मेघावर्धक, हृदय रोग, शुक्रवह स्त्रोतस एवं प्रतिरक्षा प्रणाली में फायदेमंद है।
श्वेत मुसली:- एक ऐसी शक्तिवर्धक जड़ी-बूटी है जो मुख्यतः शुक्रवह संस्थान पर विशेष रूप से प्रभावी है। स्तंभन दोष, शुकाणु दोष की समस्या, शुक्राणु की कमी, पेशाब में जलन आदि रोगों में श्वेत मूसली का प्रयोग लाभ पहुंचाता है।
जावंत्री :- यह प्रतिरक्षा प्रणाली और प्रतिरोध शक्तिको बढ़ाता है। डायबिटीस, पाचन संबंधी समस्या, अनिद्रा, वाजीकारक, हृदय के लिए फायदेमंद, सर्दी जुकाम, लिवर आदि की समस्या में मदद करता है ।
केसर:- केसर का इस्तेमाल शारीरिक व मानसिक शक्ति बढ़ाने और अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है। कमजोरी, सर्दी जुकाम, भूख बढ़ाने, कामोत्तेजक, मूत्र से संबंधित बीमारियों, मस्तिष्क दौर्बल्यता, स्तंभन दोष एवं रजोवरोध व कष्टार्तव में उपयोगी है।
८.शुद्ध शिलाजीत:- यह जो शक्तिवर्धक, धातुवर्धक और वीर्यवर्धक तथा शुक्रवह संस्थान में फायदेमंद है। थकान और तनाव को कम करता है तथा पेशाब में शर्करा, मूत्र विकार, एवं शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने में फायदेमंद है।
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बंग भस्मः - बंग भस्म विशेष रूप से शुक्रवह संस्थान पर प्रभावी है तथा प्रमेह में भी लाभकारी सिद्ध हुआ है। वातवाहि नी एवं मांसपेशियों में शिथिलता कम कर शुक्रवहसंस्थान और शुक्रधातु दोनोंको शक्तिऔर पुष्टि देनेवाली है।
१०. मोती पिष्टी:- शरीर में कैल्शियम की कमी में एवं पित्त को नियंत्रित करने में फायदेमंद है। मूत्र विकार, मांसपेशियों के दर्द, कमजोर हड्डियों में, हृदय विकारों में, दुर्बलता, मन्दाग्नि आदि रोगों में भी अधिक लाभदायी होती है।
११. बादाम :- बादाम फाइबर, प्रोटीन, विटामिन ई और विभिन्न महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। यह मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए बहुत लाभकारी हैं। हृदय रोग एवं कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में उपयोगी है एवं पाचन में सहायक होता है। प्रतिरक्षा प्रणाली को ताकत देने में मदद करते हैं।
ऊंझा राजाशाही शक्ति अमृत रसायन के फायदे
यह श्रेष्ठ रसायन, वाजीकरण एवं बलवर्धक तथा हृदय रोग, पाचन विकार, धातुगत विकार, शारीरिक क्षीणता, आदि में भी फायदेमंद है तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
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