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Corona Vaccine : वो सभी जानकारी जो आपको जानना चाहिए

Corona Vaccine 

कोविशील्ड़ Covishield


कोविशील्ड़ ब्रिटेन की एस्ट्रोजेनेका और भारत की सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोरोना वायरस प्रतिरोधी वैक्सीन है ।

कोविशील्ड़ ChAdoxInCov 19 Recombinant तकनीक पर आधारित टीका हैं जिसे चिंपाजी के शरीर में पाए जाने वाले एडिनो वायरस [जो मानव शरीर में प्रतिकृति नहीं बना पाते] और SARS Cov 19 वायरस के स्पाइक प्रोटीन [जो मानव भ्रूणीय गुर्दे पर आनुवांशिक रूप से परिवर्तित कर] (Genetically modified) तैयार किया जाता है।

एशिया,अफ्रीका और यूरोप में हुए परीक्षणों के आधार पर कोविशील्ड़ कोरोनावायरस के प्रति प्रभावकारी साबित हुई और इसने कोरोनावायरस की घातकता से बचाकर जीवन की रक्षा की है। 


कोविशील्ड़ का प्रभाव



• कोविशील्ड़ टीके के पहले डोज के बाद दूसरे डोज में 6 सप्ताह से कम समय का अंतर रखने पर टीके का प्रभाव 53.28 प्रतिशत पाया गया ।

• जिन लोगों को प्रथम खुराक के बाद टीके की दूसरी खुराक के बीच अंतराल 40 से 60 दिन रखा गया उनमें टीके की प्रभाविता 51.08 प्रतिशत पाई गई ।

• जिन लोगों को टीके की प्रथम खुराक के बाद दूसरी खुराक में 9 से 11 सप्ताह का अंतर रखा गया उनमें टीके की प्रभाविता 60.55 प्रतिशत पाई गई ।

• जिन लोगों को कोविशील्ड़ का प्रथम टीका लगाने के बाद कोविशील्ड़ का दूसरा टीका 12 सप्ताह या 84 दिन बाद दिया गया उनमें कोविशील्ड़ की प्रभाविता 78.79 प्रतिशत पाई गई ।

• कोविशील्ड़ उन लोगों में 73.43 प्रतिशत तक प्रभावी पाई गई है जिन्हें कोमोर्बिडिटी यानि कैंसर, मधुमेह, ह्रदयरोग,उच्च रक्तचाप आदि बीमारीयां हैं ।

उपरोक्त विश्लेषण से स्पष्ट है कि कोविशील्ड़ के प्रथम टीके के बाद दूसरे टीके के बीच तीन महिने का अंतराल टीके प्रभाविता को बढ़ा देता है ।


 ऐसे लोगों में एंटीबाडी का अधिक स्तर होने से कोरोनावायरस का घातक प्रभाव नहीं होता हैं और कोविड़ होने के बाद भी व्यक्ति साधारण सर्दी,खांसी, बुखार, मुंह का स्वाद खत्म होना और नाक से गंध नही आना जैसी समस्या पीड़ित होकर व्यक्ति कोरोना को मात दे देता है । 
 

कोविशील्ड़ के बारें पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्न


प्रश्न 1.जिन्हें कोविशील्ड़ वैक्सीन का पहला टीका लग चुका है क्या उन्हें दूसरा टीका भी कोविशील्ड़ का लगेगा ?

उत्तर :: जी हां, जिन लोगों को कोविशील्ड़ का पहला टीका लगा हैं उन्हें दूसरा टीका भी कोविशील्ड़ का ही लगेगा ।

प्रश्न 2.क्या कोरोना से ठीक होनें के तत्काल बाद कोविशील्ड़ का टीका लगाया जा सकता है ?

उत्तर ::जी नही,कोरोना से ठीक होने के तत्काल बाद कोविशील्ड़ का टीका नहीं लगाना चाहिए बल्कि ऐसे मामलों में कोविड़ से ठीक होने के तीन महिने बाद टीकाकरण करवाना चाहिए ।

यदि साधारण सर्दी,खांसी और बुखार है तो टीकाकरण करवाया जा सकता हैं ।

प्रश्न 3.क्या गर्भावस्था के दौरान कोविशील्ड़ वैक्सीन लगाई जा सकती हैं ?

उत्तर :: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अनुसार गर्भावस्था के दौरान टीका तभी लगवाना चाहिए जब टीके के फायदे मां और शिशु के लिए संभावित खतरें से कहीं अधिक हो । इस बारें में अंतिम निर्णय गायनेकोलॉजिस्ट से परामर्श से ही लिया जाना चाहिए।

हालांकि गर्भस्थ पशुओं में जो परीक्षण हुए हैं उसके अनुसार टीके के कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखे गए हैं । 

प्रश्न 4.क्या टीका लगवाने के बाद प्रजनन क्षमता पर कोई असर पड़ता हैं ?

उत्तर :: इस संबंध में अभी तक कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है अतः यह कहना कि टीका लगवाने के बाद प्रजनन क्षमता खत्म हो जाएगी या पुरुष नपुंसक हो जाएगा पूरी तरह से असत्य और भ्रामक है ।

प्रश्न 5.क्या स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को कोविशील्ड़ वैक्सीन लगवाना चाहिए ?

उत्तर :: भारत सरकार ने स्तनपान करवानें वाली महिलाओं को टीकाकरण करवानें की अनुमति प्रदान की है। क्योंकि टीकाकरण से माता के दूध पर क्या विपरीत असर होता है अभी तक इसका कोई विस्तृत अध्ययन उपलब्ध नहीं है।

प्रश्न 6.कोविशील्ड़ की पहली डोज और दूसरी डोज के बीच कितना अंतराल रखा जाता हैं?

उत्तर:: भारत सरकार के कोविन पोर्टल के अनुसार पहली डोज लेने के 84 से 112 दिन के अंतराल पर कोविशील्ड़ वैक्सीन की दूसरी डोज दी जाती है।

vaccine कोविशील्ड़ कोवैक्सीन स्पूतनिक वी स्पूतनिक लाइट
Vaccine


कोवैक्सीन Covaxin BBV152


कोवैक्सीन भारत में निर्मित पूर्णतः स्वदेशी कोरोना वायरस प्रतिरोधी वैक्सीन है जिसे इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ICMR , नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलाजी और भारत बायोटेक ने मिलकर बनाया है ।

कोवैक्सीन पूर्व की वैक्सीन बनाने वाली प्रचलित तकनीक पर आधारित वैक्सीन है जिसमें SARS Cov 2 के मृत वायरस का इस्तेमाल किया जाता है ।

जब इस मृत कोरोनावायरस को जो कि शरीर की कोशिकाओं से चिपककर अपनी प्रतिलिपि बनाने में अक्षम होता है को शरीर में डाला जाता है तो शरीर का इम्यून सिस्टम इन वायरस के प्रति एंटीबाडी बना लेता है और जब कभी वास्तविक कोरोनावायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है तो शरीर का प्रतिरोधी तंत्र इस वायरस को पहचान कर नष्ट कर देता हैं। 

प्रश्न 1.क्या एलर्जी से पीड़ित व्यक्ति कोवैक्सीन ले सकता है?

उत्तर :: कोवैक्सीन  SARS Cov एंटीजन , एल्युमिनियम हाइड्राक्साइड़ जेल,इमिडायोक्यूनोलिनोन,फिनोक्सीथेनोल,और फास्फेट सफर साल्यूशन को मिलाकर बनाई जाती है। यदि उपरोक्त पदार्थों से किसी को एलर्जी है तो कोवैक्सीन का टीका नहीं लगवाना चाहिए, इसके अतिरिक्त  धूल, धुंआ, परागकण, लेटेक्स,विनोम, मुंह से ली जाने वाली दवाओं और खाद्य पदार्थों से एलर्जी होने पर कोवैक्सीन का टीका लगाया जा सकता है ।

प्रश्न 2.क्या गंभीर बीमारी से पीड़ित रोगी जैसे कैंसर,एड्स आदि को कोवैक्सीन का टीका लगाया जा सकता है?

उत्तर :: जी हां, गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का टीकाकरण किया जा सकता है। इन लोगों से पीड़ित व्यक्तियों को अपना टीका प्राथमिकता से लगवाना चाहिए क्योंकि ऐसे व्यक्तियों का प्रतिरोधी तंत्र कमजोर होने से कोविड होने की संभावना अधिक रहती है ।

प्रश्न 3.कोवैक्सीन कोरोनावायरस के प्रति कितनी प्रभावशाली है ?
उत्तर : कोवैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके व्यक्तियों के अध्ययन से पता चलता है कि कोवैक्सीन 78 प्रतिशत प्रभावी है। 

कोवैक्सीन दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस के अलग-अलग वेरियंट जैसे ब्राजील वेरियंट्स,यूके वेरियंट,डबल म्यूटेंट आदि के विरुद्ध भी बहुत प्रभावी हैं। 

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के अनुसार को वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके व्यक्तियों में कोरोनावायरस से मृत्यु की आशंका 100 प्रतिशत कम हो जाती हैं। अर्थात इस वैक्सीन को लेने के बाद कोरोनावायरस से कोई नहीं मरता या फिर कोरोना होने पर सामान्य सर्दी,खांसी और बुखार होकर ठीक हो जाता है ।

प्रश्न 4.कोवैक्सीन की पहली और दूसरी डोज के बीच कितना अंतराल रखा जाता हैं ?

उत्तर :: कोवैक्सीन की पहली डोज लेने के 28 से 42 दिन के अंतराल पर दूसरी डोज दी जाती है।


स्पूतनिक वी Sputnik V

स्पूतनिक वी रुसी वैक्सीन है जिसे रुस के गेमेलया नेशनल सेंटर फॉर एपीडोनालाजी और माइक्रोबायोलॉजी ने बनाया है । इस वैक्सीन की भी दो खुराक दी जाती है और पहली डोज लेने के बाद दूसरी डोज में 21 से 90 दिन के अंतराल रखा जाता है। 

स्पूतनिक वी भी कोविशील्ड़ वैक्सीन की तरह एडिनो वायरस को वेक्टर की तरह इस्तेमाल कर और SARS Cov 2 के RNA को मोडिफाइड कर एडिनो वायरस में डालकर बनाई गई है। लेकिन स्पूतनिक वी की दोनों डोज में अलग-अलग प्रकार की ताकत के SARS Cov 2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन mRNA का इस्तेमाल होता हैं ।

स्पूतनिक वी की प्रथम डोज में rAd5 प्रकार का व दूसरी डोज में rAd26 प्रकार के एडिनो वायरस का इस्तेमाल होता हैं।


Effectiveness of Sputnik V स्पूतनिक वी की प्रभावशीलता

स्पूतनिक वी विश्व की तीसरे नंबर की वैक्सीन है जो कोरोनावायरस के प्रति 91.7 प्रतिशत प्रभावशील है। 

स्पूतनिक लाइट Sputnik light

स्पूतनिक लाइट वैक्सीन सिंगल डोज कोरोनावायरस प्रतिरोधी वैक्सीन है । यह वैक्सीन भी एडिनो वायरस को वेक्टर रुप में इस्तेमाल कर और कोरोनावायरस स्पाइक प्रोटीन को आनुवांशिक रूप से परिवर्तित कर इसमें मिलाकर बनाई गई है।

स्पूतनिक लाइट में rAd26 वेक्टर इस्तेमाल किया जाता है जबकि स्पूतनिक वी में rAd5 वेक्टर का पहली डोज के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

विभिन्न परीक्षणों के अनुसार स्पूतनिक लाइट लगाने के 28 दिन बाद कोरोनावायरस के प्रति 79.4 प्रतिशत प्रभावी है।

वैक्सीन के दुष्प्रभाव क्या है 

सम्पूर्ण विश्व में सभी देशों में दी जा रही है विभिन्न प्रकार की वैक्सीन व्यापक शोध और विस्तृत परीक्षणों के बाद ही लोगों को लगाई जाती हैं और इन वैक्सीन को बनाने वाले वैज्ञानिक अपने अपने देश के सर्वश्रेष्ठ शोध संस्थानों में काम करते हैं । लगभग सारी वैक्सीन सुरक्षित और कोरोनावायरस से होने वाली मृत्यु को रोकने में सक्षम है । इन वैक्सीन को लगाने के बाद थोड़े बहुत शारीरिक प्रतिक्रिया होती हैं जो कि स्वाभाविक है और यह वैक्सीन की सफलता को दर्शाती है। इन शारीरिक प्रतिक्रिया में

• वैक्सीन लगाने के बाद वैक्सीन लगने वाली मांसपेशी में दर्द होना ।

• वैक्सीन लगने के बाद हल्का सा बुखार आना।

• सिरदर्द होना

• चक्कर आना 

• वैक्सीन लगने वाली जगह  लाल होना और हल्का सूजन आना


कोविशील्ड़ कोवैक्सीन और स्पूतनिक वी वैक्सीन में से मुझे कौंन सी वैक्सीन लगवानी चाहिए ?

उत्तर :: भारत में कोरोनावायरस की सेकंड वेव या दूसरी लहर ने मानव जीवन को जो क्षति पहुंचाई है और विशेषज्ञों ने कोरोनावायरस की तीसरी लहर या कोरोनावायरस थर्ड वेव आने की आशंका जताई है, उसे देखते हुए यह समय यह सवाल पूछने का बिल्कुल भी नहीं है कि मुझे कौंन सी वैक्सीन लगवानी चाहिए ?

 आपको जो वैक्सीन समय और परिस्थितियों के अनुसार मिल रही है वह तुरंत लगवा लें और जानलेवा कोरोनावायरस के घातक प्रभाव को सीमित करें ।

 

Q.1.क्या 16 जनवरी 2021 से कोरोना वायरस से सुरक्षा हेतू टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो रहा हैं ?

Ans.जी हाँ, 16 जनवरी 2021 से कोरोना वायरस से प्रतिरक्षण हेतू भारत में टीकाकरण अभियान की शुरूआत हो रही हैं ।

Q.2.कोरोना वायरस से बचाव हेतू लगाये जानें वाले टीके का क्या नाम हैं ?

Ans.कोरोना वायरस से बचाव हेतू दो कम्पनीयों के टीको को अब तक भारत सरकार ने अनुमति प्रदान की हैं 

1.सीरम इंस्टिट्यूट का "कोविशील्ड"

2.भारत बायोटेक का "कोवैक्सीन"

3.रुस की स्पूतनिक वी

4.12 से 18 साल के बच्चों के लिए कार्बैवेक्स


Q.3.क्या कोरोना वायरस से बचाव हेतू टीकाकरण एक साथ सभी का किया जायेगा ?

Ans.जी नहीं, अभी टीकाकरण के लिए उच्च जोखिम वाले समूह का चयन किया गया हैं उदाहरण के लिए स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोग,आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ,आशा आदि । इसके पश्चात टीके की उपलब्धता के आधार पर लाभार्थियों का चयन किया जायेगा ।

दिनांक 1 मार्च 2021 से भारत सरकार ने कोरोनावायरस के द्वितीय चरण की शुरुआत की है जिसमें 60 वर्ष के अधिक व्यक्तियों और 45 से 59 वर्ष के उन व्यक्तियों का टीकाकरण किया जाएगा जो गंभीर रूप से पीड़ित हैं और इनको इस आशय का प्रमाण पत्र चिकित्सक द्दारा जारी किया गया है।

1 अप्रैल 2021 से कोरोना वायरस टीकाकरण 45 साल से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों को लगाने को लेकर भारत सरकार ने दिशा निर्देश जारी किए हैं ।

1 भी 2021 से कोरोना प्रतिरोधी वैक्सीन 18 से 44 वर्ष के व्यक्तियों के लिए खोल दिया है ।

सन् 2022 में कोरोना वैक्सीन 12 साल तक के बच्चों को भी लगाना शुरू हो चुकी हैं।


Q.4.क्या कोरोना वायरस से बचाव हेतू किया जानें वाला टीकाकरण मुफ़्त होगा ?

Ans.अभी स्वास्थ्य सेवा देनें वाले व्यक्तियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं, आशा बहन आदि को दिया दानें वाला टीका सरकार की ओर से मुफ़्त लगाया गया है।

अभी द्वितीय चरण में शासकीय संस्थाओं में जो टीकाकरण किया जा रहा हैं वह मुफ्त है जबकि सरकार द्वारा निर्धारित निजी अस्पतालों में 250 रुपए शुल्क लेकर टीकाकरण किया जा रहा है ।


 Q.5.क्या टीकाकरण के लिए व्यक्तियों को पंजीकरण करना होगा ?

Ans.5. जी हाँ, कोरोना वायरस  प्रतिरक्षण टीकाकरण हेतू लाभार्थियों का पंजीयन Cowin website या आरोग्य सेतू एप,या उमंग एप के माध्यम से किया जाएगा । जिसमें लाभार्थी द्धारा जरूरी जानकारी दर्ज करने के उपरांत टीकाकरण स्थल का चुनाव कर  टीकाकरण दिनांक और समय का चयन किया जा सकता है।


Q.6.क्या कोविड़ वैक्सीन लेना सभी के लिए अनिवार्य हैं ?

Ans.6.कोरोना वायरस प्रतिरक्षा हेतू टीकाकरण पूर्णत: स्वैच्छिक रखा गया हैं । किंतु सलाह यही है कि इस बीमारी से बचाव हेतू टीकाकरण आवश्यक हैं। जिससे स्वंय की परिवार की समाज की कोरोनावायरस से सुरक्षा प्राप्त की जा सकें ।


Q.7.क्या कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति या संदिग्ध मरीज को टीकाकरण किया जा सकता हैं ?

Ans.7.कोरोना वायरस से संक्रमित और संदिग्ध का टीकाकरण नहीं किया जाता हैं क्योंकि संक्रमित व्यक्ति का टीकाकरण से कोरोनावायरस अन्य व्यक्तियों को फैलनें का खतरा रहता हैं । अत:संक्रमित व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आनें के 90 दिन बाद ही टीकाकरण किया जाना चाहिए ।

Q.8.कोविड़ टीकाकरण की कितनी खुराक दी जाएगी ?

Ans.8.कोरोना वायरस से बचाव हेतू टीकाकरण की दो खुराक दी जाती हैं प्रथम खुराक के बाद 6 से 12 हफ्तों के बाद दूसरी खुराक दी जाती हैं । जिसका फैसला वैक्सीन के प्रकार पर निर्भर है।

इसके अलावा फ्रंट लाइन वर्कर बुजुर्गों को वैक्सीन का बूस्टर डोज भी दिया जा रहा है।

Q.9.यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरी बीमारीयों जैसें मधुमेह,उच्च रक्तचाप,अस्थमा,कैंसर आदि से पीड़ित हैं और इन बीमारीयों की दवा ले रहा हैं तो क्या उसका टीकाकरण किया जा सकता हैं ?

Ans.9.जी बिल्कुल,ऐसे व्यक्ति जो उपरोक्त बीमारियों से पीड़ित हैं और दवाईयों का सेवन कर रहें हैं ये लोग उच्च जोखिम वाले माने गये है और इनका टीकाकरण आवश्यक हैं ।


Q.10.कोरोना वायरस से प्रतिरक्षा हेतू टीकाकरण के कितने दिनों बाद सुरक्षा प्राप्त होती हैं ?

Ans.10.कोविड़ टीकाकरण की दूसरी खुराक लेने के 15 दिनों के बाद एंटीबाडी विकसित होना शुरू हो जाती हैं । 


Q.11.कोविड़ टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव क्या हो सकता हैं ?

Ans.11. टीकाकरण के बाद टीके वाले स्थान पर दर्द,सूजन और हल्का बुखार आ सकता हैं किंतु इसमें चिंता की कोई बात नहीं होती हैं।कुछ घंटों के बाद सबकुछ सामान्य हो जाता हैं।

टीकाकरण के बाद टीकाकरण केन्द्र पर लगभग 30 मिनिट विश्राम करना चाहियें। यदि इस बीच कोई समस्या जैसें उल्टी होना,चक्कर आना ,बैचेनी महसूस होना आदि जैसी समस्या हो तो स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं को सूचना दें ।

Q.12.टीकाकारण  पंजीयन हेतू आवश्यक दस्तावेजों की सूचि कोंन सी हैं ?


Ans.12. 

• आधार कार्ड
• मतदाता पहचान पत्र
• पासपोर्ट
• बैंक या डाकघर की पासबुक 
• राशन कार्ड
• ड्राइविंग लाइसेंस
• गैस कनेक्शन की डायरी
• मनरेगा जॉबकार्ड
• पैनकार्ड
• नियोक्ता द्धारा जारी पहचान प्रमाण पत्र
• कोई अन्य दस्तावेज जो चुनाव आयोग द्धारा पहचान के लिए मान्य दस्तावेजों में शामिल हो ।

किंतु यह ध्यान रहें कि पंजीकरण के समय जो दस्तावेज उपयोग किया गया था वही दस्तावेज टीकाकरण के समय लाना अनिवार्य रहेगा ।


Q.13.क्या कोविड़ टीकाकरण के बाद टीकाकरण पूर्ण कर चुके व्यक्ति की पहचान के लिए कोई दस्तावेज दिया जायेगा ? 

Ans.13.जी हाँ,टीकाकरण पूर्ण कर चुके व्यक्ति को टीकाकरण पूर्ण करनें पर इलेक्ट्रॉनिक फार्मेट में टीकाकरण पूर्ण करनें का प्रमाण पत्र दिया जाएगा ।


Q.14.भारत बायोटेक ने टीकाकरण से संबधित कोंन सी एडवाइजरी जारी की हैं जिसके अनुसार किन व्यक्तियों को टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए ?

Q.15.भारत बायोटेक ने टीकाकरण से संबधित भ्रांतियों को दूर करने हेतू कुछ महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किये हैं जिनके अनुसार


1.गर्भवती स्त्री को टीकाकरण करवानें से पूर्व अपने चिकित्सक से परामर्श प्राप्त कर लेना चाहिए ।


3.बुखार से पीड़ित रोगी का टीकाकारण बुखार उतनें के बाद ही किया जाना चाहियें ।


4.यदि कोई टीका लगा हैं तो कोविड़ टीकाकरण 14 दिनों के बाद ही किया जाना चाहिए ।

Q.15. टीकाकरण में कोमोर्बिड comorbid का क्या मतलब है ?

उत्तर = भारत सरकार ने 45 वर्ष से 59 वर्ष के उन व्यक्तियों का टीकाकरण करने का निर्णय लिया है जो कोमोर्बिड अर्थात गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं । इसके लिए सरकार द्वारा बीमारियों की सूचि दी गई हैं जो निम्न हैं 

1.ऐसे बीमारी जो पिछले एक साल के अन्दर ह्रदयघात की वजह से अस्पताल में भर्ती थे ।

2.ऐसे व्यक्ति जिन्हें cardiac transplant हुआ हो या जिन्हें Left ventricular Assist Device (LVAD) लगा हो ।

3.जिन्हें 40 प्रतिशत से अधिक Left ventricular systolic dysfunction हुआ हो ।

4.ऐसे जिन्हें गंभीर से लेकर मध्यम स्तर तक की ह्रदय वाल्व संबंधित बीमारी हो ।

5.congenital heart disease के साथ गंभीर PAH या idiopathic PAH

6. coronary arteries disease with past CABG/PTCA//MI and Hypertension/Diabetes on treatment

7. जो व्यक्ति angina ,Hypertension और मधुमेह का इलाज लें रहें हों । 

8.CT/MRI में जिन्हें स्ट्रोक की समस्या आई हो ।

9.जिन्हें pulmonary artery से संबंधित हाइपरटेंशन हो

10.जो पिछले दस साल से कम से समय से मधुमेह का उपचार चल रहा हो ।

11.जिनका किडनी,लीवर,Hematopoietic stem cell transplant की सूचि में नाम हो या वेटिंग लिस्ट में नाम हो ।

12. End stage kidney Disease on haemodialysis/ CAPD

13.लम्बें समय से corticosteroid या immunosuppressant मेडिसिन लें रहें व्यक्ति ।

14.Decompensated cirrhosis

15. श्वसन तंत्र से संबंधित गंभीर बीमारी जिनमें व्यक्ति पिछले  दो साल के अन्दर अस्पताल में भर्ती कराया गया हो ।/FEV1 50 प्रतिशत से कम हो ।

16. लिम्फोमा,ल्यूकेमिया,मेलोमा कैंसर हो ।

17.जिन्हें 1 जुलाई 2020 के बाद किसी भी प्रकार का कैंसर हुआ हो या फिर जो इस समय कैंसर से संबंधित कोई थैरेपी ले रहें हों ।

18. सिकल सेल बीमारी,बोन मैरो फैल्यूअर,अप्लास्टिक एनिमिया, थैलीसीमिया से पीड़ित व्यक्ति ।

19.एड्स या कोई अन्य primary immunodeficiency Disease से पीड़ित व्यक्ति ।

20. ऐसे व्यक्ति जो मानसिक दिव्यांग हो,मस्क्यूलर डिस्ट्राफी से पीड़ित,जिनके ऊपर एसिड अटेक हुआ हो और इसमें श्वसन तंत्र प्रभावित हुआ हो, ऐसे दिव्यांग जिन्हें उच्च मददगार उपकरण लगे हो या जिन्हें बहुप्रकार की विकलांगता हो इसमें सुनने से संबंधित समस्या भी हो ।

प्रश्न 16.कोरोना वैक्सीन लगने के कितने समय बाद गर्भधारण किया जा सकता है ?

उत्तर :: भारत में बहुत महिलाएं इस सवाल का जवाब पूछ रही है कि कोरोना वैक्सीन लगने के कितने समय बाद गर्भधारण करना चाहिए? इस विषय पर अनेक स्त्री रोग विशेषज्ञों ने बताया कि दंपति कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लगने के दो माह बाद बच्चा प्लान करें और इस बात की सावधानी न सिर्फ महिला बल्कि पुरूष भी रखें जिन पुरुषों को वैक्सीन का दूसरा डोज लगा है वे भी दो महिने तक बेबी प्लान न करें


प्रश्न 17.क्या मानसिक दिव्यांग को कोरोना वैक्सीन लगाई जा सकती हैं ?

उत्तर 17.जी हां, भारत सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन अनुसार मानसिक दिव्यांग और शारीरिक दिव्यांग वैक्सीन लगाने वाले प्राथमिकता समूह में आते हैं । यदि मानसिक दिव्यांग और शारीरिक दिव्यांग की उम्र 18 वर्ष से अधिक है तो उनका वैक्सीनेशन जरूर करवाएं।

प्रश्न 18.क्या पीरियड में वैक्सीन लगा सकते हैं ?

उत्तर 17.जी हां, पीरियड में वैक्सीन लगवा सकते हैं। पीरियड में वैक्सीन लगवाने से किसी भी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता हैं।

प्रश्न 19.मैनें वैक्सीन का पहला डोज लगवा लिया है यदि मैं वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगवाऊं तो क्या होगा ?

उत्तर 19.विशेषज्ञों के मुताबिक वैक्सीन की पहली डोज से एंटीबाडी का वह स्तर प्राप्त नहीं हो पाता है जो कोरोनावायरस के विभिन्न वेरियंट्स के लिए आवश्यक है, अतः इसका दूसरा डोज लगाया जाता है। 

अतः कोरोनावायरस से संपूर्ण सुरक्षा हेतू वैक्सीन के दोनों डोज आवश्यक है।

प्रश्न 20.मेरे शरीर में जगह-जगह गांठ है क्या मुझे वैक्सीन लगाना चाहिए?

उत्तर 20.अभी तक के अध्ययनों में जिन लोगों को वैक्सीन लगाई गई हैं उन्हें कोई दुष्प्रभाव नहीं हुआ है। अतः वैक्सीन पूर्णतः सुरक्षित है।

प्रश्न 21.अभी मेरी बायपास सर्जरी हुई है क्या मैं वैक्सीन लगा सकता हूं?

उत्तर 21.भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ह्रदयरोगी कोमार्बिडीटी यानि कोरोनावायरस से जल्दी संक्रमित होने की संभावना वाले व्यक्ति हैं, अतः ऐसे व्यक्ति का टीकाकरण आवश्यक है। अतः ऐसे व्यक्ति को वैक्सीन लगाना चाहिए।

प्रश्न 22.मैनें आज ही रक्तदान किया हैं , मुझे वैक्सीन कब लगवाना चाहिए?

उत्तर.रक्तदान के 24 घंटों के बाद ही कोरोना रोधी वैक्सीन लगवाना चाहिए, रक्तदान के बाद सुलभता से उपलब्ध कोई भी वैक्सीन लगवा लें, इसमें विशेष वैक्सीन का कोई बंधन नहीं है,सभी वैक्सीन समान और कोरोनावायरस से बचाव हेतू हैं।

प्रश्न 23.वैक्सीन लगने के बाद कब रक्तदान करना चाहिए ?

उत्तर 23. वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज लगने के 14 दिनों के बाद ही रक्तदान करना चाहिए।

प्रश्न 24.क्या कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्ति रक्तदान कर सकते हैं ?

उत्तर 23.कोरोना से गंभीर संक्रमित व्यक्ति दो बार रिपोर्ट नेगेटिव आने का इंतजार करें और दूसरी रिपोर्ट नेगेटिव आने के 6 माह बाद ही रक्तदान करें।

मध्यम  लक्षणों से ग्रसित व्यक्ति भी संभव हो सकें तो छः माह बाद ही रक्तदान करें।

हल्के लक्षणों वाले व्यक्ति रिपोर्ट नेगेटिव आने के 28 दिन बाद रक्तदान कर सकते हैं।

किंतु व्यक्ति यदि उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर आदि बीमारी से पीड़ित हैं तो रक्तदान करने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।


प्रश्न 25.क्या पहली खुराक कोविशील्ड की लगने के बाद दूसरी खुराक कोवैक्सीन की लगाई जा सकती हैं ?

उत्तर 25.भारत में पहली खुराक कोविशील्ड की लगने के बाद दूसरी खुराक कोविशील्ड की ही लगाई जाती हैं। और कोवैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद दूसरी डोज भी कोवैक्सीन की ही लगाई जाती है। 

लेकिन अभी हाल ही में ICMR ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 98 लोगों को गलती से पहली खुराक कोविशील्ड और दूसरी खुराक कोवैक्सीन की लगा दी गई थी । जब इन लोगों के रक्त नमूनों में एंटीबाडी की जांच की गई तो बहुत चोंकाने वाले परिणाम प्राप्त हुए । जिन लोगों को मिक्स मेच वैक्सीन दी गई थी उनमें एंटीबाडी का स्तर उन लोगों के मुकाबले बहुत अधिक था जिनमें वैक्सीन की दोनों खुराक एक ही टीके की दी गई थी।


Coronavirus:  जानिए कौंन सा ब्लड़ ग्रुप वाला व्यक्ति सबसे कम संक्रमित होता है

कोरोनावायरस और इसकी मनुष्य पर घातकता को लेकर पूरी दुनिया में रोज नए नए शोध हो रहे हैं ,इन शोधों के अंतिम नतीजों को लेकर अनेक विशेषज्ञों में मतभेद हो सकते हैं लेकिन चिकित्सक इन शोध नतीजों का प्रयोग तब तक करते हैं जब तक कि इन शोधों को खारिज करने वाली नई शोध नहीं आ जाती,ऐसा ही एक शोध ब्लड़ ग्रुप को लेकर हुआ है जिसमें बताया गया है कि o ब्लड़ ग्रुप वाले लोगों में कोरोनावायरस संक्रमण की घातकता कम होती हैं ।

चीन के वुहान शहर में जहां से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला था। यहां के एक शोधकर्ता वुआ ने वुहान के तीन बड़े अस्पतालों में 2100 लोगों पर शोध कर बताया कि ब्लड़ ग्रुप ओ कोरोनावायरस से सबसे कम संक्रमित होता है, यदि संक्रमित हो भी गया तो  इस ब्लड़ ग्रुप के लोगों में रोग के गंभीर होने की संभावना बहुत कम होती हैं । जबकि ब्लड़ ग्रुप ए,बी और एबी के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की अधिक संभावना रहती और संक्रमण के बाद इस ब्लड़ ग्रुप के व्यक्ति गंभीर होने की संभावना ब्लड़ ग्रुप ओ के मुकाबले अधिक होती हैं।

इसी प्रकार का एक अध्ययन इटली और स्पेन में हुआ है स्पेन के शोधकर्ता एंग्री फ्रैंकलिन ने 1980 ऐसे कोरोना मरीजों का DNA विश्लेषण कर बताया जो Respiratory system failure के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे उन्होंने अपने अध्ययन के दौरान पाया कि ब्लड़ ग्रुप ओ की मृत्यु दर अन्य ब्लड़ ग्रुप जैसे ए,बी,और एबी के मुकाबले कम थी । हालांकि इसमें कुछ अन्य पैरामीटर जैसे मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि को ध्यान में नहीं रखा गया था जिस पर विशेषज्ञों में मतभेद हैं ।


कुछ ब्लड़ ग्रुप के कोरोनावायरस से अधिक संक्रमित होने का क्या कारण हो सकता है 
Coronavirus कौंन सा ब्लड़ ग्रुप सबसे अधिक संक्रमित हो सकता है

कोरोनावायरस के कुछ ब्लड़ ग्रुप को अधिक संक्रमित करने पर एक जेनेटिक कंपनी 23 एंड मी ने एक विस्तृत रिसर्च के माध्यम से प्रकाश डाला कि आखिर क्यों एक खास ब्लड़ ग्रुप कम और अन्य ब्लड़ ग्रुप अधिक संक्रमित हो रहें हैं,इस कंपनी ने 750,000 लाख लोगों के ब्लड़ ग्रुप का अध्ययन कर बताया कि

• ब्लड़ ग्रुप ए में पाया जानें शुगर एंटीजन ए, एंटीजन बी के प्रति एंटीबाडी बनाता हैं।

• ब्लड़ ग्रुप बी में पाया जानें वाला शुगर एंटीजन बी, एंटीजन ए के प्रति एंटीबाडी बनाता हैं।

• चूंकि ब्लड़ ग्रुप ओ में कोई एंटीजन नहीं होता अतः यह ए और बी एंटीजन के प्रति एंटीबाडी बनाता है।

इसका यह अर्थ है कि ब्लड़ ग्रुप ओ वाले व्यक्तियों में एंटीजन की अनुपस्थिति के कारण अन्य ब्लड़ ग्रुप वाले व्यक्तियों जैसे ए और बी की अपेक्षा 25 प्रतिशत कम ब्लड़ क्लाटिंग होती हैं इसे वान विलबोर्ड फेक्टर vwf कहते हैं । कोविड़ 19 में मृत्यु का एक बड़ा कारण श्वसन प्रणाली में रक्त का थक्का बनने के कारण होने वाली आक्सीजन की कमी और घातक न्यूमोनिया होता है।

यदि ब्लड़ ग्रुप ओ वाला कोविड़ पाजिटीव व्यक्ति किसी ब्लड़ ग्रुप बी वाले व्यक्ति के सामने खांसेगा तो ब्लड़ ग्रुप बी वाले व्यक्ति में एंटीबाडी  बी की अनुपस्थिति में वायरस अधिक घातक होकर ब्लड़ ग्रुप बी वाले व्यक्ति को प्रभावित करेगा ।इसी प्रकार यदि कोई ब्लड़ ग्रुप ए वाला कोविड़ पाजिटीव व्यक्ति किसी ब्लड़ ग्रुप ओ वाले व्यक्ति के सामने खांसेगा तो ब्लड़ ग्रुप ओ में मौजूद एंटीबाडी ए बी की उपस्थिति के कारण वायरस व्यक्ति को अधिक बीमार नहीं करेगा । 

इस रिसर्च थ्योरी पर विशेषज्ञों में मतभेद हैं और यह कोई अंतिम परिणाम नहीं है इस विषय पर और अधिक शोध की आवश्यकता है ।


कोरोना वायरस रेपिड़ एँटीबाडी टेस्ट क्या हैं । corona virus rapid antibody test in hindi



कोरोना वायरस की जाँच का तरीका
 रेपिड एंटीबाडी टेस्ट का तरीका



 रेपिड़ एँटीबाडी टेस्ट खून में कोराना वायरस की उपस्थिति का पता लगानें वाला टेस्ट हैं । इस टेस्ट में यह पता किया जाता हैं कि शरीर में कोराना वायरस के विरूद्ध कोई एंटीबाडी  निर्मित हो रही हैं या नही ।



कोरोना वायरस की जाँच कैसे करतें है
 कोरोना वायरस रेपिड एंटीबाडी टेस्ट

यह टेस्ट  immunoglobune M और Immunoglobune G के परीक्षण पर आधारित होता हैं । टेस्ट स्ट्रीप पर कन्ट्रोल लाईन C immunoglobune  IgM और Immunoglobune IgG यदि परीक्षण में दिखाई देती हैं तो इसका मतलब व्यक्ति कोरोना वायरस पाजीटिव हैं और यदि दोनों लाईन नही दिखाई दें सिर्फ कन्ट्रोल लाईन C दिखाई दे इसका मतलब परिणाम कोरोना वायरस नेगेटिव हैं ।

रेपिड़ कोरोना वायरस एंटीबाडी टेस्ट की आवश्यकता इसलिये महसूस हो रही हैं क्योंकि परपंरागत टेस्ट का परिणाम 12 से 24 घंटे में प्राप्त होता हैं जबकि कोरोना वायरस बीमारी की संक्रमण की दर बहुत तीव्र हैं । मात्र कुछ ही सप्ताह में यह बीमारी महामारी का रूप ले चुकी हैं ।

रेपिड़ कोरोना वायरस एंटीबाडी टेस्ट का परिणाम 15 से 20 मिनिट में प्राप्त हो जाता हैं जिससे मरीज की आगे की जाँच उपचार और उनके संपर्कों की पहचान बहुत तीव्रता से हो जाती हैं ।

 Coronavirus:  जानिए कौंन सा ब्लड़ ग्रुप वाला व्यक्ति सबसे कम संक्रमित होता है

कोरोनावायरस और इसकी मनुष्य पर घातकता को लेकर पूरी दुनिया में रोज नए नए शोध हो रहे हैं ,इन शोधों के अंतिम नतीजों को लेकर अनेक विशेषज्ञों में मतभेद हो सकते हैं लेकिन चिकित्सक इन शोध नतीजों का प्रयोग तब तक करते हैं जब तक कि इन शोधों को खारिज करने वाली नई शोध नहीं आ जाती,ऐसा ही एक शोध ब्लड़ ग्रुप को लेकर हुआ है जिसमें बताया गया है कि o ब्लड़ ग्रुप वाले लोगों में कोरोनावायरस संक्रमण की घातकता कम होती हैं ।

चीन के वुहान शहर में जहां से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला था। यहां के एक शोधकर्ता वुआ ने वुहान के तीन बड़े अस्पतालों में 2100 लोगों पर शोध कर बताया कि ब्लड़ ग्रुप ओ कोरोनावायरस से सबसे कम संक्रमित होता है, यदि संक्रमित हो भी गया तो  इस ब्लड़ ग्रुप के लोगों में रोग के गंभीर होने की संभावना बहुत कम होती हैं । जबकि ब्लड़ ग्रुप ए,बी और एबी के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की अधिक संभावना रहती और संक्रमण के बाद इस ब्लड़ ग्रुप के व्यक्ति गंभीर होने की संभावना ब्लड़ ग्रुप ओ के मुकाबले अधिक होती हैं।

इसी प्रकार का एक अध्ययन इटली और स्पेन में हुआ है स्पेन के शोधकर्ता एंग्री फ्रैंकलिन ने 1980 ऐसे कोरोना मरीजों का DNA विश्लेषण कर बताया जो Respiratory system failure के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे उन्होंने अपने अध्ययन के दौरान पाया कि ब्लड़ ग्रुप ओ की मृत्यु दर अन्य ब्लड़ ग्रुप जैसे ए,बी,और एबी के मुकाबले कम थी । हालांकि इसमें कुछ अन्य पैरामीटर जैसे मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि को ध्यान में नहीं रखा गया था जिस पर विशेषज्ञों में मतभेद हैं ।


कुछ ब्लड़ ग्रुप के कोरोनावायरस से अधिक संक्रमित होने का क्या कारण हो सकता है 
Coronavirus कौंन सा ब्लड़ ग्रुप सबसे अधिक संक्रमित हो सकता है

कोरोनावायरस के कुछ ब्लड़ ग्रुप को अधिक संक्रमित करने पर एक जेनेटिक कंपनी 23 एंड मी ने एक विस्तृत रिसर्च के माध्यम से प्रकाश डाला कि आखिर क्यों एक खास ब्लड़ ग्रुप कम और अन्य ब्लड़ ग्रुप अधिक संक्रमित हो रहें हैं,इस कंपनी ने 750,000 लाख लोगों के ब्लड़ ग्रुप का अध्ययन कर बताया कि

• ब्लड़ ग्रुप ए में पाया जानें शुगर एंटीजन ए, एंटीजन बी के प्रति एंटीबाडी बनाता हैं।

• ब्लड़ ग्रुप बी में पाया जानें वाला शुगर एंटीजन बी, एंटीजन ए के प्रति एंटीबाडी बनाता हैं।

• चूंकि ब्लड़ ग्रुप ओ में कोई एंटीजन नहीं होता अतः यह ए और बी एंटीजन के प्रति एंटीबाडी बनाता है।

इसका यह अर्थ है कि ब्लड़ ग्रुप ओ वाले व्यक्तियों में एंटीजन की अनुपस्थिति के कारण अन्य ब्लड़ ग्रुप वाले व्यक्तियों जैसे ए और बी की अपेक्षा 25 प्रतिशत कम ब्लड़ क्लाटिंग होती हैं इसे वान विलबोर्ड फेक्टर vwf कहते हैं । कोविड़ 19 में मृत्यु का एक बड़ा कारण श्वसन प्रणाली में रक्त का थक्का बनने के कारण होने वाली आक्सीजन की कमी और घातक न्यूमोनिया होता है।

यदि ब्लड़ ग्रुप ओ वाला कोविड़ पाजिटीव व्यक्ति किसी ब्लड़ ग्रुप बी वाले व्यक्ति के सामने खांसेगा तो ब्लड़ ग्रुप बी वाले व्यक्ति में एंटीबाडी  बी की अनुपस्थिति में वायरस अधिक घातक होकर ब्लड़ ग्रुप बी वाले व्यक्ति को प्रभावित करेगा ।इसी प्रकार यदि कोई ब्लड़ ग्रुप ए वाला कोविड़ पाजिटीव व्यक्ति किसी ब्लड़ ग्रुप ओ वाले व्यक्ति के सामने खांसेगा तो ब्लड़ ग्रुप ओ में मौजूद एंटीबाडी ए बी की उपस्थिति के कारण वायरस व्यक्ति को अधिक बीमार नहीं करेगा । 

इस रिसर्च थ्योरी पर विशेषज्ञों में मतभेद हैं और यह कोई अंतिम परिणाम नहीं है इस विषय पर और अधिक शोध की आवश्यकता है ।

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन w.h.o.ने कोराना वायरस को नया नाम "कोवाइड़ - 19" नाम दिया हैं । इस वायरस के चीन से फैलनें और महामारी बननें के मात्र 40 दिनों में नया नाम देनें के पिछे मुख्य कारण चीन जैसें शक्तिशाली राष्ट्र का विश्व स्वास्थ्य संगठन पर दबाव डालना कहा जाय या फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन की बीमारी फैलनें के प्रति सतर्कता क्योंकि यदि इस वायरस का नाम चीन के साथ जुड़ जाता तो यह चीन की अर्थव्यवस्था,यहाँ के स्वास्थ्य तंत्र और संस्कृति को बहुत गहरे और लम्बे समय  तक प्रभावित करता ।


इसके अलावा चीन के प्रति सम्पूर्ण विश्व का एक नकारात्मक दृष्टिकोण बनता वह अलग क्योंकि इसके पूर्व जापान में फैले  बुखार को जापानी बुखार के नाम से पुकारें जानें की वजह से सम्पूर्ण विश्व में जापान की छवि बहुत  नकारात्मक बन चुकी हैं ।


किसी महामारी के नामकरण के पिछे विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन क्या हैं ?

सन् 2015 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कुछ मानक तय किये थे जिसमें कहा गया था की यदि विश्व के देशों में कही महामारी फैलती हैं तो इस बीमारी का नामकरण इस प्रकार होना चाहियें जिससे वह देश जहाँ से वह बीमारी फैली हैं उस देश ,शहर ,क्षेत्र का नाम बीमारी के नामकरण में में नही प्रदर्शित नही होना चाहियें ।

बीमारी के नामकरण में  ऐसे किसी पशु ,पक्षी या मानवीय समुदाय का नाम भी सम्मिलित नही होना चाहियें जिससे की उस प्रजाति का अस्तित्व खतरें में हो जायें ।


corona virus
 covid 19

कोवाइड़ - 19 नामकरण कैसे दिया गया ?


कोरोना वायरस का नया नाम w.h.o.ने कोवाइड़ - 19 दिया हैं । इसमें 

कोरोना से CO,

वायरस से VI,

डिसीज से D, 

और नये वायरस के प्रसार वर्ष सन् 2019 से 19 लिया गया हैं । इस तरह यह नया "COVID -19 " नाम दिया गया ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्धारा नया नाम रोग के कारक,रोग के लक्षणों, रोग के पड़ने वाले प्रभाव ,पीडित वर्ग आदि के आधार पर दिया जाता हैं । जिससे रोग का वैज्ञानिक नामकरण संभव हो सकें ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्धारा इस बार कोवाइड़ - 19 के नामकरण में इस बार जल्दी करनें की एक वज़ह यह भी रही की यदि लम्बें समय तक एक बड़े क्षेत्र में फैली महामारी नामकरण नही किया जाता हैं तो अनेक अवैज्ञानिक और ऐसे नाम प्रसार में आ जातें हैं जो देश,संस्कृति और प्रजाति को सम्पूर्ण विश्व में बदनाम करते हैं ।


प्रश्न :: वाट्सअप से कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट डाउनलोड कैसें करें ?

उत्तर :: 1.वाट्सअप से कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट डाउनलोड करना बहुत आसान हैं लेकिन इसके लिए उसी मोबाइल नंबर पर वाट्सअप होना चाहिए जिस मोबाइल नंबर को आपने कोरोना वैक्सीन लगवाते समय रजिस्टर्ड करवाया था। 

2.अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की वाट्सअप कांटेक्ट लिस्ट में कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट डाउनलोड मोबाइल नंबर +91-9013151515 सेव करें।

3.कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट डाउनलोड मोबाइल नंबर +91-9013151515 पर जाकर चेट बाक्स में " Download certificate" लिखें और भेज दें।

वाट्सअप से कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट कैसे डाउनलोड करें



4. आपके रजिस्टर्ड मोबाइल पर OTP मिलेगा ।
वैक्सीन सर्टिफिकेट डाउनलोड


5.आपको मिला OTP चेट बाक्स में 3 मिनट के अंदर लिखना होगा।

6.इसके बाद आपके रजिस्टर्ड नंबर के चेट बाक्स में कोविड वैक्सीन लगवाने वाले सदस्यों की जानकारी मिलेगी और Download certificate लिखा हुआ मिलेगा।

7.अब जिस भी सदस्य का सर्टिफिकेट डाउनलोड करना हो उस सदस्य का सर्टिफिकेट डाउनलोड पर क्लिक करें।

8.कुछ ही सेकंड में pdf file में आपका vaccine certificate Download हो जाएगा।
 
तो दोस्तों देखा कितना आसान है कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट डाउनलोड करना।

• पोस्ट कोविड़ सिंड्रोम पेट साफ नहीं हो रहा हैं तो आप यह जरूर पढ़ें

टिप्पणियाँ

कविता रावत ने कहा…
बस अब तो बहुत हो गई बातें, टीका लग जाय जल्दी सभी को और निजात मिले इस बीमारी से

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