मानसिक तनाव ऐसी अवस्था हैं, जो हर एक व्यक्ति के जीवन को कभी न कभी पृभावित करती हैं. आधुनिक जीवनशैली ने तो तनाव को उस चरम अवस्था तक पहुँचा दिया है कि विश्व अाज नयी-नयी बीमारीं के आगोश मे जा रहा हैं,आज की आधुनिक चिकित्सा पद्ति के सामनें भी मानसिक रोगों का उपचार एक चुनोतीं बनकर उभरा हैं. क्योंकि आधुनिक चिकित्सा पद्ति के सामने मस्तिष्क की कार्यपृणाली आज तक अनसुलझी हुई हैं.भारत को इस मामले मे अपने आप को भाग्यशाली मानना चाहिये कि यहाँ हजारों वर्षों पूर्व हमारें रिषि मुनियों ने मानसिक रोगो का न केवल सटीक वर्णन किया बल्कि सटीक उपचार भी दिया इस बात के साझ्य अनेक पृाचीन चिकित्सा गृंथ हैं. आइये जानतें हैं इसका आयुर्वैद उपचार:-
१.बृाम्ही वटी पृभाकर ,आवँला चूर्ण, बादाम,शंख भस्म,जटामासी ,सर्पगंधा, को मिलाकर सेवन करवाते रहने से केसा भी मानसिक विकार हो समाप्त हो जाता हैं.
२.चाय की हरी पत्तियाँ, तुलसी पत्र,गाजर पत्र, तेज पत्र, को पानी मे उबालकर उसमे शहद या गुड़ मिलाकर सेवन करने से जटिल मानसिक रोगो मे भी आराम मिलता हैं.
३.योगिक कृियाएँ जैसें भसतिृका, भृामरी,पृाणायाम, कपालभाँति, ध्यान,ऊँ उच्चारण बीमारीं को समाप्त कर देता हैं.
विशेष-:वैघकीय परामर्श आवश्यक है
Svyas845@gmail.com
१.बृाम्ही वटी पृभाकर ,आवँला चूर्ण, बादाम,शंख भस्म,जटामासी ,सर्पगंधा, को मिलाकर सेवन करवाते रहने से केसा भी मानसिक विकार हो समाप्त हो जाता हैं.
२.चाय की हरी पत्तियाँ, तुलसी पत्र,गाजर पत्र, तेज पत्र, को पानी मे उबालकर उसमे शहद या गुड़ मिलाकर सेवन करने से जटिल मानसिक रोगो मे भी आराम मिलता हैं.
३.योगिक कृियाएँ जैसें भसतिृका, भृामरी,पृाणायाम, कपालभाँति, ध्यान,ऊँ उच्चारण बीमारीं को समाप्त कर देता हैं.
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