*"ॐ" के उच्चारण के 11 शारीरिक लाभ:*
*ॐ* ओउम् तीन अक्षरों से बना है। जिनमें है क्रमशः अ उ म्।
*"अ"* का अर्थ है उत्पन्न होना,
*"उ"* का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,
*"म"* का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना।
*ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।*
*ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।*
ॐ का उच्चारण कैसे स्वास्थ्यवर्द्धक और आरोग्य के लिए मार्ग प्रशस्त करता है।
*उच्चारण की विधि*
प्रातः उठकर पवित्र होकर ओंकार ध्वनि का उच्चारण करें।
ॐ का उच्चारण पद्मासन, अर्धपद्मासन, सुखासन, वज्रासन में बैठकर कर सकते हैं।
इसका उच्चारण 5, 7, 10, 21 बार अपने समयानुसार कर सकते हैं। ॐ जोर से बोल सकते हैं, धीरे-धीरे बोल सकते हैं। ॐ जप माला से भी कर सकते हैं।
*01) ॐ और थायराॅयडः* ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
*02) ॐ और घबराहटः-* अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
*03) ॐ और तनावः-* यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
*04) ॐ और खून का प्रवाहः-* यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।
*5) ॐ और पाचनः-* ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।
*06) ॐ लाए स्फूर्तिः-* इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
*07) ॐ और थकान:-* थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
*08) ॐ और नींदः-* नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।
*09) ॐ और फेफड़े:-* कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।
*10) ॐ और रीढ़ की हड्डी:-* ॐ के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
*11) ॐ दूर करे तनावः-* ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।
आशा है आप अब कुछ समय जरुर ॐ का उच्चारण करेंगे। साथ ही साथ इसे उन लोगों तक भी जरूर पहुंचायेगे जिनकी आपको फिक्र है।
अपना ख्याल रखिये, खुश रहें।
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*ॐ* ओउम् तीन अक्षरों से बना है। जिनमें है क्रमशः अ उ म्।
*"अ"* का अर्थ है उत्पन्न होना,
*"उ"* का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,
*"म"* का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् "ब्रह्मलीन" हो जाना।
*ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।*
*ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।*
ॐ का उच्चारण कैसे स्वास्थ्यवर्द्धक और आरोग्य के लिए मार्ग प्रशस्त करता है।
*उच्चारण की विधि*
प्रातः उठकर पवित्र होकर ओंकार ध्वनि का उच्चारण करें।
ॐ का उच्चारण पद्मासन, अर्धपद्मासन, सुखासन, वज्रासन में बैठकर कर सकते हैं।
इसका उच्चारण 5, 7, 10, 21 बार अपने समयानुसार कर सकते हैं। ॐ जोर से बोल सकते हैं, धीरे-धीरे बोल सकते हैं। ॐ जप माला से भी कर सकते हैं।
*01) ॐ और थायराॅयडः* ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
*02) ॐ और घबराहटः-* अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
*03) ॐ और तनावः-* यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
*04) ॐ और खून का प्रवाहः-* यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।
*5) ॐ और पाचनः-* ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।
*06) ॐ लाए स्फूर्तिः-* इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
*07) ॐ और थकान:-* थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
*08) ॐ और नींदः-* नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।
*09) ॐ और फेफड़े:-* कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।
*10) ॐ और रीढ़ की हड्डी:-* ॐ के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
*11) ॐ दूर करे तनावः-* ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।
आशा है आप अब कुछ समय जरुर ॐ का उच्चारण करेंगे। साथ ही साथ इसे उन लोगों तक भी जरूर पहुंचायेगे जिनकी आपको फिक्र है।
अपना ख्याल रखिये, खुश रहें।
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