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मार्च, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

9 नेचुरल सुपरफूड फार हेल्दी वेजाइना । 9 natural superfood for healthy vagina in hindi

9 natural superfood for healthy vagina in hindi वेजाइना स्त्री शरीर का महत्वपूर्ण अंग है जो शरीर का उत्सर्जन अंग होने के साथ बच्चों को जन्म देने जैसा महत्वपूर्ण कार्य संपादित करती हैं।  मेडिकल साइंस के मुताबिक पुरुषों के विपरीत वेजाइना यूटेरस तक एक खुली संरचना होती हैं ।  इस खुली संरचना और यूरेथ्रा,एनस और यूटेरस पास पास होने के कारण है कि पुरुष योनजनित रोगों की अपेक्षा स्त्री योनजनित रोग बहुत अधिक होते हैं। लेकिन कुछ नेचुरल सुपरफूड है जो वेजाइनल हेल्थ के लिए बहुत लाभदायक होते हैं । आईए जानते है ऐसे ही 9 नेचुरल सुपरफूड फार हेल्दी वेजाइना के बारें में 1.हल्दी  हल्दी  भारतीय रसोई का अभिन्न अंग है लेकिन वेजाइनल हेल्थ को बनाए रखने में इसकी भूमिका के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। इसमें मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण Vaginitis यानि योनिशोथ को तुरंत दूर कर योनि में दर्द को दूर करते हैं । हल्दी योनि के सामान्य शेप को उम्र के प्रभाव से बिगड़ने नहीं देती हैं इस तरह ये योनि को सुन्दर बनाए रखती है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक तत्व गर्भाशय ग्रीवा से योनि के क्लोटरिस की त्वचा को वायरस, बेक्टे

जीवनसाथी के साथ नंगा सोना चाहिए या नही।Nange sone ke fayde

  जीवनसाथी के साथ नंगा सोना चाहिए या नही nange sone ke fayde इंटरनेट पर जानी मानी विदेशी health website जीवन-साथी के साथ नंगा सोने के फायदे बता रही है लेकिन क्या भारतीय मौसम और आयुर्वेद मतानुसार मनुष्य की प्रकृति के हिसाब से जीवनसाथी के साथ नंगा सोना फायदा पहुंचाता है आइए जानें विस्तार से 1.सेक्स करने के बाद नंगा सोने से नींद अच्छी आती हैं यह बात सही है कि सेक्सुअल इंटरकोर्स के बाद जब हम पार्टनर के साथ नंगा सोते हैं तो हमारा रक्तचाप कम हो जाता हैं,ह्रदय की धड़कन थोड़ी सी थीमी हो जाती हैं और शरीर का तापमान कम हो जाता है जिससे बहुत जल्दी नींद आ जाती है।  भारतीय मौसम और व्यक्ति की प्रकृति के दृष्टिकोण से देखें तो ठंड और बसंत में यदि कफ प्रकृति का व्यक्ति अपने पार्टनर के साथ नंगा होकर सोएगा तो उसे सोने के दो तीन घंटे बाद ठंड लग सकती हैं ।  शरीर का तापमान कम होने से हाथ पांव में दर्द और सर्दी खांसी और बुखार आ सकता हैं । अतः कफ प्रकृति के व्यक्ति को सेक्सुअल इंटरकोर्स के एक से दो घंटे बाद तक ही नंगा सोना चाहिए। वात प्रकृति के व्यक्ति को गर्मी और बसंत में पार्टनर के साथ नंगा होकर सोने में कोई

पराली जलानें के नुकसान

पराली जलानें के नुकसान भारत में कृषि क्षेत्र में प्रयोग की जा रही नित नवीन टेक्नोलॉजी के कारण फसलों की कटाई बहुत आसान हो गई है । किंतु कटाई में प्रयुक्त कम्बाइंड हार्वेस्टर, ट्रेक्टर चलित कटाई यंत्रों से कटाई के दौरान खेत में फसल अवशेष शेष रह जाते हैं जिसे किसान अनुपयोगी मानकर जला देते हैं।  किसानों का इस प्रकार से पराली जलाना न केवल पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है वरन मृदा स्वास्थ, पर्यावरण,और मानव स्वास्थ के लिए बहुत घातक साबित हो रहा हैं। प्रतिवर्ष पंजाब, हरियाणा उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के किसान 10 से 15 दिनों में पराली जलाकर पर्यावरण में इतना धुंआ उड़ेल देते हैं कि जितना दिल्ली और मुम्बई के वाहन सालभर में मिलकर भी नहीं उगलते हैं। एक अनुमानित आंकड़े के अनुसार मात्र पंजाब और हरियाणा 80 करोड़ टन पराली जला देते हैं । पराली को अन्य किस नाम से जाना जाता है पराली को हिंदी में नरवाई, मध्यप्रदेश के मालवा और राजस्थान में खांपा के नाम से जाना जाता है। पराली जलाने से निकलने वाले प्रदूषक तत्व • कार्बन डाइऑक्साइड --- 1461 किलो • राख --- 200 किलो • कार्बन मोनोऑक्साइड--- 60 किलो • सल्फर डाइऑक्साइड

चुकंदर में पाए जाने वाले पौषक तत्व और इनके फायदे, नुकसान

  चुकंदर में पाए जाने वाले पौषक तत्व और इनके फायदे चुकंदर एक जमीकंद हैं, इसके सुर्ख लाल रंग के कारण यह सब जगह अपनी अलग पहचान रखता है । लेकिन इसमें मौजूद पौषक तत्व भी अपना अलग और विशिष्ट प्रभाव रखतें हैं चुकंदर को अंग्रेजी में Beetroot और लेटिन भाषा में Beta vulgaris कहते हैं, तो आईए जानते हैं चुकंदर में पाए जाने वाले पौषक तत्व और इनके फायदे के बारे में चुकंदर में पाए जाने वाले पौषक तत्व अमेरिकन एग्रीकल्चर विभाग के मुताबिक 100 मिलीलीटर चुकंदर के जूस में निम्नलिखित पौषक तत्व मौजूद रहते हैं          चुकंदर 1.पोटेशियम ---- 235 मिलीग्राम 2.सोडियम ---- 134 मिलीग्राम 3.केल्सियम ---- 14 मिलीग्राम 4.लोह तत्व ---- 0.5 मिलीग्राम 5.ऊर्जा ---- 38 किलो कैलोरी 6.प्रोटीन ---- 1 ग्राम 7.कार्बोहाइड्रेट ---- 7  ग्राम 8.डायटरी फायबर ----- 3  ग्राम 9.ग्लूकोज ---- 5  ग्राम इसके अलावा चुकंदर में विटामिन सी,बी कॉम्प्लेक्स बिटालिन्स,इन आर्गेनिक नाइट्रेट ,वल्गाक्सेथिंन,पानी आदि भी प्रमुख रूप से उपस्थित होते हैं। 1.पोटेशियम पोटेशियम ह्रदय की धड़कन को नियमित करने वाला एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व हैं , पोटेशियम की अनु

स्पाइनल एवीएम [spinal avm] रीढ़ की हड्डी से संबंधित दुर्लभ बीमारी

 स्पाइनल एवीएम क्या है   स्पाइनल एवीएम या spinal  arteriovenous malformation  ( AVM ) रीढ़  की हड्डी से संबंधित एक अति दुर्लभ बीमारी है  जिसमें रीढ़ की हड्डी के आसपास नसों का गुच्छा बन जाता हैं । जब आक्सीजन युक्त खून धमनियों से होता रीढ़ की हड्डी के आसपास स्थित छोटी छोटी रक्त केशिकाओं (capillaries) में न जातें हुए सीधे नसों में चला जाता हैं तो  capillaries आक्सीजन की कमी से रीढ़ के आसपास गुच्छा बना लेती हैं इसे ही चिकित्सकीय भाषा में  स्पाइनल एवीएम या spinal arteriovenous malformation (AVM) कहते हैं । इस बीमारी के कारण रीढ़ की हड्डी के आसपास स्थित ऊतक आक्सीजन के कारण फट जातें हैं और मरीज की मौत तक हो सकती हैं ।  स्पाइनल एवीएम के लक्षण  ✓ रीढ़ की हड्डी के आसपास केन्द्रित दर्द ✓ पीठ में कांटे के समान चूभता हुआ दर्द ✓ पैरों में सुन्नपन ✓ पैरों  बहुत ज्यादा कमजोरी आना ✓ बीमारी अधिक बढ़ने पर रोगी मल मूत्र त्यागने की इच्छा पर भी नियंत्रण नहीं रख पाता है ।  ✓ बार बार बैहोश होना ✓ चक्कर आना ✓ पीठ दर्द के साथ रीढ़ की हड्डी में खिंचाव जो गर्दन तक जाता हैं ✓ रोगी की हालत दिन प्रतिदिन गिरती जाती

उड़द की दाल के फायदे और नुकसान

उड़द की दाल के फायदे और नुकसान उड़द भारत समेत नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत एशिया भर में लोगों की खाद्य सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है । भारत में तो उड़द की दाल और उड़द की दाल के व्यंजन हर त्यौहार पर बनते हैं और बड़े चाव से खाएं जातें हैं । इसके अलावा उड़द हिन्दू धर्म में पूजा के लिए प्रयोग की जाने वाली प्रमुख सामग्रियों में से एक है।  उड़द के औषधीय गुण भी किसी से छिपे नहीं है, उड़द के औषधीय गुणों पर अनेक ग्रंथों में विस्तृत रुप से लिखा गया हैं । आधुनिक वैज्ञानिक भी उड़द के औषधीय गुणों के बारे में लगातार लिख रहे हैं । तो आईए जानते हैं उड़द के ऐसे healthy औषधीय गुण के बारें में विस्तार से  उड़द • उड़द में पाए जाने वाले पौषक तत्व udad dal nutrition fact 100 gm in hindi ✓ फास्फोरस === 385 मिलीग्राम  ✓ कैल्सियम === 154 मिलीग्राम ✓ कार्बोहाइड्रेट=== 59.6 मिलीग्राम ✓ प्रोटीन === 24 प्रतिशत ✓नमी === 10.9 प्रतिशत  ✓ लवण === 0.3.2 प्रतिशत ✓फेट === 0.1.4 प्रतिशत ✓आयरन === 0.9.1 मिलीग्राम ✓विटामीन बी 1(थाइमीन) === 0.42 मिलीग्राम ✓विटामीन बी 2(Riboflovin)=== 0.37 मिलीग्राम ✓ नियासिन vita.

बच्चा बहुत रोता है : पेटदर्द [colic] तो नही

बच्चा बहुत रोता है: पेटदर्द [colic] तो नही जन्म के बाद बच्चे का जीवन रोने से ही शुरू होता हैं, किंतु उसके बाद बच्चा अपनी मां का सानिध्य पाकर 18 से 22 घंटे तक नींद में रहता है, जैसे जैसे बच्चें की उम्र बढ़ती है बच्चे की नींद कम होती जाती हैं और बच्चा मां की गोद में खेलने लगता हैं। उसे रोना तभी आता है । जब वह भूखा हो,या उसने सूसू पाॅटी की हो। इसके अतिरिक्त जब  बच्चा बहुत अधिक रोता है तो इसे नजरअंदाज न करें , इसका कारण बच्चें का कालिक या पेटदर्द भी हो सकता हैं । लगभग 50 प्रतिशत नवजात पेट दर्द की समस्या से कभी न कभी ग्रसित होते ही है तो आईए जानते हैं बच्चें के पेटदर्द के बारें में बच्चों में कालिक के लक्षण [] बच्चा बहुत तेज रोता है और रोते रोते पैर सीधे तक ले जाकर हाथ भींचता हैं । [] बच्चें का पेट फूला हुआ होता हैं । [] रोते हुए गैस पास करता हैं । [] मां द्धारा दूध पीलाने के बाद भी रोना । [] रोते समय पैर आपस में रगड़ना। [] रुक रूककर रोना । [] विशेषज्ञों के मुताबिक यदि छः माह का शिशु तीन घंटे से अधिक रोता है तो बच्चें को कुछ समस्या हो सकती है । [] जब बच्चा रोते रोते थकने लगता हैं और कुछ देर

यूरिया साइकिल डिसआर्डर (USD) : बच्चों में होने वाली दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी

  यूरिया साइकिल डिसआर्डर (USD) क्या होता हैं  Urea cycle disorder यूरिया साइकिल डिसआर्डर(USD) बच्चों से संबंधित एक आनुवंशिक बीमारी हैं जो 35 हजार बच्चों में से किसी एक बच्चें में होने की संभावना होती हैं।  यूरिया साइकिल डिसआर्डर में बच्चों का शरीर प्रोटीन तोड़ने की प्रक्रिया में बचें हुए उप उत्पाद को पेशाब के माध्यम से शरीर के बाहर नहीं निकाला पाता है । यूरिया साइकिल डिसआर्डर बच्चों को माता पिता से स्थानांतरित होता हैं, जब माता या पिता दोनों में से किसी एक के खराब जिंस बच्चों में आ जाते हैं तो बच्चा इस बीमारी से ग्रस्त हो जाता हैं ।  जब बच्चें को प्रोटीनयुक्त भोजन दिया जाता हैं शरीर इस प्रोटीन को तोड़कर एमीनो एसिड में बदल देता हैं,इस एमीनो एसिड का इस्तेमाल शरीर आवश्यकता होने पर करता हैं और बचा हुआ उप उत्पाद शरीर से बाहर निकाल देता हैं इसे यूरिया साइकिल कहते हैं।   जब आनुवंशिक कारण से बच्चें का लिवर ऐसे एंजाइम बनाना बंद कर देता है जो प्रोटीन को तोड़कर यूरिया बनातें हैं। और शरीर से बाहर निकालते हैं तो अमोनिया, नाइट्रोजन जैसे पदार्थ खून में इक्कठा होने लगते हैं । इसे ही यूरिया साइकिल डिसआ