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जनवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

How beneficial is magnesium for a healthy body।स्वस्थ्य शरीर के लिए मैग्नीशियम कितना फायदेमंद है

  How beneficial is magnesium for a healthy Body। स्वस्थ्य शरीर के लिए मैग्नीशियम कितना फायदेमंद है हमारे शरीर को ढेर सारे खनिज तत्वों की जरूरत होती है, जिन्हें अंग्रेजी में मिनरल्स कहते हैं। इनकी कमी होने से शरीर कई बीमारियों और अक्षमताओं से ग्रसित हो जाता है। जैसे आयरन की कमी से एनिमिया और कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस।  ऐसा ही खनिज तत्व है मैग्नेशियम, जिसका एक भाग मानव शरीर की प्रत्येक कोशिका में होता है हालांकि यह अतिसूक्ष्म होता है और एक स्वस्थ मानव शरीर में मैग्नेशियम की मात्रा 50 ग्राम से कम ही होती है।  शरीर में कैल्शियम और विटामिन सी के संचालन के साथ स्नायुओं और मांसपेशियों की बेहतरीन कार्यक्षमता के लिए मैग्नेशियम का योगदान होता है।  साथ ही शरीर के कई एन्जाइमों को सक्रिय बनाने के लिए मैग्नेशियम महती भूमिका का निर्वाह करता है।  कैल्शियम और मैग्नेशियम संतुलन में गड़बड़ी आने से नर्वस सिस्टम कमजोर हो जाता है। मैग्नेशियम की कमी होने से हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है।  यूरोलॉजी जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार मैग्नेशियम और विटामिन बी 6 गुर्दे और पित्ताशय की

New research : शीशम की पत्तियों से टूटी हड्डी जुडेगी

इमारती लकड़ी के लिए मशहूर शीशम में कई औषधीय गुण भी हैं। केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) लखनऊ के वैज्ञानिकों ने शीशम की पत्तियों में हड्डियों को मजबूती देने वाले तत्त्व की पहचान की है।  यह तत्त्व टूटी हड्डियों को तेजी से जोड़ने के साथ कई महिलाओं में मेनोपॉज के बाद से होने वाली ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी को रोकने में भी कारगर है। यह शोध विज्ञान जर्नल सेल, डेथ एंड डिजीज में प्रकाशित हो चुका है। मुजरात की एक दवा कंपनी इस पर दवा भी बना रही है।  रिसर्ची टीम की हैड और सीडीआरआई के एंडोक्राइन विभाग सीनियर साइंटिस्ट डॉ. रितु त्रिवेदी ने बताया, शीशम की पत्तियों में 'कैवीयूनिन' नामक मॉलिक्यूल का पता पहली बार किया गया है। यह मॉलिक्यूल ही हड्डियों को मजबूती प्रदान करता हैं। अभी टूटी हड्डियों को जुड़ने में लगभग छह सप्ताह का समय लगता हैं ‌ सप्ताह का समय लगता है।  लेकिन - इस मॉलिक्यूल से बनी दवा से हड्डियों को जुड़ने में कम समय 1 लगता है। क्लीनिकल ट्रायल्स में पाया गया कि प्लास्टर के साथ साथ कैवीयूनिन से बनी दवा देने पर टूटी हड्डियां कम समय में जुड़ 15 जाती हैं। इस दवा का कोई दुष्प्रभाव नह

Crying is also beneficial for good health। अच्छी सेहत के लिए रोना भी फायदेमंद होता हैं।

  Crying is also beneficial for good health। अच्छी सेहत के लिए रोना भी है फायदेमंद होता हैं जिस प्रकार हंसना सेहत के लिए फायदेमंद है उसी तरह रोना भी कम फायदेमंद नहीं। हाल ही येल • यूनिवर्सिटी द्वारा किए एक शोध में पाया गया कि रोना सेहत के लिए लाभदायक होता है।  शोध के अनुसार अगर कष्टप्रद स्थिति में भी आंख से आंसू नहीं आते हैं तो तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए क्योंकि यह एक असामान्य स्थिति है।  यह भी ध्यान रखें कि रोना कमजोरी की निशानी नहीं है बल्कि स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों से बचने का उपाय है। अध्ययन में पाया गया है कि रोने के बाद त्वचा की संवेदनशीलता बढ़ जाती है और रोने वाले की सांसें गुहरी चलने लगती है। यह दोनों बातें सेहत की दृष्टि से अच्छी मानी जाती है। क्यों आते हैं आंसू चिकित्सा विज्ञान के अनुसार हमारी आईबाल (नेत्र गोलक) और पलकों के बीच लेक्रिमल ग्लेंड (अश्रु ग्रन्थि) हैं, जहां से आंसू निकलते हैं।  जब हम पलकें झपकाते हैं तो फ्ल्यूड हमारी आंखों पर फैल जाता है और फिर अश्रु ग्रंथि से निकलने लगता है। जब आंसू ओवरफ्लो होते हैं तो गालों से लुढ़कने लगते हैं और नाक भी बहने लगती है। आंखो

Macular Degeneration :50 की उम्र के बाद रहें सावधान

 Macular Degeneration :50 की उम्र के बाद रहें सावधान हमारी आंखों के बीच के हिस्से को  चिकित्सा विज्ञानी मेक्यूला कहते हैं।  मेक्यूला का काम है आंखों के सेंट्रल विजन को फोकस करना। यह हमारी देखने, ड्राइव करने, चेहरा, रंग या ऑब्जेक्ट को पहचानने की क्षमता नियंत्रित करता है। हमारे नेत्रों की आंतरिक परत इमेज रिकॉर्ड करती है।  इसके बाद ऑप्टिक नर्व यह इमेज नेत्र से ब्रेन तक पहुंचती है और हम ऑब्जेक्ट देखते और पहचानते हैं। मेक्यूला चावल के दाने की साइज यानी करीब 4 सेंटीमीटर का होता है। उम्र बढ़ने के साथ मेक्यूला क्षतिग्रस्त होता है।  इसकी क्षमता घटने या क्षतिग्रस्त होने से सबसे पहले धुंधलापन आता है। धीरे-धीरे मेक्यूला का फोटो रिसेप्टर्स मर जाता है और सेंट्रल विजन खत्म होने लगता है।  यही कारण है कि एडवांस मेक्यूलर डिजनरेशन वाले लोग ड्राइव नहीं कर पाते, पढ़ नहीं पाते, उन्हें चेहरे नहीं दिखते। उनके लिए अपने नजदीकी लोगों को भी पहचानना मुश्किल हो जाता है। यह सही है कि मेक्यूला रोगी पूरी तरह अंधे नहीं होते पर असहाय, दुर्बल व अवसादग्रस्त हो जाते हैं। मेक्यूलर डिजनरेशन कितनें प्रकार के होते हैं ड्राय और

Natural Ways to Remove eyeglass Scars।चश्में के निशान मिटाने के नैचुरल तरीके

Natural Ways to Remove eyeglass Scars।चश्में के निशान मिटाने के नैचुरल तरीके दृष्टिदोष के कारण या सूर्य की तेज रोशन से बचाव के लिए हम चश्मा पहनते हैं। चश्मे का वजन नाक पर आंखों के नीचे निशान बनाता है। इन निशानों को दूर करने के लिए कुछ प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। लें इनकी मदद एलोवेराः  त्वचा का कूलिंग एजेंट है एलोवेरा। चश्मे से नाक पर बने मार्क्स को मिटाने के लिए एलोवेरा की ताजा पत्तियों को इस निशान पर लगाएं। इसे सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लें। आलू:  उबले आलू का पेस्ट बनाएं और मार्क्स पर लगाएं और 15 मिनट तक सूखने दें। इस पेस्ट को नियमित लगाएं। मार्क्स मिट जाएंगे। ककड़ी:  ककड़ी को सही आकार में काटें और मार्क्स पर उसकी स्लाइस रखें। ऐसा करते समय आंखों में ठंडक महसूस करें तो अपनी आंखों के आसपास ककड़ी की स्लाइस हल्के से रगड़ें।  नीबू:  पानी के साथ नीबू का घोल बनाएं। इसे रूई से डार्क स्पॉट्स पर लगाएं। 15 मिनट बाद मुंह धो लें। गुलाब जल:  अपनी आंखों के चारों तरफ रूई से गुलाब जल लगाएं। सूखने के बाद ठंड पानी से धो लें। शहदः  दूध व ओट्स में शहद मिलाएं और इस मिक्स को डार्क एरिया पर

benefits of red colored fruits and vegetables।लाल रंग के फल सब्जियों के फायदे

 benefits of red colored fruits and vegetables।लाल रंग के फल सब्जियों के फायदे विशेषज्ञों का कहना है कि प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले लाल रंग के फलों और सब्जियों में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं।  इनमें प्रमुख रूप से मौजूद होता है लाइकोपीन, इलेकि एसिड, क्वेरसेटिन, हेस्मेरिडिन, फाइबर, विटामिन ए और सी आदि। यही कारण है कि इनके सेवन से विभिन्न प्रकार के कैंसर से सुरक्षा मिलती है।  लाल रंग के फल  शरीर की फ्री रेडिकल्स से रक्षा करते हैं। ब्लड प्रेशर को सामान्य रखते हैं और बैड कोलेस्ट्राल की मात्रा कम करते हैं। ये पेट के लिए फायदेमंद होने के साथ हृदय रोगों से बचाते हैं। इसके साथ ही ये जोड़ों के दर्द से भी राहत दिलाते हैं। तो आईए जानतें हैं लाल रंग के फल सब्जियों के फायदे   1.चैरी लाल रंग की नन्हीं सो चैरी गुणों के मामले बड़ी फायदेमंद है। इसमें फाइबर, विटामिन ए, पोटेशियम, कैल्शियम, फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।  इसे प्रेम का प्रतीक भी कहा जाता है। ये शरीर को पोषण देने के साथ ही संक्रमण से भी रक्षा करती है। विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट्स का प्रमुख स्रोत होने के कारण यह इम्यून सिस्टम क

how to make hair shiny।बालों को चमकदार कैसे बनाएं

how to make hair shiny।बालों को चमकदार कैसे बनाएं   कच्चे दूध में शहद या पिसा मेथी दाना मिलाकर बालों में लगाने से बाल काफी मजबूत और चमकदार होते हैं। सौंदर्य विशेषज्ञों का कहना है कि दूध के प्रयोग से रूखे, बेजान और उलझे बालों की मुसीबत से भी छुटकारा पाया जा सकता है।  चूंकि बाल प्रोटीन से बने होते हैं। दूध में प्रोटीन काफी मात्रा में पाया जाता है। इसलिए बालों में दूध का इस्तेमाल सप्ताह में कम से कम एक बार जरूर करना चाहिए।  सबसे खास बात यह है कि दूध को बालों में लगाने के साथ-साथ अगर आप प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में भी दूध पीती हैं तो आपको काफी अधिक फायदा मिलेगा।  खासतौर पर अगर आप शाकाहारी हैं। दूध में फैट, कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिंस और तरह-तरह के मिनरल्स होते हैं। दूध में पाया जाने वाला फोलेट और बायोटिन बालों की ग्रोथ के लिए काफी फायदेमंद होता है।  दूध में कैल्शियम के साथ ही आयरन और जिंक भी पाया जाता है। ये पोषक तत्व बालों को अंदर से मजबूत बनाते हैं। कच्चे दूध को सीधा बालों में लगाने से भी काफी फायदा होता है। सौंदर्य विशेषज्ञों के अनुसार आलिव आइल में विटामिन   ई के साथ-साथ आयरन भी होता है। इस

अनाज सुरक्षित रखने का देसी तरीका और इसके फायदे

Homemade way to keep grains safe and its benefits।अनाज सुरक्षित रखने का देसी तरीका और इसके फायदे आजकल अनाज भंडारण में एमोनियम फास्फेट जिसे सल्फास कहते है, का  उपयोग किया जाता है। ऐसे रसायनों से इंसान की बीमारी से लड़ने की क्षमता ही खत्म हो जाती है। जुकाम से लेकर कैंसर तक की हर बीमारी की पकड़ में ऐसा व्यक्ति जल्दी आता है। प्रकृति से हमें तोहफे में मिले इम्यून सिस्टम में कमजोरी आती जाती है। जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता क्षीण हो जाती है।   देसी तरीका अनाज को सुरक्षित रखने का बिना खर्च मौजूद है और हर किसान को इसकी जानकारी होनी चाहिए।  नीम के पत्तों से लेकर मिर्च, हींग का प्रयोग गेहूं को सड़ने से बचाने के बेहद कारगर देसी तरीके परंपरागत ज्ञान में मौजूद है लेकिन जल्दबाजी के आलम में अपनी ही सेहत से खिलवाड़ कर रहा है।  दिलचस्प है कि आर्गनिक तरीके से उगाई गई फसल को रासायनिक तरीके से रख रखाव कर अनाज को जहरीला बनाकर खुद और आम इन्सान के सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। खेती विरासत मिशन के डायरेक्टर उमेंद्र दन बताते हैं कि मलमल के कपड़े की तीन-चार तह के बीच हींग रख कर गेहूं में डाल देते हैं तो कोड़े

Effective yoga for 35 types of diseases।35 प्रकार की बीमारियों के लिए प्रभावी योगासन

Effective yoga for 35 types of diseases।35 प्रकार की बीमारियों के लिए प्रभावी योगासन  स्वस्थ शरीर व मन प्रत्येक मनुष्य की चाहत होती है तथा यह चाहत विभिन्न योग आसनों की सहायता से पूरी भी होती है। आईए जानते हैं कौन सा आसन किस रोग से हमें मुक्ति दिला सकता है।   - आचार्य भगवान देव   1. पेट की बीमारियों में उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, वज्रासन, योगमुद्रासन, भुजंगासन, मत्स्यासन  2. सिर की बीमारियों में सर्वांगासन, शीर्षासन, चन्द्रासन |   3. मधुमेह- पश्चिमोत्तानासन, नौकासन, वज्रासन, भुजंगासन, हलासन, शीर्षासन।  4. वीर्यदोष सर्वांगासन, वज्रासन, योगमुद्रा।   5. गला- सुप्तवज्जासन, भुजंगासन, चन्द्रासन  6. आंखें- सर्वांगासन, शीपांसन, भुजंगासन 7.गठिया पवनमुक्तासन, पद्मासन,  8. नाभि- धनुरासन, नाभि-आसन, भुजंगासन  9. गर्भाशय उत्तानपादासन, भुजंगासन,सर्वांगासन, ताड़ासन, चन्द्रानमस्कारासन  10. कमर हलासन, चक्रासन, धनुरासन, भुजंगासन। 11. फेफड़े- वज्रासन, मत्स्यासन, सर्वांगासन  12. यकृत- लतासन, पवनमुक्तासन,  13. गुदा, बवासीर, भंगदर आदि में- उत्तानपादासन, सर्वांगासन, जानुशिरासन, यानासन, चन्द्रनमस्कारासन।  14

Corona fourth wave :: उत्तानपादासन से श्वसन तंत्र बनता है बेहतर

कोरोना संक्रमण की वजह से श्वसन तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है। स्वस्थ हो जाने के बाद भी कई लोगों में लंबे समय तक श्वास संबंधित परेशानी रहती है। कई बार लोगों में सांस फूलने, श्वास लेने में परेशानी होने आदि की समस्या हो जाती है। दमा होने पर यह समस्या और भी बढ़ जाती है। योग विशेषज्ञों ने योग व दमा विषय पर जानकारियां दी। जीवन को बेहतर ढंग से जीना है तो शरीर और मस्तिष्क का स्वस्थ रहना जरूरी है। स्वस्थ रहने के लिए मस्तिष्क का अनुशासित रहना जरूरी है और इसके लिए अष्टांग योग का बड़ा महत्व है। इससे शरीर और मन के बीच संतुलन भी आता है।  कोरोना संक्रमण के बाद श्वसन तंत्र की देखभाल करना जरूरी उत्तानपादासन से श्वसन तंत्र बनता है बेहतर स्वस्थ शरीर और अनुशासित मस्तिष्क के लिए शुद्ध व सही ढंग से ली गई श्वास आवश्यक है।  सर्दी-जुकाम, कफ, अस्थमा आदि के रोगियों को सर्वांगीण योगाभ्यास करना चाहिए। उत्तानपादासन कर श्वसन तंत्र को बेहतर बनाया जा सकता है।  इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और दोनों पैरों को जमीन से अधिकतम एक हाथ की दूरी तक उठाएं।  इसी स्थिति में 10 श्वास तक ठहरें और पुनः यथास्थिति में आ जाएं। इसी