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Health insurance लेने से पहले ये सावधानी जरुर रखें

Health insurance कोविड़ महामारी के बाद हर व्यक्ति की जुबान पर यही शब्द हैं,और शायद आपने health insurance companies के Insurance advisor से इस बारें में बात भी की हो

 लेकिन क्या आप जानते हैं,कोरोना के पीक के समय बहुत सी health insurance Company ने  अस्पताल में उपभोक्ताओं को corona कवर होते हुए भी बीमा सेटलमेंट या सेवा देने से इंकार कर दिया था ।

सोचिए जिस उपभोक्ता ने health insurance इस सोच के साथ लिया था कि वक्त जरुरत काम आएगा।

 यदि उसके साथ health insurance Company इस प्रकार का व्यवहार करती हैं तो उसका और उसके परिवार का स्वास्थ्य फिर भगवान भरोसे ही हैं। 

Health insurance Companies का इस तरह का व्यवहार देश में तब है जब यहां Insurance regulatory development authority IRDA जैसी नियामक संस्था मौजूद हैं । 

अतः हर वो व्यक्ति जो health insurance लेने की सोच रहा है health insurance लेने से पहले. उसको यह लेख जरूर पढ़ लेना चाहिए
हेल्थ इंश्योरेंस, health insurance



1.health insurance Company का उच्च दावा भुगतान रिकार्ड हो


Health insurance लेनें से पहले health insurance Companies का दावा भुगतान रिकार्ड जरुर चेक करें। 

यह जानकारी आपको उस कंपनी की वेबसाइट पर और कुछ स्वतंत्र health insurance समीक्षा करने वाली वेबसाइट पर मिल जाएगी।

दावा भुगतान रिकार्ड कितना होना चाहिए इस पर विशेषज्ञों में अलग अलग राय है लेकिन ऐसी कंपनी जो पिछले दस सालों से health insurance सेवा प्रदान कर रही हो का दस वर्षों औसत दावा भुगतान रिकार्ड 80 प्रतिशत के करीब होना ही चाहिए। 

जो कंपनियां health insurance sector में नई हैं उनका दावा भुगतान रिकार्ड भी 80 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए। 

जिन  health insurance companies के पास अपना internal claim settlement नेटवर्क हो उनसे health insurance लेने को प्राथमिकता में रखना चाहिए क्योंकि Third party claim settlement वाली health insurance companies की claim settlement process बहुत धीमी होती हैं।

यदि आपके health insurance में वरिष्ठ नागरिक हो तो जिन कंपनियों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से claim settlement desk होती हैं उन्हें भी प्राथमिकता सूची में रखना चाहिए।

2.Health insurance Companies से संबद्ध अस्पतालों का व्यापक नेटवर्क हो

जिस भी health insurance Company से हेल्थ इंश्योरेंस लें रहें हों उनसे संबद्ध अस्पतालों का व्यापक नेटवर्क होना चाहिए जिसमें मेट्रो शहर से लेकर छोटे अस्पताल भी सम्मिलित हो ताकि health insurance लेने के बाद छोटी बीमारियों के इलाज और क्लेम के लिए मेट्रो शहर की ओर न भागना पड़े। 

Health insurance लेने से पहले यह जानकारी आपके health insurance representative से लें लें और health insurance Companies की वेबसाइट पर क्रास चेक भी करें।


3.आयुष चिकित्सा पद्धति भी health insurance में सम्मिलित हों

 कुछ बीमारियों का इलाज आयुष चिकित्सा पद्धति में बहुत बेहतर है अतः health insurance लेते समय इस बात की तस्दीक आवश्यक रूप से कर लें कि आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा और योगा health insurance में सम्मिलित हों। 

यूनानी चिकित्सा पद्धति एक परिचय


कई health insurance Companies आयुष चिकित्सा पद्धति को हेल्थ इंश्योरेंस में सम्मिलित तो करती हैं परन्तु इस चिकित्सा पद्धति के कुछ नामी संस्थानों को ही मान्यता देती हैं जबकि छोटे शहरों के केन्द्र इससे अछूते रह जातें हैं, इससे कई लोग चाहकर भी लाभ नहीं लें पाते।

अतः इस हेतू अपने health insurance representative से बात करें और उनसे ऐसा करने को कहें, ई मेल के माध्यम से भी संबंधित कंपनी के उच्चाधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाए ताकि जरूरत के समय शीघ्र स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें और आपका health insurance लेने का उद्देश्य सफल हो सकें।

4.Health insurance companies के नियम और शर्तें ध्यान से पढ़ें

Health insurance companies नियम और शर्तें इतने छोटे छोटे शब्दों में लिखती हैं कि कोई भी इन्हें ध्यान पूर्वक नहीं पढ़ता,और health insurance company भी यही चाहती है कि उपभोक्ता नियम और शर्तों को ध्यान पूर्वक न पढ़ें ताकि क्लेम सेटलमेंट के समय नियम और शर्तों का हवाला देकर भुगतान को टाला जा सकें। 

इस अवस्था से बचने के लिए health insurance companies से कहें कि वह नियम और शर्तों से संबंधित दस्तावेज साफ और बड़े अक्षरों में लिखा हुआ होना चाहिए।

 आजकल टेक्नोलॉजी का जमाना है आप नियम और शर्तों से संबंधित जानकारी आडियो बुक के रूप में भी health insurance companies से हासिल करें। 

पूरें नियम और शर्तों से संतुष्ट होने के बाद ही health insurance policy के लिए भुगतान करें।


5.कौंन कौंन सी बीमारी health insurance policy में कवर होती हैं इसकी जानकारी स्पष्ट रूप से लें

बहुत से व्यक्ति health insurance policy लेने के पहले इस बात की पूरी तरह से तस्दीक नही करते हैं कि बीमा पालिसी में कौन-कौन सी बीमारी कवर हो रही है।

 ऐसे लोग जब health insurance representative से बात करते हैं तो वह सारी बड़ी बीमारी कवर होती है ।

यह कहकर व्यक्ति को health insurance policy लेने के लिए राजी कर लेता है किंतु बाद में जब व्यक्ति बीमा क्लेम मांगता हैं तो बीमा कंपनी फलां बीमारी कवर नहीं होती हैं कहकर पल्ला झाड़ लेती है।

अतः health insurance policy लेते समय सीमा पालिसी कौन-कौन सी बीमारी कवर करती हैं इसका लिखित रुप में अध्ययन कर लें।


6.पहले से चली आ रही बीमारी की सही जानकारी दें

health insurance लेने से पहले आपको और आपके परिवार में किसी सदस्य को पहले से ही कोई बीमारी है तो उसकी जानकारी ईमानदारी से बीमा कंपनी को दें क्योंकि बीमा सेटलमेंट के समय यही एक समस्या आपको बीमा का भुगतान पाने से रोक सकती हैं,

 भारत में तो बीमा भुगतान रूकने सबसे बड़ा कारण ही बीमा प्राप्तकर्ता द्वारा पूर्व की बीमारी को health insurance companies से छुपाना हैं।


7.सस्तें health insurance के चक्कर में पैसा बर्बाद न करें

आजकल सस्ती health insurance scheme की बाढ़ सी आ गई है, लगभग हर health insurance companies सस्ती स्कीम का प्रचार कर रही है किंतु ध्यान रहें health insurance आपकी जरूरत के समय आपको और आपके परिवार को काम आए ऐसा होना चाहिए। 

कई लोग सस्ते health insurance के चक्कर में ऐसी बीमा पालिसी ले लेते हैं कि उसमें घर के बुजुर्ग कवर नही होते और जब वे बीमार होते हैं तो अस्पताल का लाखों रूपए का बिल जेब से भरना पड़ता है ।

अतः health insurance लेते समय पैसा थोड़ा ज्यादा भले ही लग जाए पर घर के सभी बुजुर्ग कवर होना चाहिए। 


8.वेटिंग पीरियड को समझे

कुछ health insurance companies बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड देती हैं उदाहरण के लिए कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप के लिए बीमा क्लेम health insurance लेने के पांच छः माह बाद ही मिलेगा जबकि कुछ कंपनी health insurance लेने के तत्काल बाद से ही कुछ चुनी हुई बीमारियों को कवर कर बीमा क्लेम देना शुरू कर देती हैं। 

अतः ऐसी कंपनियों को प्राथमिकता दें जो health insurance लेने के तुरंत बाद से ही बीमा क्लेम दे रही हो।


9.अतिरिक्त सुविधाएं देने वाली कंपनी को प्राथमिकता दें

कुछ health insurance companies बीमा देने के बाद सीधे क्लेम के समय या अगली बीमा किश्त के समय ही आपको याद करती हैं जबकि कुछ health insurance company बीच बीच में आपके और आपके घर के बुजुर्गो के लिए health check up camp के साथ नामी अस्पतालों में रुटिन जांच सुविधा भी प्रदान करती है।

 वास्तव में ऐसी कंपनियों से health insurance लेना घर के बुजुर्गो के लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि बुजुर्गो का रुटिन चेक अप हो जानें से कामकाजी दंपति बुजुर्गो के स्वास्थ्य को लेकर निश्चिंत हो सकतें हैं। 

 नियमित स्वास्थ्य जांच का एक बहुत बड़ा फायदा यह भी होता है कि आपको यदि कोई बड़ी बीमारी विकसित हो रही है तो समय रहते वह पकड़ में आ जाती है फलस्वरूप बीमारी को शुरुआती स्तर पर ही समाप्त किया जा सकता है।


10.अतिरिक्त भुगतान करने वाली कंपनी 

Health insurance sector में ऐसी बहुत सी कंपनियां हैं जो बीमार रकम खर्च हो जानें के बाद भी उतनी ही कीमत का अतिरिक्त बीमा क्लेम बोनस के रूप में देती हैं और इसके बदलें कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं लेती।

 अतः ऐसी health insurance scheme के बारें में health insurance लेने से पहले जानकारी अवश्य लें लें ताकि अधिक दिनों तक अस्पताल में रहने पर अतिरिक्त भुगतान की चिंता आपको न सताए ।

11.बोनस देने वाली कंपनी

Health insurance लेने के बाद यदि हम उसका उपयोग नही करते हैं और अगला रिन्यूअल कराते हैं तो कुछ health insurance company अगले रिन्यूअल पर बोनस देती हैं जिससे रिन्यूअल सस्ता पड़ता है।

 अतः health insurance करवाने से पहले ऐसी कंपनियों की जानकारी लें जो रिन्यूअल के समय बोनस देती हो।


12.पुराने ग्राहक अनुभव को महत्व दें

जिस  Health insurance company से health insurance ले रहे हो उसके पुराने ग्राहकों का अनुभव भी लें विशेषकर उन ग्राहकों का जो अस्पताल में भर्ती होकर क्लेम दे चुके हों। 

पुराने ग्राहकों से बात करते समय किस बीमारी के लिए भुगतान लिया था, भुगतान में कितना समय लगा था आदि की जानकारी अवश्य लें। 

मैं की हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को जानता हूं जो अस्पताल में भर्ती होने के साठ दिन पहले और अस्पताल से छुट्टी होने के 180 दिन बाद तक भी भुगतान करती हैं।


13.नान नेटवर्क हास्पिटल में क्लेम सेटलमेंट

कुछ health insurance company नान नेटवर्क हास्पिटल में क्लेम सेटलमेंट देती हैं अत: health insurance लेने से पहले इस बात की जांच जरूर करें कि health insurance company नान नेटवर्क हास्पिटल में क्लेम सेटलमेंट देती है या नहीं

 यदि देती हैं और बिना किसी परेशानी के देती हैं तो ऐसी health insurance scheme को प्राथमिकता में रखें।


14.मैटरनिटी इंश्योरेंस कवर करने वाली हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से हेल्थ इंश्योरेंस लें


यदि आपकी शादी हुई हैं और अगला कदम बच्चा प्लान करनें का उठाना चाह रहें हैं तो उन health insurance company को प्राथमिकता दें जो मैटरनिटी इंश्योरेंस देती हैं। 

भारत में बहुत सारी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस के साथ मैटरनिटी इंश्योरेंस देती हैं।

ऐसा करने से मैटरनिटी के समय आनें वाले खर्चों जैसे सिजेरियन डिलीवरी,दवाई के खर्च से राहत मिलेगी।


Insurance regulatory authority या इरडा के अनुसार बीमा कंपनी अस्पताल में भर्ती होने के एक महीने पूर्व तक का क्लेम देती हैं, मैटरनिटी इंश्योरेंस लेते समय इस बात की जांच insurance agent अवश्य करें।


60 वर्ष बाद health Insurance

कुछ health Insurance Company 60 वर्ष की उम्र के बाद उन व्यक्तियों का भी बीमा नहीं करती हैं जिन्होंने आजीवन उसी कंपनी से health Insurance लिया था।

अतः ऐसी health Insurance Company से बीमा लेते वक्त आपको यह जानकारी ले लेना चाहिए। और उन health Insurance Company से health Insurance लें जो 60 वर्ष की उम्र के बाद भी health Insurance Cover प्रदान करें।

Mental health insurance को भी health insurance  में कवर करवाएं

कोरोना के बाद से Mental health बहुत ज्यादा प्रभावित हुई हैं। ऐसा परिवारों के बिखरने की वजह से हुआ हैं। किसी परिवार का कमाने वाला सदस्य कोरोना में मर गया हैं तो परिवार की जिम्मेदारी उठाना बहुत चुनौतीपूर्ण हो गया हैं,ऐसे में बीमा कंपनियां मेंटल हेल्थ को बीमा पालिसी में महत्व देने लग गई हैं।

इसके अलावा insurance regularity Development authority (इरडा) ने भी बीमा कंपनियों को मेंटल हेल्थ को लेकर कानून बना दिया हैं।

अतः health insurance लेते समय mental health insurance  को भी प्राथमिकता दें।

Health insurance portability

सरकार ने हेल्थ इंश्योरेंस को भी पोर्टेबिलिटी के दायरे में ला दिया है अर्थात अब व्यक्ति किसी भी वक्त अपनी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी बदल सकता हैं। 

हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के कारण ग्राहक उन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी को छोड़ सकता हैं जो पालिसी लेते वक्त बहुत वादे करती हैं लेकिन बाद में मुकर जाती हैं।



मैं सरकारी कर्मचारी हूं और पहले से group health insurance scheme में हूं क्या मुझे फिर भी health insurance लेना चाहिए

यह पूरी तरह से आपके और आपके परिवार के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है कि आपके स्वास्थ्य खर्चे किस तरह के है यदि परिवार में आनुवांशिक बीमारियों का पूर्व इतिहास हो तो इसकी पूर्ति जिस तरह से एक individual health insurance policy करती हैं उतना group health insurance policy नहीं कर पाती है ।

अतः इस संबंध में निर्णय लेने से पहले आपके स्वास्थ्य पैरामीटर को जान लें कि आपको अतिरिक्त health insurance की कितनी आवश्यकता है।


बीमा आग्रह की विषयवस्तु है

क्या आप जानते हैं भारत में मात्र 20 प्रतिशत लोग ही health Insurance Cover के अन्तर्गत Insured हैं,बाकि की 80 प्रतिशत आबादी बिना health Insurance के अपना जीवन यापन कर रही हैं। 

जब कोई व्यक्ति अस्पताल में भर्ती होता है और उसकी सालों की जमा पूंजी एक झटके में चली जाती हैं यदि बार बार अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो घर मकान और जेवर भी बिक जातें हैं। यदि व्यक्ति health insurance लेता है तो मात्र 500 रुपए प्रति माह तक के न्यूनतम प्रीमियम में 5 से 7 लाख तक का इलाज आराम से करवा सकता है।


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