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कुछ उपयोगी जानकारी

❇ *सब बीमारी का एक इलाज*❇
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गौमुञधनसत्व    20 gms 
गंधर्व हरितकी    350 gms 
अजवाइन.         20 gms 
मुलेठी               50 gms 
सौंठ.                20 gms 

उपर बताइ गइ सभी चिजे पंसारी से एवं गौमुञ धनसत्व ( गौमुञ भस्म) आपको कीसी गौशाला से प्राप्त होगी सभी को मिक्स करके चूरन बनाले| 
                     
रात्रि को सोते समय चम्मच पावडर एक गिलास पूरा गुनगुने पानी के साथ लेना है। 

गरम पानी के साथ ही लेना अत्यंत आवश्यक है लेने के बाद कुछ भी खाना पीना नहीं है। 

यह चूर्ण सभी उम्र के व्यक्ति ले सकतें है।
चूर्ण रोज-रोज लेने से शरीर के कोने-कोने में जमा पडी गंदगी(कचरा) मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी । 
पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा ।

 चमड़ी की झुर्रियां अपने आप दूर हो जाएगी। शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा ।

❇ पाचनतंञ फिरसे मजबूत हो जायेगा | 

❇ गैस,ऐसीडीटी, दीर होगी | 

❇बालो का गीरनाॉ रुक जायेगा |

❇ शरिरमे खून बढ़ने लगेगा | 

❇ गठिया दूर होगा और गठिया जैसा जिद्दी रोग दूर हो जायेगा ।

❇ हड्डियाँ मजबूत होगी ।

❇ आॅख का तेज बढ़ेगा ।

❇ बालों का विकास होगा।

❇ पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति।

❇ शरीर में खुन दौड़ने लगेगा ।

❇ कफ से मुक्ति ।

❇ हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी ।

❇ थकान नहीं रहेगी, घोड़े की तहर दौड़ते जाएगें।

❇ स्मरण शक्ति बढ़ेगी ।

❇ स्त्री का शरीर शादी के बाद बेडोल की जगह सुंदर बनेगा ।

❇ कान का बहरापन दूर होगा ।

❇ भूतकाल में जो एलाॅपेथी दवा का साईड इफेक्ट से मुक्त होगें।

❇ खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी 

❇ शरीर की सभी खून की नलिकाएॅ शुद्ध हो जाएगी ।

❇ दांत मजबूत बनेगा, इनेमल जींवत रहेगा ।

❇नपुसंकता दूर होगी।

❇ डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है। इस चूर्ण का असर दो माह लेने के बाद से दिखने लगेगा । 


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गेरू के औषधीय प्रयोग गेरू के औषधीय प्रयोग   आयुर्वेद चिकित्सा में कुछ औषधीयाँ सामान्य जन के मन में  इतना आश्चर्य पैदा करती हैं कि कई लोग इन्हें तब तक औषधी नही मानतें जब तक की इनके विशिष्ट प्रभाव को महसूस नही कर लें । गेरु भी उसी श्रेणी की   आयुर्वेदिक औषधी   हैं। जो सामान्य मिट्टी   से   कहीं अधिक   इसके   विशिष्ट गुणों के लिए जानी जाती हैं। गेरु लाल रंग की मिट्टी होती हैं। जो सम्पूर्ण भारत में बहुतायत मात्रा में मिलती हैं। इसे गेरु या सेनागेरु कहते हैं। गेरू  आयुर्वेद की विशिष्ट औषधि हैं जिसका प्रयोग रोग निदान में बहुतायत किया जाता हैं । गेरू का संस्कृत नाम  गेरू को संस्कृत में गेरिक ,स्वर्णगेरिक तथा पाषाण गेरिक के नाम से जाना जाता हैं । गेरू का लेटिन नाम  गेरू   silicate of aluminia  के नाम से जानी जाती हैं । गेरू की आयुर्वेद मतानुसार प्रकृति गेरू स्निग्ध ,मधुर कसैला ,और शीतल होता हैं । गेरू के औषधीय प्रयोग 1. आंतरिक रक्तस्त्राव रोकनें में गेरू शरीर के किसी भी हिस्से में होनें वाले रक्तस्त्राव को कम करने वाली सर्वमान्य औषधी हैं । इसके ल

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