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मुनगा या सहजन या सुरजना के लाभ

 मुनगा या सहजन या सुरजना # मुनगा या सहजन या सुरजना के लाभ ::: दुनिया का सबसे ताकतवर पोषण पूरक आहार है- सहजन (मुनगा)। इसकी जड़ से लेकर फूल, पत्ती, फल्ली, तना, गोंद हर चीज उपयोगी होती है।             आयुर्वेद में सहजन से तीन सौ रोगों का उपचार संभव है। सहजन के पौष्टिक गुणों की तुलना :- विटामिन सी- संतरे से सात गुना अधिक। विटामिन ए- गाजर से चार गुना अधिक। कैलशियम- दूध से चार गुना अधिक। पोटेशियम- केले से तीन गुना अधिक। प्रोटीन- दही की तुलना में तीन गुना अधिक।              स्वास्थ्य के हिसाब से इसकी फली, हरी और सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी-काम्प्लेक्स प्रचुर मात्रा में पाई जाते हैं। इनका सेवन कर कई बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सकता है, इसका बॉटेनिकल नाम ' मोरिगा ओलिफेरा ' है। हिंदी में इसे सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा नाम से भी जानते हैं, जो लोग इसके बारे में जानते हैं, वे इसका सेवन जरूर करते हैं।            सहजन का फूल पेट और कफ रोगों में, इसकी फली वात व उदरशूल में, पत्ती नेत्ररोग, मोच, साइटिका

मुलेठी (mulethi) के अनसुने सेहत सुधारनें वाले उपयोग

*मुलेठी एक अनमोल औषधी* ☘☘☘☘☘☘☘☘☘☘☘ 🌷 दोस्तो नमस्कार, मुलेठी की जडे ज्यादातर उपयोग मे लि जाती है जिनको *मुलेठी, मुलहठी, यष्टीमधु, जेढीमध* के नामसे भी जानां जातां है मुलेठी के चमत्कारीक फायदे जानने के लिये लेख पुरां पढे़.  ☘ *कफ- खांसी,गले मे खराश*☘ 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 ⚛ १ चम्मच मुलेठी का चूरन १ चम्मच शहद मे मिक्स करके सुबह नास्ते के बाद लिजिये |  ☘ *दिल के रोगो मे* ☘ 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 ⚛ १-१ चम्मच सुबह शाम गुनगुने पानी से  नास्तेके बाद लेने से काफी राहत मिलती है |  ☘ *फोडे- फुन्सी*☘ 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 ⚛ शहद के साथ मुलेठी का चुरन को मिक्स करके लगाने से ढिक होते है |  ☘ *लिवर के रोग* ☘ 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 ⚛ १ चम्मच सुबह खाने के बाद लेने से लिवर के रोगो से बचा जा सकतां है |  ☘ *खून बढा़ये* ☘ 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 ⚛ आधा ग्राम सुबह लेने से खून मे व्रृद्धि होती है |  ☘ *जलजाने पर* ☘ 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 ⚛ मुलहठी आैर चंदन को समान लेकर गायके धी के साथ मिलाकर लैप करने से जलन दूर होती है |  ☘ *खिल- मुंहासे* ☘ 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 ⚛ मुलेठी + चंदन को मिक्स करके गुलाबजल के साथ मिक्स करके लैप करने से खिल मुंहासे दूर होते ह

सोरायसिस क्यों होता हैं

                *सोरायसिस(Psoriasis)* 🔻सोरायसिस क्रॉनिक यानी बार बार होनेवाला आॅटोइम्यून डिजीज हैं। इसके कारण त्वचा पर लाल और सफेद रंग के धब्बे हो जाते है। वैसे तो यह रोग 2-3 प्रतिशत के लोगों में ही पाया जाता है लेकिन फिर भी इस रोग में पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस समस्या का इलाज न करवाने पर यह बार-बार होती रहती है। इसके बारे में पूरी जानकारी होने पर आप इसका सही इलाज करवा सकते है। ♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦ *आइए जानते है 6 तरह में पाई जाने वाली इस बीमारी के बारे में।* 🔹 *1. प्लेक सोरायसिस* 8-10 प्रतिशत लोगों में होने वाली इस समस्या के कारण शरीर पर सिल्वर और सफेद रंग की लाइन बन जाती है। कोहनी, घुटने, स्कैल्प और पीठ मे नीचे होने वाला इस सोरायसिस से लाल धब्बे और जलन होने लगती है। 🔹 *2. गटेट या चित्तीदार सोरायसिस* युवाओं में पाया जाने वाला ये सोरायसिस शरीर पर छोटे गुलाबी चित्ती सी उभर कर आती है। यह समस्या ज्यादातर बाजू, कोहनी और स्कैल्प पर पाई जाती है। इसमें तनाव, त्वचा में चोट जैसे निशान और दवाइयों का रिएक्शन होने लगता है। ज्यादातर मामलों में यह समस्या अपने आप ठीक हो जाती है। 🔹