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भारत का स्वतंत्रता दिवस 🇮🇳।15 अगस्त 2021 पर भाषण और कविता

भारत का स्वतंत्रता दिवस 🇮🇳 , 15 अगस्त 2021 पर भाषण और कविता

मेरे प्यारे देश वासियों,

भारत का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2021,75 वें स्वतन्त्रता दिवस की आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
Bharat ka rastriy dhavj
 तिरंगा झंडा

जैसा कि आप जानते हैं, हमारा देश लगभग 300 वर्षों की गुलामी के बाद  आजाद हुआ था । आजादी के उस उल्लास को महसूस करने के लिये ही हम प्रतिवर्ष उल्लास और संकल्प से आबद्ध होकर यह पर्व मनाते हैं।
लेकिन इन 75 वर्षों में हमनें बहुत कुछ खोया और बहुत कुछ पाया हैं।यदि हम पाने की बात करें तो आज हम विश्व के लोकतंत्र बनकर दुनिया को लोकतंत्र का पाठ पढ़ा रहे है।

लोकतंत्र के मंदिर हमारी '' संसद '' को स्थापित करने में अनेक महापुरुषों जैसे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चन्द्र बोस, भीम राव अम्बेडकर, सरदार पटेल, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद जैसे व्यक्तित्वों का बलिदान लगा हैं।

लेकिन आज सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है क्या हम इन महापुरुषों की विरासत और इनके नव भारत निर्माण के संकल्प को पूरा कर सके हैं ?

आजादी को एक लंबा वक़्त बीत जाने के बाद भी हमारा यह संकल्प इतना पीछे क्यों रह गया ?

एक लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी हम सविंधान मूलक धर्मनिरपेक्ष, समानता ,औऱ जात पात से मुक्त व्यवस्था क्यों नहीं निर्मित कर सके ?

क्या इन समस्याओं , गरीबी, पिछड़ापन,अशिक्षा आदि के रहते हम भारत को " विश्व गुरु "बनाने की कामना कर सकते हैं। ?

आज हमें आवश्यकता इस बात की हैं कि हम हमारे प्राचीन गौरवो राम,कृष्ण, महावीर, गांधी ,अशोक और बुद्ध के पदचिन्हों पर चलते हुए पुनः भारत को विश्व गुरु के पद पर काबिज करें ।ताकि आने वाली पीढ़ी हमारे कार्यो पर गर्व महूसस कर सके।

इसके लिये में निम्नलिखित शक्तियों से आव्हान करना चाहता हूँ 

#  युवा शक्ति 

भारत दुनिया में सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश हैं।हमारे युवा न केवल देश के विकास को आगे ले जा रहे हैं।अपितु दुनिया के तमाम विकसित देशों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बने हुए हैं।

लेकिन आज आवश्यकता इस बात की हैं कि हमारे युवाओं को विध्वंसक गतिविधियों की और ध्यान देने की बजाय राष्ट्र निर्माण और चरित्र निर्माण पर ध्यान देना चाहिए.

सरकारी नोकरी, प्राइवेट नोकरी की और ताकने के बजाय खुद का बिज़नेस स्थापित कर नोकरी लेने वाला नहीं, नोकरी देने वाला बने ।


स्टार्टअप इंडिया, स्टेण्डअप इंडिया, युवा उधमी जैसी कई योजनाएं युवाओं के स्वरोजगार स्थापना हेतु सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं।इनका फायदा युवा अवश्य उठावे।

मैं युवा बहनो से आह्वान करना चाहता हूं कि आपके सामने परिस्थितिया चाहे कितनी भी विकट क्यों न आ जाये ,अपने सपनो का पीछा करना मत छोड़ना ।

यदि आप संघर्ष में सफल होती हैं तो देश चार क़दम आगे चलेगा और भारत को फिर से वही "" सोने की चिड़िया"'' वाली प्रतिष्ठा प्राप्त कर सकेगा।

देश के नागरिकों से आव्हान करना चाहता हूँ वे बच्चों को राष्ट्रभक्ति के संस्कार के साथ महिलाओं की इज्ज़त देना व उनके आत्मसम्मान को महत्व देना सिखाये ।

ये देश रानी लक्ष्मीबाई,दुर्गाबाई, अहिल्या देवी, अवन्तिबाई जैसी वीरांगनाओं का हैं ।

समाज का अस्तित्व महिलाओं से ही जुड़ा है ।अतः महिला जितनी सशक्त होगी राष्ट्र भी उतना ही सशक्त होगा।

युवाओं से में आव्हान करना चाहता हूँ कि वे समय मिलने पर उन स्मारकों पर शीश नवाने जरूर जाये जहां हमारे वीर बलिदानियो का समय गुजरा हैं।इससे देशभक्ति की प्रेरणा मिलती हैं।

संस्कृति और देश की परम्पराओ के प्रति समझ बढ़ती हैं।


# पर्यावरण 

इस बार का 75 वां स्वतंत्रता दिवस एक अन्य महत्वपूर्ण त्योहार  " नाग पंचमी '' के साथ आ रहा हैं। ये त्यौहार हमें पर्यावरण की रक्षा और पारिस्थितिक सन्तुलन बनाने के प्रति प्रेरित करता हैं।

पर्यावरण प्रदूषण आज विश्व के साथ भारत की बढ़ी चुनोती बन गया है।

गंगा, यमुना, नर्मदा, कावेरी,गोदावरी, क्षिप्रा और ब्रह्मपुत्र जैसी जीवनदायी नदियों ने सदियों से देश की सभ्यता और संस्कृति को सींचा हैं, लेकिन आज ये नदियां अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं।

एक सच्चे नागरिक का परिचय देते हुए इन नदियों में कूड़ा करकट, पूजन सामग्री और सीवेज प्रवाहित न करके इनकी दशा में सुधार लाये ये आपके प्रयासों से ही सम्भव होगा।

प्लास्टिक मुक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें। 

पौधा लगाने के साथ उसका पेड़ बनने तक उसका संरक्षण करें।


# स्वास्थ्य


देश का नागरिक स्वस्थ रहेगा तो देश भी स्वस्थ रहेगा, देश के नागरिक लम्बा और गुणवत्ता वाला जीवन व्यतीत करें, इसके लिये प्रत्येक नागरिक योग,व्यायाम को जीवन का अनिवार्य अंग बना लें।

स्वास्थ्य को उन्नत करने वाले आहारों का सेवन करें।

शराब, गांजा, तम्बाकू, सिगरेट जैसी बुराइयों से दूर रहे ताकि आपका परिवार और देश खुशहाल बन सके।


# सैनिक ##


मैं देश के उन लाखों सैनिको की देशभक्ति को नमन करता हूँ जो अपने परिवार से हजारों किलोमीटर दूर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक ,असम से लेकर दमन दीव तक देश की सीमाओं की रक्षा अपने प्राणों की परवाह नहीं करते हुए कर रहे हैं।

मैं आपको कहना चाहता हूँ
पुणयतम् पूज्यतम् विश्ववरिष्ठम्।सुरमयतम् भव्यतम् सर्वश्रेष्ठम्

साथ ही देश के युवाओं से अपील करना चाहता हूँ ।कि वे देश की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहे।


# राज्य


भारत के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भारत रुपी माला में पिरोये मोती हैं।इन मोतियों से ही माला की शोभा हैं।

इन राज्यों को देश की एकता अखंडता और तरक्की के लिए काम करना चाहिए।

इन राज्यों में निवासरत नागरिक, यहां की सरकारें देश के विकास के लिए कन्धे से कंधा मिलाकर आगे बढ़े।

# किसान 


भारत की सस्य श्यामला भूमि ने अनाज, दूध, फल, सब्जियों के भंडार भरकर इस देश मे हरित क्रांति, श्वेतक्रान्ति ,पीली क्रांति को सम्भव बनाया है ।

इन क्रांतियों को सम्भव बनाने में हमारे किसानों की भी अथक मेहनत हैं।

देश में अनाजो,फल ,सब्जियों के भण्डार भरे पड़े हैं,इनका उचित दाम किसानों को मिले इसके लिये हमें इनके निर्यात और प्रसंस्करण पर ध्यान देना होगा।

सरकार और निजी क्षेत्र के उद्यमी मिलकर किसानों को बेहतर आय का स्त्रोत उपलब्ध करा सकते हैं। ताकि किसान भी एक कदम आगे बढ़े और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना शीघ्र पूरा हो सके ।

# विज्ञान 


विज्ञान और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के मामले में हम विश्व के विकसित राष्ट्रों के समकक्ष खड़े हैं।

हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने विभिन्न देशों के एक साथ 106 उपग्रहों को अंतरिक्ष मे सफलता पूर्वक स्थापित कर देश का मान विश्व के सामने बढ़ाया हैं।
और अंतरिक्ष से राजस्व के नए स्त्रोत अर्जित किये हैं। इसके लिए देश के वैज्ञानिक और इंजिनीयर बधाई के पात्र हैं।

अंत में कुछ चुनिंदा पंक्तियों के साथ अपनी बात को विराम देना चाहता हूँ।

अपनी सभ्यता, संस्कृति से, मैंने वह पाया हैं।इस धरती से उस अम्बर तक जो सबसे प्यारा हैं।।

जय हिंद 

भारत माता की जय




# कहानी आज़ादी की  


""भारत में चतुर फिरंगी कुटिल चाल से बैठ गया था।हम सब आपस में बिखरे देश हित का ध्यान नहीं।।''"

""एक दूजे से लड़ते थे समझ नहीं थीं ज्ञान नही, कुछ साल बीत गये।छिन गई आजादी आखिर अत्याचार भयानक,जब सीमा को तोड़ने लगे,वीरो ने खुद को धिक्कारा ।''"

""आजादी के सपने जागें।एक दिन 1857 आया अंग्रेजों को मार भगाने का सबने मिलकर कदम उठाया, लक्ष्मीबाई,, तंत्याटोपे, मंगल पांडे वीरो ने कहा हटो अंग्रेजों यहाँ से, हमारा हिंदुस्तान हैं।''"

""पर साधन थे सीमित ,सूझ बूझ का ज्ञान नहीं।लक्ष्मीबाई अंग्रेजों से लड़ते लड़ते स्वर्ग सिधारी थीं।।खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी ।।"''

'''"अंग्रेजों ने देश हमारा जी भर लूटा था, जिसके सपने देख रहा था पर भाग्य बीच मे आकर फूटा था गांधी ने युद्ध भूमि में जा ललकारा, सुनकर, उनको देश, यह जाग पड़ा सारा का सारा ।

वीरो की कुर्बानी रंग लाई और वह दिन आया।देश ने अपना खोया गौरव पाया।। 15 अगस्त 1947 की शुभ घड़ी आयी भारत ने आजादी पाई।भारत ने आजादी पाई ।।''''


● यह भी पढ़े

● संथाल विद्रोह



15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा रचित कविता 👉


पन्द्रह अगस्त का दिन कहता आज़ादी अभी अधूरी हैं ।सपनें सच होंने बाकी हैं,रावी की शपथ न पूरी हैं ।।

जिनकी लाशों पर पग धरकर आजादी भारत में आयी । वे अब तक हैं खानाबदोश गम की काली बदली छाई ।।

कलकत्ते के फुटपाथों पर जो आंधी - पानी सहते हैं।उनसे पूछो पन्द्रह अगस्त के बारे में क्या कहते हैं।।

हिंदू के नाते उनका दुःख सुनते यदि तुम्हें लाज आती ।तो सीमा के उस पार चलो सभ्यता जँहा कुचली जाती ।इंसान जँहा बेचा जाता,ईमान खरीदा जाता।इस्लाम सिसकियां भरता हैं,डॉलर मन मे मुस्काता हैं।।

भूखों कों गोली नगों को हथियार पिन्हाये जाते हैं।सूखे कण्ठों से जेहादी नारे लगवाये जाते हैं।।

लाहौर,कराची,ढाका पर मातम की हैं काली छाया।पख़्तूनों पर,गिलगित पर हैं ग़मगीन ग़ुलामी का साया ।।

बस इसलिए तो कहता हूँ आज़ादी अभी अधूरी हैं। कैसे उल्लास मनाऊं मैं ? थोड़े दिन की मज़बूरी हैं।।

दिन दूर नहीं खंडित भारत को पुनः अखण्ड बनाएंगे । गिलगित से गारो पर्वत तक आज़ादी पर्व मनाएंगे।।

उस स्वर्ण दिवस के लिये आज से कमर कसे बलिदान करें।जो पाया उसमें खो न जायें,जो खोया उसका ध्यान करें ।।














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