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आवाज से चिढ़ कही मीजोफोनिया तो नही [MEZOFONIA]

मीजोफोनिया

"चेतना अपनी इकलोती बेट़ी से बहुत प्यार करती हैं,और उसके स्कूल से लोट़ने पर उसे प्यारपूर्वक खाना खिलाती हैं.किन्तु पिछले एक महिनें से चेतना के व्यहवार में अजीब - सा परिवर्तन देखा जा रहा हैं,कि चेतना जब भी अपनी इकलोती बेट़ी को खाना खिलाती तो उसकी बेट़ी द्धारा खाना चबातें समय निकलनें वाली आवाज को सुनकर अपनी बेट़ी को जोर - जोर से चिल्लाकर डाँट़नें लगती कभी - कभी तो वह अपनी बेट़ी को जोर - जोर से थप्पड़ मारनें लगती चेतना के इस व्यहवार को देखकर उसकी सास बहुत परेशान हो गई और उसकी इस हरकत की शिकायत अपनें बेटे से कर दी,जब चेतना का पति उसे मनोचिकित्सक के पास ले गया तो पता लगा चेतना एक प्रकार की मानसिक बीमारी से ग्रसित हैं,जिसे मीजोफोनिया कहते हैं."

 मीजोफोनिया क्या होता हैं


मीजोफोनिया एक मानसिक बीमारी हैं,जिससे प्रभावित व्यक्ति कुछ विशेष आवाजों के प्रति इतनें संवेदनशील हो जातें हैं,कि उन आवाजों के प्रति हिंसक व्यहवार से लेकर चिड़चिड़ापन प्रदर्शित करते हैं.इन आवाजों में शामिल हैं कम्प्यूटर प्रिंटर या की बोर्ड़ की आवाज़,दरवाजें खिड़की के बंद या खुलनें की आवाज ,खर्राटे लेनें की आवाज,होंठों से चपचप की आवाज, जूतों की आवाज, गला साफ करना,बर्तनों की आवाज आदि.

मीजोफोनिया के लक्षण :::


मीजोफोनिया से ग्रसित व्यक्ति जैसे ही व्यक्ति कुछ विशेष आवाज या ट्रिगर्स को सुनता हैं निम्न लक्षण उसमें उभरतें हैं.

१.चिड़चिड़ापन


२.हिंसा या मारपीट़ पर उतरना.


३.सामाजिक रूप से अपनें को अलग - थलग कर लेता हैं.


४.ट्रिगर्स को सुनकर चक्कर आना या बेहोश होना.


५.रोना


६.भयभीत रहना की कही से आवाज या ट्रिगर्स नही सुनाई दे जायें.

मीजोफोनिया का इलाज (Treatment) :::

१.इस बीमारी की पहचान होतें ही मनोचिकित्सक के पास रोगी की कांउसलिंग शुरू करवा देनी चाहियें .


२.योग ,ध्यान और मस्तिष्क की एकाग्रता से संबधित व्यायाम इसमें बहुत फायदेमंद होतें हैं.


३."ऊँ" का आधे घंटे नियमित उच्चारण करनें से बहुत फायदा मिलता हैं.


४.ब्राम्ही वटी सुबह शाम दो - दो शहद के साथ लेनें से मस्तिष्क शाँत रहता हैं.


५.यदि कही से ऐसी आवाज आ रही हैं,जिससे की चिड़चिड़ापन हो रहा हैं,तो उस आवाज को सुननें की अपेक्षा अपना ध्यान अन्य ऐसे कामों की ओर लगायें जो आपको बहुत पसंद हो.

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