सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

आयुष्मान भारत प्रधानमन्त्री जन आरोग्य बीमा insurance योजना (Ayushman Yojna) या मोदीकेयर (Modicare)

 आयुष्मान भारत या प्रधानमन्त्री जन आरोग्य बीमा insurance योजना  क्या है ।।। Aayushman bharat bima yojana kya hai

 

"आयुष्मान भारत योजना"Ayushman bharat yojana या प्रधानमन्त्री जन आरोग्य बीमा insurance योजना (PM -JY) स्वास्थ्य देखभाल से सम्बंधित भारत सरकार की योजना हैं। इस योजना के माध्यम से अधुसूचित परिवारों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक द्वितीयक ओर तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य देखभाल सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।

 
आयुष्मान भारत योजना"Ayushman bharat yojana या प्रधानमन्त्री जन आरोग्य बीमा insurance योजना (PM -JY) स्वास्थ्य देखभाल से सम्बंधित भारत सरकार की योजना हैं। इस योजना के माध्यम से अधुसूचित परिवारों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक द्वितीयक ओर तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य देखभाल सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।


यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के रूप में संचालित होगी ,यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा insurance योजना होगी।इसकी  व्यापकता को देखते हुए इसे  "मोदीकेयर " या प्रधानमंत्री जनस्वास्थ्य सुरक्षा बीमा योजना pradhanmantri jan swasthy surksha bima yojna भी कहा जा रहा हैं।

इस योजना में केन्द्र और राज्यों का वित्तीय अंशदान क्रमशः 60 : 40 का रहेगा।



                    ।।। उद्देश्य ।।।



1.भारत में 80%  लोग बीमार होने पर खर्च अपनी जेब से करते हैं ,यह खर्च या तो उनकी बचत में से होता हैं या किसी से उधार लेकर होता हैं ।

 इस प्रकार के स्वास्थ्य खर्च के कारण लगभग 60 लाख परिवार गरीबी रेखा से नीचे चले जाते हैं । इन लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य देखभाल सुविधा के साथ गुणवत्तापूर्ण जीवन की गारंटी देना योजना का प्रमुख उद्देश्य हैं ।
   
                    

                  ।।। आयुष्मान भारत योजना की विशेषता ।।।




1.आयुष्मान भारत योजना में  शामिल परिवार को पैसा बीमा कम्पनी या ट्रस्ट के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा।



2.योजना पूरी तरह से कैशलेस मोड पर संचालित होगी अर्थात लाभार्थी परिवार को अस्पताल में भर्ती होने व डिस्चार्ज होने पर नकद राशि नहीं देना पड़ेगी।



3. इस योजना में देश की लगभग 50% आबादी यानि 10 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।



4.लाभार्थियों का चयन समाजिक आर्थिक जनगणना में चिन्हित डी एक से डी सात ( डी 6 को छोड़कर)  से किया जायेगा ।
इसके अलावा असंगठित श्रमिकों ओर गरीब रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले व्यक्ति योजना के लिए पात्र होंगे।



5.इस योजना में शामिल परिवार के आकार और सदस्यों की आयु के मामलों में कोई बंधन नहीं रखा गया हैं।



6.इस योजना के अंतर्गत देशभर में लगभग 1.50 लाख 'स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्र' की स्थापना की जायेगी ।




7. इस योजना में अस्पताल में भर्ती होने के पहले ओर बाद के खर्चों को भी कवर किया गया हैं।


8.बीमा लेने के प्रथम दिन से ही सक्रिय हो जायेगा अर्थात बीमा लेने के बाद अस्पताल में भर्ती होने पर समस्त खर्च बीमा कम्पनी या ट्रस्ट उठाएगा।


9. योजना के अधीन लगभग 1670 प्रकार की बीमारियों के उपचार की व्यवस्था हैं ।


10. योजना लागू होने के बाद गम्भीर बीमारियों की जद में आने से देश की बड़ी आबादी बच जायेगी क्योंकि प्राथमिक स्तर पर बीमारियों का बेहतर इलाज हो सकेगा।


11. इस योजना में मरीज के अस्पताल में भर्ती होने ओर इलाज शुरू करने के लिये बीमा कंपनी या ट्रस्ट की अनुमति तुरन्त मिल जायेगी जिससे दावों के भुगतान में समस्या पैदा नहीं होंगी।

12.आयुष्मान भारत योजना में देश के किसी भी कोने में मौजूद व्यक्ति पूरे देश में मौजूद आयुष्मान भारत योजना से जुड़े अस्पतालों में इलाज करा सकता हैं।
       

     

                       ।।। योजना क्रियान्वयन इकाई ।।।



    इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये जिलों में " जिला क्रियान्वयन इकाई " का गठन किया जायेगा जिसमें निम्न लोग सम्मिलित होंगे 

1. अध्यक्ष ,  जिला मलेरिया अधिकारी

2. सदस्य,जिला स्वास्थ्य अधिकारी या आर. एम. ओ.

3.  सदस्य, संक्रमण रोग विशेषज्ञ

4. सदस्य ,ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर

5.जिला स्वास्थ्य कार्यक्रम नर्स

यह समिति योजना का प्रचार प्रसार करने के साथ ,योजना से सम्बंधित प्रशिक्षण प्रदान  करेगी । इसके अलावा यह समिति

1.दवाओं, चिकित्सा उपकरण की  उपलब्धता सुनिश्चित करेगी ।

2. आयुष्मान भारत योजना में शामिल निजी अस्पतालो के साथ समन्वयन स्थापित करेगी ।

3.केन्द्र और राज्य सरकार से निर्देश लेकर योजना का सुचारु क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी।

4.जिला स्तर पर योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी।

5.समय समय पर जिला मेडिकल बोर्ड की बैठक आयोजित करवायेगी ।

6.बीमा कंपनी, लाभार्थी और अस्पताल के बीच कड़ी के रूप में " आयुष्मान मित्र" तैनात किये जाएंगे।जो योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने में मदद करेंगे।

7.इस योजना से के लिए हेल्पलाइन भी जारी की गयी हैं जिसके नम्बर 14555 और 1800111565 हैं ।

8.इस योजना का एक नारा भी हैं """ स्वास्थ्य आपका साथ हमारा """"


आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की कमियां 


1.इस योजना के आलोचकों का मानना हैं कि भारत मे स्वास्थ्य से सम्बंधित अनेक सरकारी योजनायें बड़े पैमाने पर संचालित की जा रही हैं ओर इन योजनाओं के माध्यम से लाखों करोड़ रुपया ख़र्च किया जा रहा हैं । ऐसे में नई योजना लाने की बजाय पहले से संचालित योजनाओं को ओर बेहतर बनाया जा सकता था । 

2.आयुष्मान भारत योजना Ayushman bharat yojana बहुत वृहद योजना हैं और इस अनुरूप अस्पतालो का संस्थागत ढांचा बहुत कमजोर है।

3.लाभार्थियों का चयन सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के आधार पर किया जायेगा ,यह सूची सन 2011 के बाद अद्यतन नहीं हैं।

4.इस बीमा insurance योजना के अंतर्गत बीमारियों के पैकेज की व्यवस्था होनी चाहिये थी,यानि हृदय रोग  इतना खर्च,किडनी रोग पर इतना खर्च आदि 

5.इस बीमा insurance योजना के लागू होने के बाद पूर्व सरकारों द्वारा शुरू कई महत्वपूर्ण स्वास्थ योजना जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जो कि बहुत सफ़ल योजना मानी जाती हैं पर प्रभाव पड़ेगा।

6.कुछ अन्य जानकारों का मानना है कि इस योजना में प्रतिवर्ष दीये जाने वाले 5 लाख रुपये बढ़ते स्वास्थ्यगत ख़र्च को देखते हुए एक परिवार की आवश्यकता के लिये बहुत कम है।

7.आयुष्मान भारत योजना से सम्पूर्ण देश की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना चाहिए था इसके लिये सक्षम लोगों के लिये कुछ अंशदान का प्रावधान रखा जा सकता था ।

8.आयुष्मान भारत योजना की सफलता पूरी तरह राज्यों की प्रतिबद्धता पर निर्भर करती हैं , योजना के शुरू होने के पूर्व कई राज्यों ने इस योजना को लेकर ढ़ीला ढाला रुख अपनाया हैं।
             
भारत अपने सकल घरेलू उत्पाद का मात्र 1.5% ही स्वास्थ्य पर खर्च करता हैं, जबकि अमेरिका, जापान,चीन और कई यूरोपीय देश अपनी GDP का 6 से लगाकर 18 प्रतिशत तक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर ख़र्च करते हैं। 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार आम भारतीय अपने स्वास्थ्य खर्च का 42% सिर्फ़ दवाइयों पर ही ख़र्च कर देता हैं ,जबकि विकसित देशों में इस ख़र्च का अधिकांश भाग सरकारों द्वारा वहन किया जाता हैं।

ऐसे में आयुष्मान भारत योजना निश्चित रूप में भारत के लोगों का स्वास्थ्य सुधारने में मिल का पत्थर साबित होंगी।

यह भी पढ़ें 👇

Health insurance लेने से पहले यह सावधानी रखें



• आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन योजना क्या हैं?

• प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना







                               

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER  पतंजलि आयुर्वेद ने high blood pressure की नई गोली BPGRIT निकाली हैं। इसके पहले पतंजलि आयुर्वेद ने उच्च रक्तचाप के लिए Divya Mukta Vati निकाली थी। अब सवाल उठता हैं कि पतंजलि आयुर्वेद को मुक्ता वटी के अलावा बीपी ग्रिट निकालने की क्या आवश्यकता बढ़ी। तो आईए जानतें हैं BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER के बारें में कुछ महत्वपूर्ण बातें BPGRIT INGREDIENTS 1.अर्जुन छाल चूर्ण ( Terminalia Arjuna ) 150 मिलीग्राम 2.अनारदाना ( Punica granatum ) 100 मिलीग्राम 3.गोखरु ( Tribulus Terrestris  ) 100 मिलीग्राम 4.लहसुन ( Allium sativam ) 100  मिलीग्राम 5.दालचीनी (Cinnamon zeylanicun) 50 मिलीग्राम 6.शुद्ध  गुग्गुल ( Commiphora mukul )  7.गोंद रेजिन 10 मिलीग्राम 8.बबूल‌ गोंद 8 मिलीग्राम 9.टेल्कम (Hydrated Magnesium silicate) 8 मिलीग्राम 10. Microcrystlline cellulose 16 मिलीग्राम 11. Sodium carboxmethyle cellulose 8 मिलीग्राम DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER INGREDIENTS 1.गजवा  ( Onosma Bracteatum) 2.ब्राम्ही ( Bacopa monnieri) 3.शंखपुष्पी (Convolvulus pl

होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर #1 से नम्बर #28 तक Homeopathic bio combination in hindi

  1.बायो काम्बिनेशन नम्बर 1 एनिमिया के लिये होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर 1 का उपयोग रक्ताल्पता या एनिमिया को दूर करनें के लियें किया जाता हैं । रक्ताल्पता या एनिमिया शरीर की एक ऐसी अवस्था हैं जिसमें रक्त में हिमोग्लोबिन की सघनता कम हो जाती हैं । हिमोग्लोबिन की कमी होनें से रक्त में आक्सीजन कम परिवहन हो पाता हैं ।  W.H.O.के अनुसार यदि पुरूष में 13 gm/100 ML ,और स्त्री में 12 gm/100ML से कम हिमोग्लोबिन रक्त में हैं तो इसका मतलब हैं कि व्यक्ति एनिमिक या रक्ताल्पता से ग्रसित हैं । एनिमिया के लक्षण ::: 1.शरीर में थकान 2.काम करतें समय साँस लेनें में परेशानी होना 3.चक्कर  आना  4.सिरदर्द 5. हाथों की हथेली और चेहरा पीला होना 6.ह्रदय की असामान्य धड़कन 7.ankle पर सूजन आना 8. अधिक उम्र के लोगों में ह्रदय शूल होना 9.किसी चोंट या बीमारी के कारण शरीर से अधिक रक्त निकलना बायोकाम्बिनेशन नम्बर  1 के मुख्य घटक ० केल्केरिया फास्फोरिका 3x ० फेंरम फास्फोरिकम 3x ० नेट्रम म्यूरिटिकम 6x

जीवनसाथी के साथ नंगा सोना चाहिए या नही।Nange sone ke fayde

  जीवनसाथी के साथ नंगा सोना चाहिए या नही nange sone ke fayde इंटरनेट पर जानी मानी विदेशी health website जीवन-साथी के साथ नंगा सोने के फायदे बता रही है लेकिन क्या भारतीय मौसम और आयुर्वेद मतानुसार मनुष्य की प्रकृति के हिसाब से जीवनसाथी के साथ नंगा सोना फायदा पहुंचाता है आइए जानें विस्तार से 1.सेक्स करने के बाद नंगा सोने से नींद अच्छी आती हैं यह बात सही है कि सेक्सुअल इंटरकोर्स के बाद जब हम पार्टनर के साथ नंगा सोते हैं तो हमारा रक्तचाप कम हो जाता हैं,ह्रदय की धड़कन थोड़ी सी थीमी हो जाती हैं और शरीर का तापमान कम हो जाता है जिससे बहुत जल्दी नींद आ जाती है।  भारतीय मौसम और व्यक्ति की प्रकृति के दृष्टिकोण से देखें तो ठंड और बसंत में यदि कफ प्रकृति का व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ नंगा होकर सोएगा तो उसे सोने के दो तीन घंटे बाद ठंड लग सकती हैं ।  शरीर का तापमान कम होने से हाथ पांव में दर्द और सर्दी खांसी और बुखार आ सकता हैं । अतः कफ प्रकृति के व्यक्ति को सेक्सुअल इंटरकोर्स के एक से दो घंटे बाद तक ही नंगा सोना चाहिए। वात प्रकृति के व्यक्ति को गर्मी और बसंत में पार्टनर के साथ नंगा होकर सोने में कोई