सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

साइटोकाइन तूफान क्या होता है। what is cytokine storme in hindi

साइटोकाइन तूफान क्या होता है। What is cytokine storme in hindi 


"साइटोकाइन तूफान या cytokine storme चिकित्सा विज्ञान से संबंधित एक शारीरिक समस्या है जिसमें व्यक्ति का प्रतिरोधी तंत्र (Immune system) शरीर पर हमला करने वाले बाहरी आक्रांताओं (pathogens) जैसे वायरस और बेक्टेरिया के प्रति इतना अधिक सक्रिय हो जाता हैं कि यह शरीर में बहुत अधिक सूजन पैदा कर देता हैं और व्यक्ति का इम्यून सिस्टम pathogens से लड़ने के बजाय स्वयं के शरीर से लड़ने लगता हैं ।"

साइटोकाइन तूफान cytokine storme को Cytokine Release Syndrome (C.R.S.) भी कहते हैं ।

What is Cytokine storme in hindi।साइटोकाइन तूफान
Cytokine storme


Cytokine storme के दौरान क्या होता है



हमारे इम्यून सिस्टम में अलग - अलग तरह के पदार्थ होते हैं जो कि पेथोजेंस या बाहरी तत्वों से लड़ने में मदद करते हैं,इस इम्यून सिस्टम अनेक इम्यून कोशिकाएं जिन्हें Cytokines कहते हैं एक दूसरे cytokines कोशिकाओं से सम्पर्क स्थापित कर अपने अपने काम करती हैं । अलग-अलग साइटोकाइन के अलग-अलग काम होते हैं जैसे

• कुछ साइटोकाइन दूसरे प्रकार की इम्यून कोशिकाओं को भर्ती करते हैं।


• कुछ साइटोकाइन शरीर में एंटीबाडी बढ़ाते हैं, कुछ शरीर में रक्त का थक्का बनाते हैं।


• कुछ बाहरी पदार्थों के शरीर में प्रवेश करने पर शरीर या म्यूकस मेम्ब्रेन  में सूजन पैदा करते हैं।


• कुछ साइटोकाइन शरीर की सूजन कम करते हैं ताकि सूजन नियंत्रण में हो क्योंकि बहुत ज्यादा सूजन शरीर में कई अन्य प्रकार की समस्या पैदा कर सकता है उदाहरण के लिए फेफड़ों की वायु प्रणाली (aloveli ) में अधिक सूजन से सांस लेने में परेशानी होती हैं और शरीर में आक्सीजन का स्तर कम हो जाता हैं। 


एक समय वह होता है जब हमारा शरीर बहुत अधिक सूजन पैदा करने वाले cytokine का उत्पादन करने लगता हैं इसके मुकाबले सूजन को कम करने वाले cytokine बहुत कम उत्पादित हो पाते हैं फलस्वरूप यह संतुलन बिगड़ जाता हैं यह स्थिति Cytokine storme की होती हैं।


कोविड 19 के सन्दर्भ में इसे हम Acute Respiratory distress syndrome या A.R.D.S. कहते हैं इसमें रोगी के फेफड़ों में बहुत अधिक सूजन आ जाता हैं और फेफड़ों की वायु प्रणाली में बलगम जमा होकर आक्सीजन की कमी हो जाती हैं और रोगी की मृत्यु हो जाती हैं।


6 Best reason for Cytokine storme,साइटोकाइन तूफान के 6 मुख्य कारण  



वैज्ञानिक और चिकित्सक साइटोकाइन तूफान के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए बहुत गंभीरता से काम कर रहे हैं यदि हम आजतक की शोध का विश्लेषण करें तो साइटोकाइन तूफान के निम्नलिखित कारण सामने आते हैं


1.हिमोफेगोसाइटिक लिम्फोहिस्टीयोसिस जेनेटिक सिंड्रोम


जिन लोगों को हिमोफेगोसाइटिक लिम्फोहिस्टीयोसिस नामक जेनेटिकल बीमारी होती हैं उन्हें शरीर में इन्फेक्शन होने पर साइटोकाइन तूफान होने की बहुत अधिक संभावना होती हैं।

2.बेक्टेरियल या वायरल इन्फेक्शन

कुछ महत्वपूर्ण प्रकार के बेक्टेरियल और वायरल इन्फेक्शन साइटोकाइन तूफान cytokine storme के लिए उत्तेजक का कार्य करते हैं उदाहरण के लिए सन् 1918 में इन्फ्लुएन्जा ए वायरस संक्रमण के कारण युवाओं की मौत अधिक हुई थी इसका कारण साइटोकाइन तूफान ही था ।

ठीक इसी प्रकार की स्थिति SARS Cov 2 वायरस संक्रमण के कारण देखी जा रही है इसी वायरस के कारण साइटोकाइन तूफान विकसित हो रहा हैं और युवाओं की मौत अधिक हो रही है ।

3.आटो इम्यून बीमारीयां

वे लोग जो आटो इम्यून बीमारियों जैसे एलर्जी,ल्यूपस, आर्थराइटिस आदि से पीड़ित होते हैं उन्हें वायरस संक्रमण के दौरान Cytokine storme होने की अधिक संभावना होती हैं।

4.इम्यूनोथेरेपी 

कैंसर के उपचार हेतु प्रयोग की जाने वाली इम्यूनोथेरेपी के कारण भी साइटोकाइन स्टार्म विकसित हो जाता हैं।

5.अंग प्रत्यारोपण

लीवर, किडनी,लंग्स आदि अंगों के प्रत्यारोपण के बाद भी शरीर में साइटोकाइन तूफान होता हैं।

6.विशेष प्रकार के जीन 

विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं के मुताबिक साइटोकाइन तूफान विकसित होने के लिए कुछ विशेष प्रकार के जीन उत्तरदायी होते हैं जो इम्यून सिस्टम को बहुत तेजी से प्रतिक्रियाशील बनाकर साइटोकाइन तूफान बनातें हैं।

क्या कोरोना वायरस प्रभावित व्यक्ति में साइटोकाइन तूफान को रोका जा सकता है

 साइटोकाइन तूफान की शुरुआत कोरोनावायरस के शरीर में प्रवेश करने के पांचवें या छठे दिन होती हैं ,यदि बिना किसी देरी के कोरोना पाज़िटिव होने या कोरोना के लक्षण प्रकट होते ही कोरोना का इलाज शुरू कर दिया जाए तो साइटोकाइन तूफान को रोका जा सकता हैं उदाहरण के लिए साइटोकाइन तूफान को निम्नलिखित सावधानी अपनाकर रोका जा सकता हैं 

• लक्षण प्रकट होने के शुरुआती दिन से ही शरीर का आक्सीजन लेवल प्रत्येक 6 घंटे में जांचते रहें यदि आक्सीजन लेवल 90 से निचें हो तो तुरंत चिकित्सक का परामर्श लें।

• रक्तचाप पर नजर रखें कम होने पर चिकित्सक से परामर्श करें।

• Hrct Test में लंग्स में इन्फेक्शन 9 से अधिक है तो चिकित्सक के परामर्श से वायरस लोड कम करने वाली दवाईयां जरुर लें।

• C reactive protein test 6 mg/ml से अधिक होने पर चिकित्सक से नियमित संपर्क रखें।

• घर पर होम आइसोलेशन में हो तो प्रतिदिन छः मिनिट वाक टेस्ट करें इस टेस्ट में बिना रुके तेजी से वाकिंग करें यदि वाकिंग के दौरान कोई समस्या जैसे सांस फूलना घबराहट होना होती हैं तो चिकित्सक से संपर्क करें।

• डी डायमर टेस्ट सामान्य से अधिक होने पर चिकित्सक से संपर्क करें।

• बुखार एक दो दिन रहकर उतर गया है तो लापरवाही बिल्कुल न करें बल्कि नियमित रूप से शरीर का तापमान जांचते रहें यदि तापमान सही रहने के बावजूद घबराहट महसूस होती है तो चिकित्सक से संपर्क करें।

 हाई प्रोटीन डाइट,सलाद,सूप,हल्दी वाला दूध और सूखे मेवे प्रतिदिन भोजन में शामिल करें।

• प्रतिदिन सुबह शाम आधा घंटा योग प्राणायाम और फेफड़ों को मजबूती प्रदान करने वाले आसन अवश्य करें।

• शरीर और मन पर बीमारी का डर हावी न होने दें यदि डर हावी हो जाता हैं तो रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती हैं।



चिकित्सक कोविड़ 19 के कारण उत्पन्न साइटोकाइन तूफान Cytokine storme को नियंत्रित करने का बहुत अधिक प्रयास कर रहें हैं और दूसरी बीमारियों में प्रयोग की जा रही विधियों जैसे आर्थराइटिस के उपचार में प्रयोग की जा रही बायोलाजिकल थेरेपी का भी उपयोग भी कर रहे हैं,यह थेरेपी Cytokine IL -1 (इंटरल्यूकिन) को ब्लाक कर देती हैं । चिकित्सकों के मुताबिक यह थेरेपी कोविड 19 के गंभीर मरीजों को बहुत फायदा पंहुचा रही हैं ।

इसके अलावा चिकित्सक रोगी की गंभीरता के आधार पर प्लाज्मा थेरेपी,एंटी काग्यूलेंट दवाई, कुछ विशेष इंजेक्शन जैसे Tocilizumab  और स्टेराइड भी प्रयोग करतें हैं ।


• बुखार आने पर क्या करना चाहिए








टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER  पतंजलि आयुर्वेद ने high blood pressure की नई गोली BPGRIT निकाली हैं। इसके पहले पतंजलि आयुर्वेद ने उच्च रक्तचाप के लिए Divya Mukta Vati निकाली थी। अब सवाल उठता हैं कि पतंजलि आयुर्वेद को मुक्ता वटी के अलावा बीपी ग्रिट निकालने की क्या आवश्यकता बढ़ी। तो आईए जानतें हैं BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER के बारें में कुछ महत्वपूर्ण बातें BPGRIT INGREDIENTS 1.अर्जुन छाल चूर्ण ( Terminalia Arjuna ) 150 मिलीग्राम 2.अनारदाना ( Punica granatum ) 100 मिलीग्राम 3.गोखरु ( Tribulus Terrestris  ) 100 मिलीग्राम 4.लहसुन ( Allium sativam ) 100  मिलीग्राम 5.दालचीनी (Cinnamon zeylanicun) 50 मिलीग्राम 6.शुद्ध  गुग्गुल ( Commiphora mukul )  7.गोंद रेजिन 10 मिलीग्राम 8.बबूल‌ गोंद 8 मिलीग्राम 9.टेल्कम (Hydrated Magnesium silicate) 8 मिलीग्राम 10. Microcrystlline cellulose 16 मिलीग्राम 11. Sodium carboxmethyle cellulose 8 मिलीग्राम DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER INGREDIENTS 1.गजवा  ( Onosma Bracteatum) 2.ब्राम्ही ( Bacopa monnieri) 3.शंखपुष्पी (Convolvulus pl

गेरू के औषधीय प्रयोग

गेरू के औषधीय प्रयोग गेरू के औषधीय प्रयोग   आयुर्वेद चिकित्सा में कुछ औषधीयाँ सामान्य जन के मन में  इतना आश्चर्य पैदा करती हैं कि कई लोग इन्हें तब तक औषधी नही मानतें जब तक की इनके विशिष्ट प्रभाव को महसूस नही कर लें । गेरु भी उसी श्रेणी की   आयुर्वेदिक औषधी   हैं। जो सामान्य मिट्टी   से   कहीं अधिक   इसके   विशिष्ट गुणों के लिए जानी जाती हैं। गेरु लाल रंग की मिट्टी होती हैं। जो सम्पूर्ण भारत में बहुतायत मात्रा में मिलती हैं। इसे गेरु या सेनागेरु कहते हैं। गेरू  आयुर्वेद की विशिष्ट औषधि हैं जिसका प्रयोग रोग निदान में बहुतायत किया जाता हैं । गेरू का संस्कृत नाम  गेरू को संस्कृत में गेरिक ,स्वर्णगेरिक तथा पाषाण गेरिक के नाम से जाना जाता हैं । गेरू का लेटिन नाम  गेरू   silicate of aluminia  के नाम से जानी जाती हैं । गेरू की आयुर्वेद मतानुसार प्रकृति गेरू स्निग्ध ,मधुर कसैला ,और शीतल होता हैं । गेरू के औषधीय प्रयोग 1. आंतरिक रक्तस्त्राव रोकनें में गेरू शरीर के किसी भी हिस्से में होनें वाले रक्तस्त्राव को कम करने वाली सर्वमान्य औषधी हैं । इसके ल

होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर #1 से नम्बर #28 तक Homeopathic bio combination in hindi

  1.बायो काम्बिनेशन नम्बर 1 एनिमिया के लिये होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर 1 का उपयोग रक्ताल्पता या एनिमिया को दूर करनें के लियें किया जाता हैं । रक्ताल्पता या एनिमिया शरीर की एक ऐसी अवस्था हैं जिसमें रक्त में हिमोग्लोबिन की सघनता कम हो जाती हैं । हिमोग्लोबिन की कमी होनें से रक्त में आक्सीजन कम परिवहन हो पाता हैं ।  W.H.O.के अनुसार यदि पुरूष में 13 gm/100 ML ,और स्त्री में 12 gm/100ML से कम हिमोग्लोबिन रक्त में हैं तो इसका मतलब हैं कि व्यक्ति एनिमिक या रक्ताल्पता से ग्रसित हैं । एनिमिया के लक्षण ::: 1.शरीर में थकान 2.काम करतें समय साँस लेनें में परेशानी होना 3.चक्कर  आना  4.सिरदर्द 5. हाथों की हथेली और चेहरा पीला होना 6.ह्रदय की असामान्य धड़कन 7.ankle पर सूजन आना 8. अधिक उम्र के लोगों में ह्रदय शूल होना 9.किसी चोंट या बीमारी के कारण शरीर से अधिक रक्त निकलना बायोकाम्बिनेशन नम्बर  1 के मुख्य घटक ० केल्केरिया फास्फोरिका 3x ० फेंरम फास्फोरिकम 3x ० नेट्रम म्यूरिटिकम 6x