प्रश्न १. रोटावायरस (Rota virus) क्या हैं ?
उत्तर = रोटावायरस अत्यधिक संक्रामक प्रकार का विषाणु होता हैं.यह बच्चों को प्रभावित कर उनकों अपनी चपेट में ले लेता हैं,फलस्वरूप बच्चों में दस्त शुरू हो जातें हैं.
प्रश्न २.रोटावायरस प्रभावित बच्चें में दस्त के क्या लक्षण होतें हैं ?
उत्तर = शुरूआत में हल्के दस्त होतें हैं,जो धिरें - धिरें गंभीर रूप धारण कर लेते हैं.फलस्वरूप बच्चें के शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती हैं.उचित इलाज नहीं मिलनें पर बच्चें की मृत्यु हो सकती हैं.
प्रश्न ३. क्या रोटावायरस दस्त गंभीर रूप धारण कर सकता हैं ?
उत्तर = भारत में दस्त के कारण अस्पताल में भर्ती होनें वालें 40% बच्चें रोटावायरस से संक्रमित होतें हैं.यही कारण हैं,कि 8,72000 बच्चें जो कि अस्पताल में भर्ती होतें हैं उनमें से प्रतिवर्ष लगभग 78000 बच्चों की मृत्यु हो जाती हैं.
प्रश्न ४. रोटावायरस दस्त होनें का खतरा किन बच्चों को रहता हैं ?
उत्तर = रोटावायरस दस्त से संक्रमित होनें का खतरा 0 से 1 वर्ष के बच्चों को अधिक होता हैं.यदि बच्चा कुपोषित हैं,और रोटावायरस से संक्रमित हैं,तो मृत्यु की संभावना बढ़ जाती हैं.
प्रश्न ५.रोटावायरस कैसे फेलता हैं ?
उत्तर = रोटावायरस प्रभावित बच्चें के स्वस्थ बच्चें के सम्पर्क में आनें से.
दूषित पानी,दूषित खानें एंव गन्दे हाथों के सम्पर्क में आनें से.
यह वायरस कई घंटो तक हाथों और खुली जगहों पर जीवित रह सकता हैं.
प्रश्न ६.रोटावायरस दस्त किस मोंसम में अधिक होता हैं ?
उत्तर = रोटावायरस संक्रमण और दस्त पूरें साल में कभी भी हो सकता हैं,किन्तु सदियों में इसका खतरा अधिक होता हैं.
प्रश्न ७. रोटावायरस दस्त की पहचान कैसे होती हैं ?
उत्तर = लक्षणों द्धारा रोटावायरस दस्त की पहचान संभव नही हैं,केवल मल का लेबोरेटरी परीक्षण ही बीमारी का पता लगा सकता हैं.
प्रश्न ८. रोटावायरस दस्त का उपचार क्या हैं ?
उत्तर = रोटावायरस दस्त की अन्य दस्तों की भांति लाक्षणिक चिकित्सा ही की जाती हैं.जैसे जिंक की गोली 14 दिनों तक खिलाना,ओ.आर.एस का सेवन करवाना आदि.
दस्त की गंभीरता को देखते हुये बच्चें को अस्पताल में भी भर्ती करना पड़ सकता हैं.
प्रश्न ९.एक बार रोटावायरस दस्त होनें के बाद क्या ये बच्चें को दूसरी बार भी हो सकता हैं ?
उत्तर = हाँ,रोटावायरस बच्चें को बार - बार हानि पहुँचा सकता हैं.हालांकि दुबारा होनें वालें दस्त ज्यादा खतरनाक नही होतें हैं.
प्रश्न १०.रोटावायरस दस्त होनें से केंसें बचें ?
उत्तर = रोटावायरस टीकाकरण रोटावायरस दस्त के विरूद्ध एकमात्र सटीक विकल्प हैं.
अन्य कारणों से होनें वालें दस्त की रोकथाम स्वच्छता रखने से,बार - बार हाथ धोनें से ,साफ पानी पीनें से,साफ और ताजा खानें से,बच्चों को भरपूर स्तनपान करवानें से,तथा विटामिन ए युक्त पूरक आहार देने से की जा सकती हैं.
प्रश्न ११.क्या रोटावायरस वैक्सीन सभी तरह के दस्त की रोकथाम करता हैं ?
उत्तर = नहीं, रोटावायरस वैक्सीन सिर्फ उस दस्त की रोकथाम करनें में सक्षम जो रोटावायरस से हुआ हैं.जो कि बच्चों में दस्त का बड़ा कारण हैं.रोटावायरस वैक्सीन लगने के बाद भी बच्चों को अन्य कारणों से दस्त हो सकते हैं,जिनमें जीवाणुजनित कारण प्रमुख हैं.
प्रश्न १२.रोटावायरस वैक्सीन किस प्रकार दी जाती हैं ?
उत्तर = रोटावायरस वैक्सीन की खुराक पाँच बूँद मुँह द्धारा बच्चों को पीलाई जाती हैं.यह वैक्सीन छह,दस,और चौदह सप्ताह के अंतराल से बच्चों को दी जाती हैं.
प्रश्न १३. क्या रोटावायरस की बूस्टर खुराक की ज़रूरत बच्चों को होती हैं ?
उत्तर = बूस्टर खुराक की ज़रूरत नहीं होती हैं,केवल 6,10,14 सप्ताह की खुराक ही पर्याप्त हैं.
प्रश्न १४.रोटावायरस और पोलियों वैक्सीन में क्या अंतर हैं ?
उत्तर = १.दोंनों ही वैक्सीन का रंग गुलाबी से लगाकर हल्का पीला या नारंगी हो सकता हैं.
२.रोटावायरस की पाँच बूँदें बच्चों को पीलायी जाती हैं,जबकि पोलियो की दो बूँदें पीलाई जाती हैं.
३.रोटावायरस की तीन खुराक 6,10,14 सप्ताह में बच्चों को पीलायी जाती हैं,जबकि पोलियो की खराक खुराक जन्म से लेकर पाँच वर्ष के बच्चों को बार - बार पीलायी जा सकती हैं.
प्रश्न १५.रोटावायरस वैक्सीन पीलानें के बाद क्या स्तनपान कराया जा सकता हैं ?
उत्तर = जी हाँ,न केवल बाद में बल्कि पीलानें के पहले भी स्तनपान कराया जा सकता हैं.
प्रश्न १६.रोटावायरस वैक्सीन किन्हें नहीं दी जाना चाहियें ?
उत्तर = 1.यदि बच्चें की उम्र 6 सप्ताह से कम हो.
2.गंभीर रूप से किसी बीमारी से पीड़ित हो.
3.यदि बच्चें को रोटावायरस से एलर्जी हो
4.यदि पहले से रोटावायरस पीलाया जा चुका हो.
प्रश्न १७.पहली रोटावायरस वैक्सीन की खुराक देनें की अधिकतम उम्र क्या हैं ?
उत्तर = पहली रोटावायरस वैक्सीन देनें की अधिकतम उम्र एक वर्ष हैं.यदि एक वर्ष तक के बच्चें को रोटावायरस टीके की पहली खुराक मिल गई हो तो बाकि दो खुराक दी जा सकती हैं.दो खुराक के बीच चार सप्ताह का अंतराल रखना आवश्यक हैं.
प्रश्न १८.जिन बच्चों को पेंटावेलेट और ओरल पोलियो वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जा चुकी हो क्या उन्हें रोटावायरस की पहली खुराक दी जा सकती हैं ?
उत्तर = नही, रोटावायरस की खुराक उन बच्चों को नही दी जाना चाहियें जिनकों पहलें पेंटावेलेट और ओरल पोलियो वैक्सीन दो बार दी जा चुकी हैं.
रोटावायरस की पहली खुराक सिर्फ पहली बार पेंटावेलेट और opv के साथ दी जाना चाहियें.
प्रश्न १९.क्या रोटावायरस टीकाकरण समय से पूर्व जन्म लेने वाले बच्चों को दिया जा सकता हैं ?
उत्तर = रोटावायरस टीकाकरण बच्चों की उम्र के अनुसार किया जाना चाहियें जिसका हिसाब उसके जन्म समयानुसार होना चाहियें,न कि उसकी गर्भ की उम्रानुसार.
प्रश्न २०.क्या रोटावायरस वैक्सीन के कोई दुष्प्रभाव हैं ?
उत्तर = रोटावायरस वैक्सीन एक सुरक्षित वैक्सीन हैं.इसके कुछ सामान्य लक्षण उभर सकतें हैं,जैसें उल्टी,दस्त,खाँसी,नाक बहना,बुखार,चिड़चिड़ापन और शरीर पर दानें निकलना.
रोटावायरस वैक्सीन देनें के बाद एक दुर्लभ शिकायत जिसे इंटससेप्सन (आंत का मुढ़ जाना) के नाम से जाना जाता हैं,के बारें में बताया गया हैं.इससे ग्रसित बच्चों में अत्यधिक पेट दर्द और बार - बार उल्टी के साथ मल में खून की शिकायत हो सकती हैं.इन लक्षणों के दिखते ही तुरन्त बच्चें को अस्पताल में भर्ती करवा देना चाहियें.
प्रश्न २१.क्या होगा यदि बच्चा रोटावायरस की खुराक मुँह से बाहर निकाल दे या फिर उल्टी कर दें ?
उत्तर = यदि बच्चा खुराक निकाल दें तो बच्चें को नई खुराक तुरंत उसी वक्त दें.
प्रश्न २२.रोटावायरस वैक्सीन का भंड़ारण कैसें करें ?
उत्तर = रोटावायरस वैक्सीन को - 20 डिग्री से + 8 डिग्री तापमान तक संग्रहित कर रखा जा सकता हैं.वैक्सीन का इस्तेमाल करनें से पूर्व इसे पिघला लेना चाहियें.
• निपाह वायरस क्या हैं
प्रश्न १९.क्या रोटावायरस टीकाकरण समय से पूर्व जन्म लेने वाले बच्चों को दिया जा सकता हैं ?
उत्तर = रोटावायरस टीकाकरण बच्चों की उम्र के अनुसार किया जाना चाहियें जिसका हिसाब उसके जन्म समयानुसार होना चाहियें,न कि उसकी गर्भ की उम्रानुसार.
प्रश्न २०.क्या रोटावायरस वैक्सीन के कोई दुष्प्रभाव हैं ?
उत्तर = रोटावायरस वैक्सीन एक सुरक्षित वैक्सीन हैं.इसके कुछ सामान्य लक्षण उभर सकतें हैं,जैसें उल्टी,दस्त,खाँसी,नाक बहना,बुखार,चिड़चिड़ापन और शरीर पर दानें निकलना.
रोटावायरस वैक्सीन देनें के बाद एक दुर्लभ शिकायत जिसे इंटससेप्सन (आंत का मुढ़ जाना) के नाम से जाना जाता हैं,के बारें में बताया गया हैं.इससे ग्रसित बच्चों में अत्यधिक पेट दर्द और बार - बार उल्टी के साथ मल में खून की शिकायत हो सकती हैं.इन लक्षणों के दिखते ही तुरन्त बच्चें को अस्पताल में भर्ती करवा देना चाहियें.
प्रश्न २१.क्या होगा यदि बच्चा रोटावायरस की खुराक मुँह से बाहर निकाल दे या फिर उल्टी कर दें ?
उत्तर = यदि बच्चा खुराक निकाल दें तो बच्चें को नई खुराक तुरंत उसी वक्त दें.
प्रश्न २२.रोटावायरस वैक्सीन का भंड़ारण कैसें करें ?
उत्तर = रोटावायरस वैक्सीन को - 20 डिग्री से + 8 डिग्री तापमान तक संग्रहित कर रखा जा सकता हैं.वैक्सीन का इस्तेमाल करनें से पूर्व इसे पिघला लेना चाहियें.
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