सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

म.प्र.की प्रमुख नदी [river]

म.प्र.की प्रमुख नदी [river] 

म.प्र.भारत का ह्रदय प्रदेश होनें के साथ - साथ नदी,पहाड़,जंगल,पशु - पक्षी,जीव - जंतुओं के मामलें में देश का अग्रणी राज्य हैं.
map mp
 river map of mp

प्रदेश में बहनें वाली सदानीरा नदीयों ने प्रदेश की मिट्टी को उपजाऊ बनाकर सम्पूर्ण प्रदेश को पोषित और पल्लवित किया हैं.यही कारण हैं कि यह प्रदेश "नदीयों का मायका" उपनाम से प्रसिद्ध हैं.

ऐसी ही कुछ महत्वपूर्ण नदियाँ प्रदेश में प्रवाहित होती हैं,जिनकी चर्चा यहाँ प्रासंगिक हैं.





#१.नर्मदा

नर्मदा म.प्र.की जीवनरेखा कही जाती हैं.इस नदी के किनारें अनेक  सभ्यताओं ने जन्म लिया .


नर्मदा नदी कहां से निकलती है ?


यह नदी प्रदेश के अमरकंटक जिला अनूपपुर स्थित " विंध्याँचल " की पर्वतमालाओं से निकलती हैं.

नर्मदा प्रदेश की सबसे लम्बी नदी हैं,इसकी कुल लम्बाई 1312 किमी हैं.

म.प्र.में यह नदी 1077 किमी भू भाग पर बहती हैं.बाकि 161 किलोमीटर गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में बहती हैं.

नर्मदा प्रदेश के 15 जिलों से होकर बहती हैं जिनमें शामिल हैं,अनूपपुर,मंड़ला,डिंडोरी,जबलपुर,नरसिंहपुर,रायसेन,होशंगाबाद,सिहोर,हरदा,देवास,खंडवा,खरगौन,बड़वानी,धार और अलीराजपुर जिला सम्मिलित हैं.

नर्मदा विंध्याचल और सतपुड़ा पर्वत मालाओं के बीच से रिफ्ट घाटी (v shape) में बहती हैं.नर्मदा नदी के किनारें विश्व प्रसिद्घ ज्योर्तिलिंग 'ओंकारेश्वर' स्थित हैं । इसी प्रकार एंडवेचर गतिविधियों के लिए प्रसिद्व हनुवंतिया टापू नर्मदा नदी पर बने बांध इंदिरा सागर के बेकवाटर में स्थित हैं ।


नर्मदा की सहायक नदीयाँ


नर्मदा की कुल 41 सहायक नदी हैं जो नर्मदा के दाँयें और बाँयें तट़ से नर्मदा से मिलती हैं.

दाँये तट से मिलनें वाली सहायक नदीयाँ

हिरन,तिन्दोली,बनास,चन्द्रकेशर,कानर,बरना,उरी हथनी आदि

बाँयें तट से मिलनें वाली नदीयाँ


शेर,शक्कर,दूधी,मान,बरनार,बंजर,तवा,गंजाल,छोटी तवा,कु्ंदी,देव और गोई आदि 

नर्मदा नदी धुँआधार जलप्रपात ,कपिलधार जलप्रपात, दुग्धधारा जलप्रपात, सहस्त्रधारा जल प्रपात,मंधार जलप्रपात और दरदी जलप्रपात बनाती हैं.

० यह भी पढ़े👇👇👇


● ओरछा और ग्वालियर के बारें में जानें


● फ्रांस की क्रांति




# नर्मदा नदी का अपवाह क्षेत्र कितना है?


नर्मदा का अपवाह 98,496 वर्ग किमी हैं.नर्मदा अपवाह की दृष्टि से भारत की पाँचवी सबसे बडी नदी हैं.


#.नर्मदा पर स्थित परियोजनाएँ 


नर्मदा के पानी के इस्तेमाल को दृष्टिगत रखते हुए सन् 1981 में "नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण"का गठन किया गया था। जो नर्मदा और इसकी सहायक नदियों पर 29 बड़ी,133 मझोली और 3000 लघु परियोजना बनाने के लिए प्रयासरत हैं।


• सरदार सरोवर परियोजना : यह परियोजना म.प्र.,राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना हैं.



• रानी अँवतीबाई सागर परियोजना जबलपुर म.प्र.



• इन्दिरा सागर परियोजना (पुनासा)खंडवा 


• शहीद चन्द्रशेखर आजाद परियोजना


• बरगी दांयी तट परियोजना

• तना परियोजना

• डालना परियोजना

• ओंकारेश्वर परियोजना

• अपरवेदा परियोजना

• लोअर गोई परियोजना


#.नर्मदा नदी कहां जाकर गिरती है


नर्मदा म.प्र.से होती हुई खम्बात की खाड़ी (गुजरात) में गिरनें से पहलें एश्चुरी बनाती हैं.

नर्मदा पूर्व से पश्चिम की ओर बहनें वाली नदी हैं.



#२.चम्बल नदी (Chambal river)

चम्बल मध्यप्रदेश की दूसरी सबसे बडी नदी हैं.इसका प्राचीन नाम चर्मावती हैं.


●यह भी पढ़े 👇👇👇



● सौर मंडल के बारें में जानें



● जैविक खेती बिना किसानों की आय दुगनी नहीं होगी



●सिंधु घाटी सभ्यता के पतन का कारण



# चम्बल नदी कहां से निकलती है

चम्बल नदी इन्दौर के निकट जानापाव पहाड़ी से निकलती हैं.यह स्थान विंध्याँचल पर्वतमालाओं में  854 मीटर ऊँचाई पर स्थित हैं.

इस नदी की लम्बाई 965 किमी हैं.

यह नदी म.प्र.के उज्जैन, रतलाम,मंदसौर,नीमच,धार और इन्दौर जिलों से होकर बहती हैं.


# चम्बल नदी की  सहायक नदीयाँ कोंन सी है



कालीसिंध,पार्वती,क्षिप्रा और बनास


# चम्बल नदी पर स्थित परियोजनायें :::



चम्बल नदी पर मध्यप्रदेश की प्रथम जलविधुत परियोजना गाँधी सागर नाम से बनायी गई हैं,जो नीमच के निकट स्थित हैं.


इसी प्रकार जवाहर सागर कोटा के पास और राणा प्रताप सागर चित्तौड़गढ़ के पास स्थित जलविधुत और सिंचाई परियोजना हैं.


चम्बल नदी पर स्थित यह परियोजनायें म.प्र.और राजस्थान की संयुक्त परियोजना हैं.


चम्बल नदी पर चूलिया जलप्रपात स्थित हैं जिसकी ऊँचाई 18 मीटर हैं.


# चम्बल नदी कहां जाकर गिरती है



चम्बल नदी उत्तर पूर्व की ओर बहते हुये इटावा (उत्तर प्रदेश) के निकट यमुना नदी में मिल जाती हैं.यह नदी गंगा नदी तंत्र में सम्मिलित हैं.


यमुना नदी से मिलनें से पूर्व इस नदी ने अवनालिका अपरदन के द्धारा प्रदेश के भिंड़ मुरेना क्षेत्रों में गहरें खड्ड निर्मित किये हैं जो एक समय डाकूओं की शरणस्थली बन गये थे और कानून व्यवस्था की समस्या बन गये थे.

# ३.सोन नदी



सोन नदी प्रदेश की तीसरी बडी नदी हैं जिसकी कुल लम्बाई 780 किमी हैं.

# सोने नदी कहां से निकलती है


सोन नदी नर्मदा नदी के उद्गम स्थल (अमरकंटक) के निकट से निकलती हैं.विंध्याँचल पर्वत में यह स्थल नर्मदा के उद्गम स्थल से तीन किलोमीटर के अँदर स्थित हैं.


सोन नदी का अपवाह क्षेत्र 17_990 वर्ग किमी हैं.


# सोन नदी पर स्थित परियोजना



सोन नदी पर म.प्र.,उत्तर प्रदेश और बिहार की संयुक्त परियोजना " बाणसागर"स्थित हैं.

शहडोल जिलें में देवलोद बाँध इसी नदी पर बना हैं.



# सोने नदी किस नदी से मिलती हैं?


सोन नदी मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश और बिहार में बहती हुई पटना के पास दीनापुर में गंगा नदी में मिल जाती हैं.



# ४.ताप्ती नदी ( Tapti river)



ताप्ती प्रदेश की चौथी बड़ी नदी हैं .जिसकी कुल लम्बाई 724 किमी हैं.

यह नदी नर्मदा के समानांतर बहती हुई म.प्र.की दक्षिणी सीमा निर्धारित करती हैं.बुरहानपुर ताप्ती नदी के तट पर बसा प्रदेश का प्रमुख नगर हैं.


ताप्ती नदी का उदगम स्थल कहां है


ताप्ती बेतूल जिले के मुल्ताई के निकट से उद्गमित होती हैं.


ताप्ती नदी की सहायक नदीयाँ कौंन सी है?


पूरणा,बाघुड़,गिरना,बोरी,और शिवा ताप्ती की सहायक नदीयाँ हैं.

# समापन

यह नदी सूरत के निकट  अरब सागर (खम्बात की खाड़ी) में समाहित हो जाती हैं.

# ५.बेतवा


बेतवा प्रदेश की पाँचवी बड़ी नदी हैं,जो मालवा के पूर्वी भाग का जल लेकर बहती हैं.इस नदी की लम्बाई 380 किमी हैं.

यह म.प्र.के विदिशा,सागर,गुना और टीकमगढ़ जिलो में बहती हैं.साँची नगर इसी नदी के किनारें पर बसा हैं.



# बेतवा नदी का उदगम


बेतवा नदी रायसेन जिले के कुमरा गाँव के निकट विंध्याँचल पर्वतमालाओं से निकलती हैं.


# बेतवा की सहायक नदियाँ


बीना,धसान,सिंध,देनवा,मालिनी,सुखतवा,कालीभीत



# बेतवा पर स्थित परियोजना



महारानी लक्ष्मीबाई परियोजना (माताटीला बाँध)


भांडेर नहर और हलाली नहर


# बेतवा नदी किस नदी में जाकर मिलती है


बेतवा उत्तर प्रदेश के हमीरपुर के पास यमुना नदी में मिल जाती हैं.


# ६.क्षिप्रा नदी ( kshipra river)



क्षिप्रा नदी 195 किमी लम्बी नदी हैं,इस नदी के किनारें उज्जैन बसा हुआ हैं,जहाँ प्रति बारह वर्ष में " सिंहस्थ " मेला आयोजित होता हैं.


# क्षिप्रा का उदगम


क्षिप्रा इन्दौर के निकट " काकडी बल्डी "नामक स्थल से निकलती हैं.


# क्षिप्रा की सहायक नदी


खान और गंभीर

क्षिप्रा नदी किस नदी से जाकर मिलती है

क्षिप्रा देवास,उज्जैन, रतलाम,मंदसौर जिलों में बहती हुई चम्बल नदी में मिल जाती हैं.



# ७.तवा नदी ( Tava river)


यह नदीं पंचमढ़ी स्थित महादेव पर्वत से निकलती हैं.


# तवा नदी पर स्थित परियोजना


तवा परियोजना ( होशंगाबाद),इस परियोजना से 3.33 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती हैं.


# तवा नदी कहां जाकर गिरती है



नर्मदा नदी में ( होशंगाबाद में)



# ८.बैनगंगा नदी ( Benganga river)




बैनगंगा प्रदेश के दक्षिण भाग में प्रवाहित होनें वाली महत्वपूर्ण नदी हैं.जो सिवनी और बालाघाट जिले में प्रवाहित होती है.इस नदी का वर्धा नदी से जब संगम होता हैं तो उसे " प्राणहिता " के नाम से जाना जाता हैं.


# बैनगंगा नदी का उदगम स्थल कहां है


परसवाड़ा पठार जिला सिवनी से


# वैनगंगा पर निर्मित परियोजनायें


संजय सरोवर परियोजना (अपर वैनगंगा) इस परियोजना से सिवनी और बालाघाट जिले की 1.03 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित होती हैं.


# ९.कैन नदी ( Ken river)


कैन नदी को शुक्तिमति,दिर्णावती भी कहा जाता हैं.


# केन नदी का उदगम स्थल कहां है?



विंध्याँचल पर्वत से निकलती हैं.



# केन नदी किस नदी से जाकर मिलती है



कटनी,पन्ना और बांदा (उ.प्र.) जिलों से होती हुई गोदावरी नदी में मिल जाती हैं.


#१० सिंध नदी ( Sindh river)



सिंध नदी सिंरोज (गुना) से निकलकर उ.प्र.में जाकर यमुना नदी में मिल जाती हैं.


# ११.कालीसिंध नदी ( Kalisindh river)


कालीसिंध नदी की लम्बाई 150 किमी हैं.यह नदी गर्मीयों के समय सूख जाती हैं.इसी बात को दृष्टिगत रखतें हुये म.प्र.शासन ने इस नदी को नर्मदा नदी से जोड़नें की योजना की रूपरेखा बनाई हैं.

सोनकच्छ नगर इस नदी के तट पर बसा हुआ हैं


# कालीसिंध नदी का उदगम स्थल कहां है?



यह नदी देवास जिले के बागली नगर के समीप से निकलती हैं.


# कालीसिंध नदी किस नदी से मिलती है

राजस्थान में चम्बल नदी में मिल जाती हैं.



# १२.पार्वती नदी ( Parvati river )


यह नदी कालीसिंध नदी के समानांतर बहती हैं.


# उदगम


सिहोर जिले के आष्टा नगर के समीप से निकलती हैं.इस नदी के किनारें आष्टा,शाजापुर और राजगढ़ नगर बसे हुये हैं.


# समापन


चम्बल नदी में मिल जाती हैं.


#१३. कूनो नदी ( Kuno river )


इस नदी की लम्बाई 180 किमी हैं.

# उदगम


शिवपुरी पठार से निकलती हैं.


# कूनो पर निर्मित परियोजनायें



इस नदी पर केन बहुउद्देश्यीय परियोजना निर्मित हैं,जो छतरपुर और पन्ना जिलें को सिंचित करती हैं.इससे 50 मेगावाट बिजली उत्पादन भी होता हैं.

यह परियोजना म.प्र.और उ.प्र.की संयुक्त परियोजना हैं.

# समापन


चम्बल नदी में मिल जाती हैं.

#१४. वर्धा नदी ( vardha river)


यह नदी वर्धन शिखर बैतूल से निकलती हैं.

# समापन


चम्बल नदी में

#१५.शक्कर नदी ( sakkar river )


यह नदी अमरवाड़ा जिला छिंदवाड़ा से निकलती हैं.

# समापन


चम्बल नदी में मिल जाती हैं.

# १६.गार नदी ( Garr river )

लखनादोन जिला सिवनी से निकलती हैं और नर्मदा नदी में मिल जाती हैं.

# १७.टोंस नदी ( Tons river )


सतना जिले में स्थित कैमूर पहाड़ी से उदगम तथा उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में मिल जाती हैं.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गेरू के औषधीय प्रयोग

गेरू के औषधीय प्रयोग गेरू के औषधीय प्रयोग   आयुर्वेद चिकित्सा में कुछ औषधीयाँ सामान्य जन के मन में  इतना आश्चर्य पैदा करती हैं कि कई लोग इन्हें तब तक औषधी नही मानतें जब तक की इनके विशिष्ट प्रभाव को महसूस नही कर लें । गेरु भी उसी श्रेणी की   आयुर्वेदिक औषधी   हैं। जो सामान्य मिट्टी   से   कहीं अधिक   इसके   विशिष्ट गुणों के लिए जानी जाती हैं। गेरु लाल रंग की मिट्टी होती हैं। जो सम्पूर्ण भारत में बहुतायत मात्रा में मिलती हैं। इसे गेरु या सेनागेरु कहते हैं। गेरू  आयुर्वेद की विशिष्ट औषधि हैं जिसका प्रयोग रोग निदान में बहुतायत किया जाता हैं । गेरू का संस्कृत नाम  गेरू को संस्कृत में गेरिक ,स्वर्णगेरिक तथा पाषाण गेरिक के नाम से जाना जाता हैं । गेरू का लेटिन नाम  गेरू   silicate of aluminia  के नाम से जानी जाती हैं । गेरू की आयुर्वेद मतानुसार प्रकृति गेरू स्निग्ध ,मधुर कसैला ,और शीतल होता हैं । गेरू के औषधीय प्रयोग 1. आंतरिक रक्तस्त्राव रोकनें में गेरू शरीर के किसी भी हिस्से में होनें वाले रक्तस्त्राव को कम करने वाली सर्वमान्य औषधी हैं । इसके ल

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER

PATANJALI BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER  पतंजलि आयुर्वेद ने high blood pressure की नई गोली BPGRIT निकाली हैं। इसके पहले पतंजलि आयुर्वेद ने उच्च रक्तचाप के लिए Divya Mukta Vati निकाली थी। अब सवाल उठता हैं कि पतंजलि आयुर्वेद को मुक्ता वटी के अलावा बीपी ग्रिट निकालने की क्या आवश्यकता बढ़ी। तो आईए जानतें हैं BPGRIT VS DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER के बारें में कुछ महत्वपूर्ण बातें BPGRIT INGREDIENTS 1.अर्जुन छाल चूर्ण ( Terminalia Arjuna ) 150 मिलीग्राम 2.अनारदाना ( Punica granatum ) 100 मिलीग्राम 3.गोखरु ( Tribulus Terrestris  ) 100 मिलीग्राम 4.लहसुन ( Allium sativam ) 100  मिलीग्राम 5.दालचीनी (Cinnamon zeylanicun) 50 मिलीग्राम 6.शुद्ध  गुग्गुल ( Commiphora mukul )  7.गोंद रेजिन 10 मिलीग्राम 8.बबूल‌ गोंद 8 मिलीग्राम 9.टेल्कम (Hydrated Magnesium silicate) 8 मिलीग्राम 10. Microcrystlline cellulose 16 मिलीग्राम 11. Sodium carboxmethyle cellulose 8 मिलीग्राम DIVYA MUKTA VATI EXTRA POWER INGREDIENTS 1.गजवा  ( Onosma Bracteatum) 2.ब्राम्ही ( Bacopa monnieri) 3.शंखपुष्पी (Convolvulus pl

होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर #1 से नम्बर #28 तक Homeopathic bio combination in hindi

  1.बायो काम्बिनेशन नम्बर 1 एनिमिया के लिये होम्योपैथिक बायोकाम्बिनेशन नम्बर 1 का उपयोग रक्ताल्पता या एनिमिया को दूर करनें के लियें किया जाता हैं । रक्ताल्पता या एनिमिया शरीर की एक ऐसी अवस्था हैं जिसमें रक्त में हिमोग्लोबिन की सघनता कम हो जाती हैं । हिमोग्लोबिन की कमी होनें से रक्त में आक्सीजन कम परिवहन हो पाता हैं ।  W.H.O.के अनुसार यदि पुरूष में 13 gm/100 ML ,और स्त्री में 12 gm/100ML से कम हिमोग्लोबिन रक्त में हैं तो इसका मतलब हैं कि व्यक्ति एनिमिक या रक्ताल्पता से ग्रसित हैं । एनिमिया के लक्षण ::: 1.शरीर में थकान 2.काम करतें समय साँस लेनें में परेशानी होना 3.चक्कर  आना  4.सिरदर्द 5. हाथों की हथेली और चेहरा पीला होना 6.ह्रदय की असामान्य धड़कन 7.ankle पर सूजन आना 8. अधिक उम्र के लोगों में ह्रदय शूल होना 9.किसी चोंट या बीमारी के कारण शरीर से अधिक रक्त निकलना बायोकाम्बिनेशन नम्बर  1 के मुख्य घटक ० केल्केरिया फास्फोरिका 3x ० फेंरम फास्फोरिकम 3x ० नेट्रम म्यूरिटिकम 6x