सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

अगस्त, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

संतरा खानें के फायदे। Benefit of orange

संतरा खानें के फायदे,Benefit of orange                       ###परिचय ::: संतरा विश्व में हर जगह पाया जानें वाला फल हैं. यह निम्बू वर्ग का फल हैं.उष्णकटिबंधीय जलवायु में इसका उत्पादन अधिक होता हैं,और गुणवत्ता भी उच्चकोटि की होती हैं.संतरा को "गोल्ड़न एप्पल " (Golden Apple) भी कहा जाता हैं. आयुर्वेद अनुसार संतरा की प्रकृति ::: आयुर्वेद में संतरें को शीत (cold) प्रकृति वाला माना गया हैं.कच्चा संतरा स्वाद में खट्टा जबकि पूर्ण रूप से पका हुआ फल खट्टा मीठा स्वाद का होता हैं.इसके छिलके से लेकर फल ,पत्तियाँ औषधि गुणों से परिपूर्ण होती हैं. संतरा में पाए जाने वाले पौषक तत्व    कार्बोहाइड्रेट .       शुगर.           फायबर.     11.54gm.    9.15gm.       2.4 gm         वसा .           प्रोटीन .         थायमीन.          0.21gm.              0.70gm.                     0.100mg. राइबोफ्लोविन.नायसिन.पैंटोथेनिक अम्ल 0.250mg.     0.400mg.   0.040 mg   विटामिन .           फोलेट.          कैल्सियम             0.51 mg           17 mg.        43mg.  आयरन.  

गोदन्ती भस्म ,Godanti bhasma,दशांग लेप,Dashang lep,गोखरू चूर्ण, Gokhru churna,

गोदन्ती भस्म. :::  गोदन्ती भस्म घट़क (content) ::: ० शोधित गोदन्ती (purified Godanti). रोगाधिकार (indication) ::: ० अग्निमांध (Agnimandh). ० सिरशूल (Headache). ० पित्त ज्वर (fever). ० जीर्ण ज्वर (jirna jwar). ० कास (cough). ० श्वास (Asthma). मात्रा (Dosage) ::: शहद , तुलसी रस ,घी या शक्कर के साथ वैघकीय परामर्श से. दशांग लेप चूर्ण (Dashang lep churna) ::: घट़क (content) ::: ० सिरस छाल (Albizia lebbeck). ० मुलैठी (Glycyrriza glabra). ० तगर (Valerian's wallichi) ० लाल चंदन (santalum album). ० बड़ी इलायची (Elettaria cardamomum). ० जटामासी (Nardostachys jatamansi). ० हल्दी (Turmeric) . ० दारूहल्दी (Berber is aristata). ० कूढ़ (Saussure's lappa) रोगाधिकार (Indication) ::: ० सूजन (swelling). ० दाह (burning). ० संधिवात (gout). ० तथा चमड़ी से सम्बधित अनेक रोगों में. मात्रा (Dosage) ::: जल के साथ पकाकर प्रभावित स्थान पर लपेटे. गोखरू चूर्ण (Gokhru churna) ::: घट़क (conte

मृत्य से अमरता की ओर का विमर्श

                                    मृत्यु से अमरता कीओर मृत्यु (Death) शाश्वत सत्य हैं.यह बात पृथ्वी पर रहनें वालें प्रत्येक जीव - जगत पर एक समान रूप से सिद्ध होती हैं. लेकिन एक बात और शाश्वत रूप से सत्य मानी जाती हैं,कि प्रत्येक सिद्धांत का विपरीत मोजूद हैं.दिन है तो रात हैं.सत्य है तो झूठ हैं.नर है तो नारी भी हैं.इसी प्रकार मृत्यु (Death) है तो अमरता (Immortality) भी तो हैं. #क्या व्यक्ति और जीव जगत अमर हो सकता हैं ? क्या हमारा science इतना उन्नत हो सकता हैं,कि मृत्यु दूर का सपना रह जावें. यदि गहराई में जाकर विश्लेषण करें तो एक बात पूर्ण रूप से स्पष्ट़ हो जाती हैं,कि "अमरता" प्राप्त करना असंभव नहीं हैं.भारतीय धर्मशास्त्र और जीवन दर्शन ने इस बात के ढ़ेरों प्रमाण दियें हैं और लोग इन प्रमाणों को आज भी ह्रदय की गहराई से मानते आ रहें हैं.उदाहरण के लिये अमरता प्राप्त करनें के लियें देवता और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया और अम्रत निकाला जिसे पीकर देवता अमर हो गये और दूसरे लोक या ग्रह पर जाकर बस गये तो फिर यह भी एक प्रश्न हैं,कि उनका प्रथ्वी से भौतिक सम्पर्क क्य

गंगाधर चूर्ण,बालचतुर्भुज चूर्ण, पंचकोल चूर्ण

#गंगाधर चूर्ण ::: घट़क ::: ० नागरमोथा. ० सोंठ. ० धवई फूल. ० सेन्धा नमक. ० लोध्र. ० कूड़ा छाल. ० बेलमज्जा. ० मोचरस. ० पाण. ० इन्द्रयव. ० नेत्रवला. ० आमगुठली. ० अतीस. ० लज्जालू बीज. #रोगाधिकार या गंगाधर चूर्ण के उपयोग ::: ० प्रवाहिका. ० अतिसार. ० ग्रहणी. #मात्रा ::: शहद  या चावल के पानी के साथ वैघकीय परामर्श से. #बालचतुर्भुज चूर्ण ::: घट़क ::: ० नागरमोथा. ० पिपली. ० अतिविषा. ० काकड़ासींगी. #रोगाधिकार या बालचतुर्भुज चूर्ण के उपयोग ::: ० अतिसार. ० कास. ० श्वास. ० ज्वर. ० बालरोग. #मात्रा ::: शहद  या जल के साथ वैघकीय परामर्शानुसार. पेप्टिक अल्सर के बारें में जानें #पंचकोल चूर्ण ::: घट़क ::: ० पीपली. ० चव्य. ० सोंठ. ० पीपरामूल. ० चितृक. #रोगाधिकार या पंचकोल चूर्ण के उपयोग ::: ० अपच. ० उदररोग. ० लीवर से संबधित समस्याओं में. ० भूख कम लगना. #मात्रा ::: ० जल या शहद  के साथ वैघकीय परामर्शानुसार. x

निम्बादि चूर्ण के फायदे

#निम्बादि चूर्ण ::: घट़क (content) ::: ० नीम. ० गिलोय . ० हरड़. ० धात्री. ० बाकुची. ० सोंठ. ० वायविडंग. ० चक्रमर्द. ० पिपली. ० उग्रगंधा. ० जीरा. ० कुट़की. ० खदिर. ० सैंधा नमक. ० सर्जीखार. ० यवक्षार. ० दारूहल्दी. ० हल्दी . ० नागरमोथा. ० देवदारू. ० कूढ़. #रोगाधिकार या निम्बादि चूर्ण के उ फायदे ::: @ आमवात में इसका प्रयोग शहद  या गर्म जल के साथ करते हैं. @ कुष्ठ में इसे सेवन करने से कुष्ठ जड़ से समाप्त हो जाता हैं. @ सफेद दाग शरीर पर हो तो इसका प्रयोग गोमूत्र के साथ करें. @ पीलिया रोग में इसका उपयोग पुनर्नवा के साथ करें. @ यदि बार बार शरीर पर फोड़े निकलते हो तो गुडुची क्वाथ के साथ इस्तेमाल करें. @ शरीर पर सूजन आने पर इसका उपयोग महारास्नासप्तक क्वाथ के साथ होता हैं. @ खुजली होनें पर अश्वगंधा चूर्ण  के साथ मिलाकर सेवन करें. @ बुखार और टाइफाइड़ में इसे गर्म दूध के साथ लेनें पर विशेष आराम मिलता हैं. हल्दी के गुणों के बारें मे जानियें मात्रा ::: वैघकीय परामर्श से

आयुर्वेद चिकित्सा के सर्वमान्य गुग्गुल लाक्षादि गुग्गुल ,योगराज गुग्गुल,yograj guggul

लाक्षादि गुग्गुल (Lakshadi guggul) ::: ० घट़क (content) ::: ० लाख (lakh). ० अस्थि श्रंखला . ० अर्जुन छाल. ० अश्वगंधा . ० नागबला. ० शुद्ध गुग्गुल. रोगाधिकार या लाक्षादि गुग्गुल के उपयोग (indication) ::: ० अस्थि भग्न (fracture). ० अस्थिच्युत . ० अस्थिमज्जा. ० अस्थिरूज्जा. मात्रा (Dosage) ::: दूध या जल से वैघकीय परामर्श से. योगराज गुग्गुल ::: घट़क (content) ::: ० चितृक (chitrak). ० पीपरामूल (pipramul). ० थवानी. ० कृष्ण जीरा. ० विड़ंग. ० अजमोदा. ० सफेद जीरा. ० देवदारू. ० चव्य. ० इलायची. ० सेन्धा नमक. ० कूढ़. ० रास्ना. ० गोक्षरू. ० धनिया. ० हरड़. ० बहेड़ा. ० आंवला . ० नागरमोथा. ० सोंठ. ० मरिच. ० पिपली. ० दालचीनी. ० खस. ० यवक्षार. ० तालीषपत्र. ० तेजपत्ता. ० घी. ० शुद्ध गुग्गुल. रोगाधिकार या योगराज गुग्गुल के उपयोग (indication) ::: ० उदर रोग ( various abdominal pain) ० आमवात. ० अाद्यवात. ० प

RUMETOID ARTHRITIS,

RUMETOID ARTHRITIS, गठिया या Rumetoid arthritis शरीर के जोंड़ों से संबधित व्याधि हैं, यह एक प्रकार की auto immune बीमारी हैं,जिसमें शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र अपने ही शरीर की कोशिकाओं (Tissue) को शरीर का शत्रु मान उनसे लड़ता हैं,फलस्वरूप जोंड़ों में तीव्र दर्द,सूजन प्रभावित अंगों का टेढ़ा मेढ़ा और चलने फिरनें में परेशानी से लेकर बुखार तक हो जाता हैं.यदि हम इसे दूसरी विकलांगता कहे तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. प्रकार (Type) ::: चिकित्सा जगत ने गठिया से सम्बंधित बीमारी को इनके प्रभावित करने वाले अंगों के आधार पर अनेक भागों में वर्गीकृत किया हैं,जैसे  ० रूमेटाइड़ अर्थराइटिस (Rumetoid arthritis) ० जिवेनाइल अर्थराइटिस ( juvenile arthritis) ० systematic Lupe's erithometosis. ० sironegetive SPONDYLOARTHOPETHIS. ० osteoarthritis. ० gout. ० scleroderma. ० osteoporosis. ० polymyosytis. ० Dermetomysytis. कारण ::: गठिया या Rumetoid arthritis ka satik karan का सटीक कारण अब तक पता नहीं चल सका हैं,किन्तु मरीज का विश्लेषण करें तो अनेक कारणों का पता आसा

NORMAL RANGE OF COMMON DIAGNOSTIC TESTS

#LIPOPROTEIN PANEL ::: CATEGORY.                 LEVEL 1.Disirable.             less than 200 mg/dl 2.Borderline           200--239 mg/DL 3.High.                     240 mg/DL above #LDL Cholesterol level  CATEGORY.                   LEVEL 1.optimal.                less than 100 mg/dl 2.Above optimal.    100 to 129 mg/dl 3.Borderline             130 to 159 mg/DL 4.High.                        160 to 189 mg/DL 5.very high.               190 mg/DL above #HDL CHOLESTEROL LEVEL CATEGORY.                  LEVEL 1.risky.                       less than 40 mg/Dl 2.better.                     40 to 49 mg/DL 3.protective.         60 mg/DL and above               # Blood pressure::: Normal condition   systolic pressure.    Diastolic pres.    120 mm of Hg.               80 mm of Hg.            # High blood pressure stage::: 1. stage 1.         mild.              140 - 159 2.stage 2.         mod

PUMPKIN :: कद्दू के औषधीय गुण और कद्दू में पाये जानें वाले पौषक तत्व

परिचय ::: कद्दू कद्दू (pumpkin) लता  (कुकर बिटेसी) परिवार का सब्जी के रूप में उपयोग किया जानें वाला फल हैं.कद्दू का लैट़िन नाम kaddu ka Latin nam  कुकर बिट़ा मैक्सिमा  और  बेनिनकेसा हिस्पिड़ा  हैं. इसे अलग -अलग नामों से भी जाना जाता हैं जैसे संस्कृत में ग्राम्य,बृहत्फल,पीत कुष्माण्ड़. मराठी में इसे तांबड़ा और भोपला कहतें हैं. बंगाली में इसे कुम्हड़ा तथा गुजराती में पीलु और कोल्हू कहा जाता हैं. कद्दू की प्रकृति ::: कद्दू शीतल,मधुर,बलवर्धक और पाचक होता हैं.यह पित्तशामक होता हैं. कद्दू में मौजूद पौषक तत्व :::   प्रोटीन.       नमी        वसा         मिनरल.     0.2 gm.      97gm.  0.1gm.     0.5gm कार्बोहाइड्रेट.       रेशा      कैल्सियम  फास्फोरस   2.7 gm.          0.6gm.  20 mg.    10 mg विटामिन A          विटामिन k.      लोह तत्व    1.4 iu.                 0.9 mg.        0.7 mg                                                                     ( प्रति 100 ग्राम) इसके अलावा कद्दू में विटामिन B  complex ,एन्टी आक्सीडेन्ट़ (anti oxidant) प

हँसना जीवन का सरल और महत्वपूर्ण व्यायाम Healthylifestyle,

हँसना  सिर्फ मनुष्य के नसीब में हैं,क्या आपनें कभी मनुष्य के अतिरिक्त अन्य जानवर को खिलखिलाकर हँसते देखा हैं,नहीं ना लेकिन फिर भी लोग हँसनें को लेकर इतनें कंजूस दिल होतें हैं,कि यदा कदा बस थोड़ा मुस्करा देतें हैं.हँसना एक प्रकार की थेरेपी हैं,जिसे लाफ्टर थेरेपी (laughter therpy) के नाम से जाना जाता हैं. तो आईयें  दोस्तों जानतें हैं हँसने के स्वास्थगत लाभों के बारें में :::: दिल खोलकर हँसनें से मनुष्य का सौन्दर्य निखरता हैं,क्योंकि चेहरे पर मोजूद माँसपेशियों में कसावट आकर झुर्रिया खत्म हो जाती हैं.शोधों से ये बात प्रमाणित हो चुकी हँसनें के दोरान चेहरें की लगभग सौ माँसपेशिया सक्रिय रहती हैं. :::: कैलिफोर्निया विश्वविधालय के शोधों के अनुसार हँसनें से शरीर की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं (cells) की मरम्मत तेजी से होती हैं,जिससे कैंसर, टी.बी.जैसी बीमारीयों के उपचार के दोरान ली गई दवाईयाँ अपना असर तीव्रता से दिखाती हैं. :::: हँसना मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर मनुष्य को जल्द होनें वालें बुढ़ापे से बचाता हैं.साथ ही एलर्जी, अस्थमा, एड्स  जैसे रोगों में जहाँ रोग प्रतिरोधक क्षमता कम ह