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दिसंबर, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गहरी नींद लाने के तरीके

गहरी नींद लाने के तरीके आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अच्छी नींद भी एक सपना बन गई हैं.वे लोग वास्तव में ख़ुशनसीब होतें हैं,जिनकी रात को नींद लगनें के बाद सीधी सुबह ही होती हैं. नींद हमारें स्वास्थ के लियें उतनी आवश्यक हैं, जितनी की आँक्सीजन बगैर सोये हम ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रख सकते ,यदि हम 24 घंटे नहीं सो पायेगें तो उसका नकारात्मक प्रभाव हमारें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ पर पड़ेगा. आयुर्वेदाचार्यों ने निद्रा का वर्गीकरण कई प्रकार से किया हैं, आचार्य सुश्रुत के अनुसार जब ह्रदय तम से आवृत होता हैं,तो नींद आती हैं,और जब तम अल्प होकर सत्व प्रबल होता हैं,तो नींद खुल जाती हैं. आधुनिक शोधार्थी और scientist नींद पर लगातार शोध कर रहे हैं,परन्तु उनका शोध आज तक नींद आनें को लेकर तर्कपूर्ण व्याख्या प्रस्तुत नहीं कर सका हैं. उम्र के हिसाब से  कितनी नींद आनी चाहिए इसकी व्याख्या मनोचिकित्सकों द्धारा की गई हैं,जैसें • 2 वर्ष की आयु तक 16 घंटे की नींद आवश्यक हैं. • 3 से 12 वर्ष   की आयु तक 10 घंटे नींद आवश्यक है। • 13 से 18 वर्ष की उम्र तक 10 घंटे नींद आवश्यक है।

swasth samajik Jivan ke 3 pillar [स्वस्थ सामाजिक जीवन के 3 पीलर]

 भगवान महावीर दोस्तों,स्वस्थ जीवन जीनें के लिये के लियें दवाई,योग,व्यायाम के साथ स्वस्थ सामाजिक आचरण की भी बराबर आवश्यकता होती हैं,यह बात भारतीय प्राचीन शास्त्रों ने कई बार उद्घाटित की हैं,वर्तमान सामाजिक जीवन में भी इस बात को कई मोटिवेशन वक्ता स्वीकारतें हैं,कि स्वस्थ सामाजिक आचरण के बिना स्वस्थ जीवन की कल्पना करना नामुमकिन हैं. आईयें जानतें हैं,स्वस्थ जीवन के पीलरों को # 1.अहंकार मुक्त जीवन ::: अपनें - अपनें क्षेत्रों में व्यक्ति सफल होकर शीर्ष मुकाम धारण करतें हैं,कुछ व्यक्ति सफल होकर भी विनम्र बनें रहतें हैं,ऐसे लोगों का शीर्ष पद पर बनें रहना वास्तव में सुखद और सन्तोष प्रदान करता हैं,भगवान राम अहंकाररहित जीवन के सर्वोत्तम उदाहरण हैं,सूर्यवंशी जितनें भी राजा हुए उन सब में उनका नाम ही सर्वपृथम जिव्हा पर आता हैं,क्यों ?क्योंकि राम में शक्ति के साथ अहंकारमुक्त आचरण भी था.तभी तो रावण को परास्त करनें के लियें उन्होनें मनुष्यों,जानवरों सभी का सहयोग लिया.जबकि रावण अपनें अहंकार और आत्ममुग्धि में परिवार का सहयोग भी न ले सका और भाई के कारण ही युद्ध भूमि में मारा गया. नमन्त

13 अचूक गुण अरहर के [ 13 Great Benefit of pigeon pea ]

13 अचूक गुण अरहर के [ 13 Great Benefit of pigeon pea ] #1.परिचय ::: अरहर या तुवर (Tuvar) विश्वभर में खाई जानें वाली दलहन हैं,यह शाकाहारी लोगों के लियें प्रोटीन प्राप्ति का उत्तम स्रोंत हैं. अरहर या तुवर शुष्क क्षेत्रों में बहुतायत में बोई जाती हैं,इसका पौधा भूमि के लिये नाइट्रोजन स्थिरीकारक हैं.अरहर की दाल से अनेक व्यंजन बनायें जातें हैं. भारतीय अरहर के औषधिय गुणों को वर्षों से पहचानतें हैं,यही कारण हैं,कि भारतीय भोजन अरहर की दाल के बिना अधूरा हैं. #2.पोषणीय संगठन ::: कार्बोहाइड्रेट.     कैल्सियम.       फाँस्फोरस   57.3%.             178mg.       376mg.    प्रोटीन.             खनिज लवण.      फायबर  20.2%.               3.8%.                8.1%   वसा              पानी                  आयरन 1.5%.            10.2%.               16.6%  एनर्जी 383 mg.                                [प्रति १०० ग्राम] अरहर पर लदी फलियाँ चने की खेती और उपयोग के बारें में जानें #3.अरहर के गुण ::: १. कब्ज होनें पर छिलकेयुक्त अरहर को  उबालकर  रात के समय सेवन करते रहना

बथुआ [chinopodium album]

#1.बथुआ [Chenopodium album] बथुआ रबी के मोसम में फसलों के साथ उगनें वाला अनचाहा पौधा हैं,जो कही भी सहजता से उग सकता हैं। बथुआ का scientific नाम चिनोपोडियम एलबम chenopodium album हैं.और यह चिनोपोडिएसी परिवार का सदस्य हैं. भारत के अलग - अलग भागों में इसके अलग - अलग नाम है जैसें गुजरात में चिलनी भाजी,मध्यप्रदेश में चिला,बंगाली में बेटू साग कहतें हैं. चरक संहिता में इसे वास्तुक नाम से पुकारा गया हैं.और इसके दो प्रकार गौड़वास्तुक और यवशाक बतायें गये हैं                     बथुआ [chenopodium album] #2.बथुआ की प्रकृति  आयुर्वैदानुसार बथुआ की प्रकृति त्रिदोषनाशक होकर ,वात,पित्त और कफ का संतुलन करता हैं.बथुआ प्रकृति में थोड़ा गर्म होता है।  #3.संघटन     नमी                कार्बोहाइड्रेट.            प्रोटीन       89.5%.              3%.                    3.6% खनिज पदार्थ.        वसा                       फायबर     2.6%.               0.4%.                     0.8%                 कैल्शियम.                   फाँस्फोरस.             आयरन   150 mg.                 

टीकाकरण चार्ट [vaccination chart] और संभावित प्रश्न

 टीकाकरण चार्ट # 1.गर्भावस्था के समय टीकाकारण ::: गर्भावस्था की शुरूआत में Titnus का पहला टीका टी.टी - 1. टी.टी -1 के चार सप्ताह बाद टी.टी.-2 यदि पिछली गर्भावस्था में टी.टी - 2 दिया गया हैं,तो केवल बूस्टर दीजिए. # टीके की मात्रा ,कैसें और कहाँ दें 0.5 ml.मात्रा प्रशिक्षित व्यक्ति द्धारा ऊपरी बांह की मांसपेशी में. # महत्वपूर्ण गर्भावस्था के 36 सप्ताह हो गयें हो तो मात्र टी.टी.- बूस्टर देना चाहियें.  टीकाकरण का दृश्य # 2.शिशुओं के लियें टीकाकरण  #जन्म के समय ::: 1. B.C.G.  =     0.1 ml बाँह पर त्वचा के निचें. 2.हेपेटाइटिस बी.=  0.5 ml मध्य जांघ के बाहरी हिस्सें पर मांसपेशी में 3.o.p.v.या oral polio vaccine = दो बूँद मुहँ में . ०  जानिये पोलियो क्या होता हैं ? #6 सप्ताह पर ::: 1.हेपेटाइटिस बी. = 0.5 ml 2.D.P.T. = 0.5 ml मध्य जांघ का बाहरी हिस्सें में माँसपेशियों में. 3.o.p.v.या oral polio vaccine. #10 सप्ताह पर ::: 1.हेपेटाइटिस बी. 2.D.P.T. 3.o.p.v. #14 सप्ताह पर ::: 1.हेपेटाइटिस बी. 2.D.P.T. 3.o.p.v.   #9 से 12 माह

karma aur bhagya [ कर्म और भाग्य ]

# 1 कर्म और भाग्य   कर्म आगे और भाग्य पीछे रहता हैं अक्सर लोग कर्म और भाग्य के बारें में चर्चा करतें वक्त अपनें - अपनें जीवन में घट़ित घट़नाओं के आधार पर निष्कर्ष निकालतें हैं,कोई कर्म को श्रेष्ठ मानता हैं,कोई भाग्य को ज़रूरी मानता हैं,तो कोई दोनों के अस्तित्व को आवश्यक मानता हैं.लेकिन क्या जीवन में दोनों का अस्तित्व ज़रूरी हैं ? गीता में श्री कृष्ण अर्जुन को कर्मफल का उपदेश देकर कहतें हैं.     " कर्मण्यें वाधिकारवस्तें मा फलेषु कदाचन " अर्थात मनुष्य सिर्फ कर्म करनें का अधिकारी हैं,फल पर अर्थात परिणाम पर उसका कोई अधिकार नहीं हैं,आगे श्री कृष्ण बतातें हैं,कि यदि मनुष्य कर्म करतें करतें मर  जाता हैं,और इस जन्म में उसे अपनें कर्म का फल प्राप्त नहीं होता तो हमें यह नहीं मानना चाहियें की कर्म व्यर्थ हो गया बल्कि यह कर्म अगले जन्म में भाग्य बनकर लोगों को आश्चर्य में ड़ालता हैं, ]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]][]]]]]][[[[[[[]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]]] ● यह भी पढ़े 👇👇👇 ● आत्मविकास के 9 मार्ग ● स्वस्थ सामाजिक जीवन के 3 पीलर ●साम्प्र

#11 wonders of colour for life

# 1 yellow  yellow is sacred and represent the balance of life. Yellow share the same healing qualities as the sun,emanating warmth, optimism and light. Yellow is the color of spring and is worn to celebrate the Hindu festival Vasant panchami.   # 2 RED  Red Rose Red is dynamic and constantly breathing fire in the eyes of the beholder.It is associated with one of the most revered goddesses in Hindu mythology Durga.Red also stands for nobility and is the preferred colour for a bride's garment. Red has a deep meaning in the Indian psyche.   # 3 Saffron ::: Saffron represents fire and as impurities are burnt by fire.this colour symbolises purity. It also represents religious abstinence. saffron connotes a sacred meaning. wearing saffron symbolizes the quest for light. # 4 BLUE ::: Blue represent power of life, it is also the colour of water.water is a vital resource for an agricultural nation like india as it sustains all life on earth.Anything infini

polycystic ovarian syndrome । पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम

PCOS क्या होता हैं ::: pcos या polycystic ovarian syndrome महिलाओं से संबधित समस्या हैं,जिसमें हार्मोंन असंतुलन की वज़ह से pco में एक परिपक्व फॉलिकल बननें के स्थान पर बहुत से अपरिपक्व फॉलिकल्स बन जातें हैं .सम्पूर्ण विश्व में इस बीमारी का ग्राफ तेज़ी से बड़ रहा हैं,विश्व स्वास्थ संगठन (W.H.O) के अनुसार 13 से 25 उम्र की हर 10 में से 2 स्त्रीयाँ pcos से पीड़ित होती हैं. PCOS ke laxan ० अण्ड़ेदानी में कई गांठे बनना. ० बार - बार गर्भपात . ० बालों का झड़ना,बाल पतले होना. ० चेहरें पर पुरूषों के समान दाड़ी मुंछ आना. ० चेहरें पर मुहाँसे, तैलीय त्वचा ० आवाज का भारी होना. ० स्तनों [Breast]का आकार घट़ना. ० पेट के आसपास चर्बी का बढ़ना. ० माहवारी के समय कमर ,पेडू में तीव्र दर्द,मासिक चक्र का एक या दो दिन ही रहना. ०मधुमेह, उच्च रक्तचाप होना,ह्रदय रोग और तनाव होना. urinary tract infection के बारे में जानियें PCOS ke karan  ० आनुवांशिक रूप से स्थानांतरित होता हैं. ० अनियमित जीवनशैली जैसें कम शारीरिक श्रम,देर रात तक सोना सुबह देर तक उठना,फास्ट फूड़ ,जंक फ